वैदिक ज्योतिष, वास्तुशास्त्र,अंक ज्योतिष, रत्न ज्योतिष, हीलिंग,पुजा व अनुष्ठान आदि के ज्ञाता
Friday, 31 July 2020
दुर्घटना होने के योग
मिथुन राशि
Wednesday, 29 July 2020
स्त्री व्यवहार और ज्योतिष
5 नंबर
🌻मूलांक (5) के बारे में🌻
👉स्वाभाविक विशेषताएं👈
👪पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन👪
Monday, 27 July 2020
राखी
🏵रक्षाबंधन पर्व🏵
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भारत में श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को राखी, श्रावणी, सावनी, और सलूनों के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन राखी के धागे को कवच सा शक्तिशाली माना गया है, जो कच्चे सूत, रंगीन कलावे और रेशमी धागे से निर्मित है। राखी का यह धागा रक्षा के संकल्प का पवित्र प्रतीक है। यह आंतरिक और बाह्य भय के उन्मूलन का पर्व है। इस पर्व भाई-बहन, गुरु-शिष्य, प्रकृति और मनुष्य के मध्य तारतम्य स्थापित कर सक्षम और समर्थ से अबला और कमजोर की सुरक्षा के संकल्प का त्योहार है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार 3 अगस्त 2020 को यानि सावन के समापन के साथ पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व सर्वार्थ सिद्धी योग एवं आयुषमान योग की संधि में मनाया जाएगा। इसी दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेंगी
Sunday, 26 July 2020
मूलांक 4
Saturday, 25 July 2020
सूर्य के उपाय
☀सूर्य के उपाय एवं शान्ति ☀
वृष राशि के बारे में
🌻वृष राशि के बारे में🌻
वृष राशि(अक्षर तालिका- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वृष राशि बारह राशियों में द्वितीय स्थान रखने वाली राशि है। वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है तथा वृष राशि का चिह्न बैल है। बैल के समान ही स्वभाव वृष राशि के जातक में भी पाया जाता है। यह स्त्री राशि, हृस्वाकार,सोम्य स्वभाव, स्थिर राशि, रात्रि बली, पृष्ठोंदय प्रधान, जलाश्रयी, चतुष्पदी प्रधान और दक्षिण दिशा की स्वामिनी मानी जाने वाली यह राशि दशम भाव में बली या प्रखर होती है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वृष का अर्थ होता है बैल जो कि स्वभाव से ही अधिक पारिश्रमी, शक्तिशाली और बहुत अधिक वीर्यवान होता है और प्राय वह शांत रहता है किन्तु क्रोध आने पर वह उग्र रूप धारण कर लेता है।
✍चारित्रिक विशेषताएं ✍
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वृष राशि के पुरुष हठी, जिद्दी, भावुक महत्वाकांक्षी,एवं परिश्रमी होते हैं। इनका उद्देश्य सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य के साधन जुटाने का होता है। ये व्यवहार कुशल, सहनशील एवं दृढ़ता से कर्मरत रहकर अन्त में लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। प्रेम के क्षेत्र में पूर्ण व्यवहारिक होते हैं। ये अनुभवी एवं सफल गृहस्थी होतें है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वृष राशि की स्त्री कुशल गृहणी, व्यवहार कुशल, सहनशील, हठी, मितव्ययी और जिद्दी होती है। ये अपनी प्रशंसा सुनना सुनने की इच्छुक होती है। ये जिस पर भी विश्वास करती है तो उस पर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को तत्पर रहती है। ये निष्कपट और सहज रूप से प्रेम करती है। ये अपने एकत्रित धन को अचानक प्रकट कर सबको आश्चर्य चकित कर देती है।
🌷स्वभाव🌷
आप संयमी व धैर्यवान व्यक्ति हैं इसलिए धैर्य आपका विशिष्ट गुण होता है। आपको लोगों पर अधिकार जमाना बखूबी आता है। शुक्र का प्रभाव होने के कारण दिल से सौम्य, विद्वान व गुरुओं का आदर करने में सिद्धहस्त होते हैं।मित्रता और शत्रुता दोनों को निभाना इनको बखूभी आता है।आप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह बहुत अच्छी तरह से करते हैं। घर के सभी कर्तव्यों का पालन करना अपना धर्म समझते हैं और परिवार की सुख समृद्धि के लिए जितना आपके वश में होता है उससे बढ़कर करते हैं। आप एक मजबूत विचारधारा रखते हैं और खासियत यह भी है कि आप जो काम आरंभ करते हैं उसे तब तक करते रहते हैं जब तक कि आप किसी परिणाम पर नहीं पहुंच जाते हैं।आप अपनी विचारधारा के लोगों के साथ ही तालमेल बिठा पाते हैं और अन्य व्यक्तियों से आपको तालमेल जमाने में दिक्कत होती है। इसलिए अपने समान बुद्धि के लोगों से मिलना आपको ज्यादा आरामदायक लगता है। ऐसे तो आप निर्णय लेने में समय लेते हैं परन्तु कई बार क्रोध में निर्णय लेने में जल्दबाजी कर देते हैं और यह क्रोध हल्का फुल्का नहीं होता है, भले आप लोगों की नजर में शांत हो जाएँ पर जब तक बदला नहीं ले लेते क्रोध शांत नहीं होता है।
🏵कमियाँ🏵
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप जिद्दी स्वभाव के व्यक्ति होंते है और आपको स्थिर रहना पसंद होता है। आप आसानी से अपनी जगह से हिलना पसंद नहीं करते हैं।यदि आपको अचानक से और अनायास कोई फैसला या किसी बदलाव के लिए कहा जाए तब आपका मूड खराब हो जाता है क्योंकि बिना विचार, मनन किए शीघ्रता से आप कोई काम करना पसंद नहीं करते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आलस्य आपकी आकांक्षाओं की पूर्ति में बाधक होता है इसलिए आप चिड़चिड़े भी हो जाते है। आपका क्रोध भंयकर होता है।
🎭जीवन विश्लेषण🎭
वृष राशि के जातक का पिता से अक्सर मतभेद रहता है।जीवन में पिता-पुत्र का कलह रहता है।जातक का मन सरकारी कार्यों की ओर रहता है। सरकारी ठेकेदारी का कार्य करवाने की योग्यता रहती है।पिता के पास जमीनी काम या जमीन के द्वारा जीविकोपार्जन का साधन होता है। जातक अधिकतर तामसी भोजन में अपनी रुचि दिखाता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार गुरु का प्रभाव जातक में ज्ञान के प्रति अहम भाव को पैदा करने वाला होता है, वह जब भी कोई बात करता है तो स्वाभिमान की बात करता है सरकारी क्षेत्रों की शिक्षा और उनके काम जातक को अपनी ओर आकर्षित करते हैं किसी प्रकार से केतु का बल मिल जाता है तो जातक सरकार का मुख्य सचेतक बनने की योग्यता रखता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मंगल के प्रभाव से जातक के अंदर मानसिक गर्मी प्रदान करता है।कल-कारखानों, स्वास्थ्य कार्यों और जनता के झगड़े सुलझाने का कार्य जातक कर सकता है, जातक की माता के जीवन में परेशानी ज्यादा होती है।ये अधिक सौन्दर्य प्रेमी और कला प्रिय होते हैं। जातक कला के क्षेत्र में नाम करता है।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार माता और पति का साथ या माता और पत्नी का साथ घरेलू वातावरण मे सामंजस्यता लाता है, जातक अपने जीवन साथी के अधीन रहना पसंद करता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चन्द्र-बुध जातक को कन्या संतान अधिक देता है और माता के साथ वैचारिक मतभेद का वातावरण बनाता है आपके जीवन में व्यापारिक यात्राएं काफी होती हैं, अपने ही बनाए हुए उसूलों पर जीवन चलाता है।अपने मन का राजा होता है।
🎭कैरियर🎭
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होता है और शुक्र ग्रह की गिनती सौम्य ग्रहों में होती है।शुक्र ग्रह के प्रभाव से कला पक्ष प्रभावी रहता है। गीत, संगीत, फिल्म, टी.वी. इत्यादि से जुड़े हुए कार्य।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार शुक्र भोग का कारक है इसलिए सभी भोगवादी वस्तुएं इस ग्रह के अन्तर्गत आती हैं, इसलिए आप उच्च स्तर की भोग की वस्तुओं से जुड़ा व्यवसाय कर सकते हैं। वाहन, पर्यटन संबंधी,फैशन, डिजायनर कपड, ग्राफिक्स व वेब डिजायनिंग, होटल, फोटोग्राफी, कवि या न्यूज़ एंकर भी हो सकते हैं।
📖विवेचना 📖
राशि स्वरूप- बैल
राशि स्वामी- शुक्र
स्वभाव - सौम्य
दिशा - दक्षिण
वर्ण - वैश्य
लिंग - स्त्री
गुण - रजो
तत्त्व - भूमि
योनि- पशु
प्रभुत्व - मुख
रंग- श्वेत
रत्न - हीरा
शुभ अंक - 6
उपरत्न- ओपल
Pandit Anjani kumar Dadhich
Nakastra jyotish Hub
Friday, 24 July 2020
नाग पंचमी
मूलांक 3 के बारे में।
🌻मूलांक (3) के बारे में🌻
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 और 30 को हुआ है तो आपका मूलांक 3 होगा। अंक शास्त्र में मूलांक तीन का स्वामी ग्रह गुरु (बृहस्पति) हैंं। इसलिए मूलांक तीन के व्यक्तियों पर बृहस्पति ग्रह के विशेषताओं का बहुत प्रभाव होता है।
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप महत्वाकांक्षी, नेतृत्व का गुण रखने वाले, कलात्मक, अनुशासन-प्रेमी और स्पष्टवादी स्वभाव के हैं। आप की कलात्मकता और अभिव्यक्ति कुशलताा प्राप्त व्यक्ति बनाते हैं। आप अपने आस पास एक सकारात्मक ऊर्जा रखते है जो सबको पसंद आता है और आप जल्दी लोगों का दिल जीत लेते है और लोग आपके मुरीद हो जाते हैं।लोग आप के साथ सहज महसूस करते हैं।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप लोग आज पर कल से ज्यादा यकीन रखते हैं, इसी वजह से आप अपने जीवन का भरपूर आनंद लेते है।आपकी सोच इतनी सकारात्मक है कि आप सोचते हैं कि अपने आप समस्याएं सुलझ जाएंगी।इस सोच के अपने फायदे और नुकसान हैं।आपके विचारों में धार्मिकता और विचारों का स्पष्ट अनुमोदन करने की क्षमता होती है।मानसिक रूप से समृद्ध होने के कारण आप गूढ़ विषयों में भी अच्छी समझ रखते है।आपका आकर्षक स्वभाव लोगों में लोकप्रिय बना देता है।
✏️स्वभाव✏️
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप स्वभाव से शांतिप्रिय, कोमल हृदय, मृदुवाणी एवं सत्य वक्ता हैं। मूलांक 3 वाले साहसिक होते है। उनमे नेतृत्त्व करने की क्षमता है। आप में आध्यात्मिकता का भाव भरा होता है इसी कारण आप हमेशा सकारात्मक सोचते है। प्रत्येक स्थिति में अपने आप को खुश रखने का प्रयास करते हैं।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 के जातक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति के होते हैं।आप के अंदर वो सारे गुण है जो एक प्रशासक में होता है।आप स्वयं अनुशासन प्रिय है और चाहते है कि जो भी आप से जुड़ा है वह अनुशासित हो। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 वाले व्यक्ति किसी का भी अहित नहीं करते हैं परन्तु अगर कोई इनका अहित करे तो कदापि नहीं छोड़ते बल्कि उनके लिए वे विषधर सर्प जैसे होते है।आप स्पष्ट वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। अपने कार्यों को लेकर हमेशा चौकन्ना रहते हैं। विवादों से दूर रहना आपको पसंद हैं। आपके विचारों में धार्मिकता कूट-कूट कर भरा होगा। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार धार्मिक कार्यो में आपकी रूचि रहती है। यदि धार्मिक संस्था से जुड़कर कोई कार्य करते है तो आपकी ख्याति कोने -कोने में फैलेगा साथ ही मान-सम्मान में बृद्धि होगी। आप मानसिक रूप से पूर्ण विकसित होते हैं। आप अपने तर्क एवं ज्ञान शक्ति से दूसरों को प्रभावित करते हैं।
👉कमियाँ👈
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार अनुशासन के प्रति आपकी कठोरता आप के नीचे काम करने वालों के लिए समस्या बना देती है।आप खुद भी अनुशासित हैं और वही सबसे अपेक्षा रखते हैं।किसी भी नए कार्य को प्रारम्भ कर के उसे बीच में छोंड देना आपकी एक और समस्या है।आप हमेशा सफल होना चाहते हैं और यही पलायनवाद को जन्म देता है और आप सफलता हाथ न आने पर आप घोर निराशा प्राप्त करते हैं।अगर आप किसी से भावनात्मक तौर से आहात होते हैं, तब आप कठिन से कठिन बातों से उसपर हमला करते हैं और सत्य को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप किसी का एहसान नहीं लेना चाहते।आप किसी की रोक-टोक पसंद नहीं करते और और स्वाभिमान आहात होने पर क्रोधित हो जाते हैं।सफलता न मिलने पर निराश हो जाना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है।जोश में आकर अधिक व्यय कर देते है बाद में परेशान होते है यह ठीक नहीं है।अपने सिद्धान्तों से समझौता नही करने के कारण मानसिक रूप से परेशान होते है जिसके कारण परिवार के लोग भी असहज जीवन व्यतीत करते है।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार तानाशाही प्रवृत्ति से दोस्त भी दुश्मन बन जाते है।आप स्वाभिमानी है अच्छी बात है परन्तु आपके अपने लिए न कि दूसरे लिए, इसे दूसरे के ऊपर न थोपे तो अच्छा रहेगा।
👪पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन👪
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक तीन वाले लोगों के विचार परिवार में स्थित अन्य सदस्यो से किंचित भिन्न होता है यही कारण है कि कई बार आपको अपने परिवार में रहना पसन्द नहीं होता है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार इसका मुख्य कारण है की आप एक सैद्धान्तिक व्यक्ति है और अपने सिद्धान्त से हटना नहीं चाहते है परिणामस्वरूप पारिवारिक अंतर्विरोध बना रहता है और यह अंतर्विरोध शादी के बाद सबके सामने आ जाता है और आप अपने परिवार से दूर रहने का फैसला कर बैठते है। आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। यदि आप शादी से पूर्व प्यार के चक्कर में फसे हुए है तो सावधान हो जाइये उस प्यार के कारण आपकी शादी देर से हो सकती है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार इनके दो विवाह भी हो सकते हैं क्योंकि पहले विवाह से कई बार हानि होती है। ज्येष्ठ संतान की खातिर परेशानी झेलनी पड़ती है।
🎓शिक्षा🎓
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 के लोग अध्ययनशील होते है। आप तो निरन्तर नए नए खोज में लगे रहते है। कुछ नया करना आपके स्वभाव में ही है। पढाई के क्षेत्र में आप चाहते है की कोई ऐसा कार्य कर जो दुनिया के लिए मिशाल हो। आप अध्यनशील होकर लगातार अन्वेषण में लिप्त रहते हैं इसी कारण पढाई तथा लेखन जैसे बौद्धिक कार्यों के बल पर अपार सफलता प्राप्त करते हैं। आप जैसे लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करते है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार ऐसा जातक मेडिकल, इंजिनियरिंग तथा प्रबंधन शिक्षा में डिग्री प्राप्त करते है। आप 32 साल तक शिक्षा प्राप्त कर सकते है।16 से 19 और 22 से 25 साल में आपकी पढाई में बाधा आ सकती है।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप अपनी पूरी आत्मशक्ति से पढाई करते है तो शिक्षा के उच्च पद को हासिल करेंगे परन्तु जैसे ही पढ़ाई के प्रति उत्साह कम हुआ की आप धड़िम से नीचे पहुच जायेंगे। अतः अपने एनर्जी को लगातार बनाये रखे सफलता कदम चूमेगी।
📰कार्यक्षेत्र 📰
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप नौकरी तथा व्यवसाय दोनों कार्य कर सकते है। आपके लिए निम्न कार्य में आगे बढ़ सकते है यथा लेक्चरर, टीचर, अधिवक्ता,जज तथा लेखक जैसे कार्यो में मिल का पत्थर साबित हो सकते है। आप कोई भी कार्य आत्मविश्वास, धैर्य एवं शांत चित होकर करते हैं। आप जैसे लोग सरकार में अहम् पद पर कार्य करते है। प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में कार्य करते है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप कवि, रेडियो संचालक, लेखक और संगीतकार भी होते है। बहुत से कवि, गायक, रेडियो संचालक मूलांक तीन के पाये गए हैं।
🔔सलाह🔔
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक तीन वाले जातकों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे हमेशा अपने गुरुदेव से आशीर्वाद ले और उनका स्नेह और आशीर्वाद से उच्च पदासीन होंगे।आपको वृहस्पति की उपासना करनी चाहिए। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार भगवान् विष्णु की उपासना करनी चाहिए और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि, मान सम्मान तथा यश की प्राप्ति होगी। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आपके लिए शुभ दिशा ईशान कोण है।आपके लिए शुभ धातु सोना है। मूलांक 1एवं 9 वाले जातक आपके सच्चे मित्र हो सकते है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 के जातकों के लिए शुभ रंग पीला, लाल तथा नारंगी हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।किसी कार्य को हल्के में लेना सबसे बड़ी कमजोरी है।आप हमेशा अपने घर के सबसे बड़ो का आशीर्वाद लेकर कोई कार्य प्रारम्भ करते है तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। नियमित ध्यान योग करे इससे स्वास्थ्य एवम भाग्य दोनों की वृद्धि होगी।
😂रोग एवं उपचार😂
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार पीठ तथा पैरों में दर्द, चर्मरोग, गले का रोग एवं लकवा होने का भय होता है। लहसुन व अदरक का उपयोग कम करे। गुलकंद खाए।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार केले की जड़ को पीले रंग के धागे से लपेट कर गले में धारण करने से बृहस्पति का दुष्प्रभाव कम होता है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक तीन वाले जातकों को पुखराज पहनना कारगर साबित होगा। पुखराज के अलावा सोनेला, टाईगर आई और पीला रंग का हकीक भी पहन सकते हैं।
👓 विवेचना 👓
स्वामी- देवगुरु वृहस्पति
विशेष प्रभावी- 19 फरवरी से 21 मार्च के मध्य उत्पन्न जातक
शुभ तिथियां- 3, 12, 21, 30
सहायक तिथियां- 6, 15, 24 एवं 9, 18, 27
शुभ वर्ष- 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75
सहायक वर्ष- 6, 15, 24, 33, 42, 51, 60, 69 एवं 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72
शुभ दिन- गुरुवार, शुक्रवार, मंगलवार
श्रेष्ठ दिन- गुरुवार
शुभ रंग- पीला, चमकीला, गुलाबी, हल्का जामुनी
उन्नत समय- मार्च, जून, सितम्बर, 19 फरवरी से 20 मार्च व 20 नवम्बर से 21 दिसम्बर
निर्बल समय- 7, 16, 23 तिथियां व जनवरी, जुलाई माह
शुभ रत्न- पीला पुखराज
प्रभावित अंग- जंघा और उसके आसपास के अवयव
रोग- चर्मरोग, रक्त दोष, वायु प्रकोप, मधुमेह, ज्वर, खांसी
देव- विष्णु
व्रत-पूर्णिमा
दान- पुखराज, पीला कपड़ा, पुस्तक, चने की दाल, नींबू, नारंगी, कांस्य पात्र, शंख, चीनी, घी, हल्दी
विवाह संबंध- 15 दिसम्बर से 14 जनवरी, 15 मार्च से 14 अप्रैल, 15 नवम्बर से 14 दिसम्बर व 15 अप्रैल से 14 मई के मध्य उत्पन्न जातक से
व्यवसाय- वस्त्र, भोजनालय, धर्मोपदेश, लेखन, संपादन, कानूनी सलाहकार, व्याख्याता, वकील, क्लर्क, चिकित्सा कार्य, दलाली, आढ़त, विज्ञापन, अभिनय, जल जहाज कार्य, पुलिस विभाग, दार्शनिक, प्रबंधन व जलीय व्यापार
शुभ दिशा- दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, उत्तर- पश्चिम
अशुभ दिशा- ईशान कोण
धातु- सुवर्ण।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakastra Jyotish Hub
पितर दोष
Thursday, 23 July 2020
आग्नेय मुखी भवन या भुखंड का वास्तु
केतु के उपाय
मूलांक २
मूलांक (2)के बारे में
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंकशास्त्र में मूलांक 2 का विशेष महत्त्व है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 और 29 को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा और आप जीवनभर दो अंक से किसी न किसी रूप में अवश्य ही प्रभावित होते रहेंगे। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो के लिए निर्धारित स्वामी ग्रह चंद्रमा है। चंद्रमा मन का कारक है। "चंद्रमा मनसो जातः।" अर्थात चन्द्रमा हमारे अंतर्मन में उठाने वाले सुख -दुःख की भावनाओं का संचालन करता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यही कारण है की कुंडली में अशुभ चंद्रमा हमें मन को व्यथित और बात-बात में परेशान करता है। मानसिक बीमारियां तथा मन के उलझन का कारण भी तो चंद्रमा ही है। हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या ख़राब है इसका प्रथम फैसला तो मन ही करता है हां यह भी सही है कि यदि आपके कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में है आपका मन सुविचारो को जन्म देता है। परन्तु यदि चंद्रमा अशुभ स्थिति में है तो कुविचारों, कुदृष्टि को जन्म देता है इसमें कोई संदेह नहीं है।अतः यह स्पष्ट है की चंद्रमा की शुभता और अशुभता हमारे जीवन यात्रा को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।
प्राकृतिक स्वभाव
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार दो मूलांक वाले व्यक्ति का मन अस्थिर तथा चंचल होता हैं। आप निरन्तर कुछ पाने के लिए कार्य करते रहते है। चाहे कोई भी विषय हो आप उसके मूल तक जाने का प्रयास करते है परन्तु सातत्य के अभाव में बीच में छोड़ देते है। हमेशा अपने मन रुपी बुद्धि का इस्तेमाल करना आपकी फिदरत है ऐसा जान पड़ता है। आप कल्पना शक्ति के धनी है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार तन से ज्यादा आपका मन काम करता है। आप मन और बुद्धि का इस्तेमाल हर समय करते है इसलिए आप बुद्धिमान की श्रेणी में गिने जाते हैं। इस मूलांक के व्यक्ति कलाप्रिय तथा कलाप्रेमी होते हैं। आप सरल, सुशील, सभ्य, सहृदय तथा मृदुभाषी होते हैं। यदि कहा जाए कि भावुकता आप की पहचान है तो गलत नहीं होगा। आप कोमल स्वभाव के होते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो वाले लोग सहिष्णु, कल्पनाशील, कलात्मक प्रवृत्ति के और रोमांटिक होते है। आपकी बुद्धि चातुर्य काफी अच्छी है तथा बुद्धि विवेक के कार्यों में दूसरों से आगे निकल जाते हैं। एक लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं तथा स्वयं की मेहनत से अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर लेते हैं।
कमियाँ
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप लोग किसी कार्य को लम्बे समय तक कर पाने में सक्षम नहीं होते।जैसे चन्द्रमा की कला बदलती रहती है उसी प्रकार से आपका विचार, मनः-स्तिथि और योजना बदलती रहती है।अस्तिरथा आपकी बड़ी योजनाओं के विफल होने का मुख्य कारण बनती है।आप में एकाग्रता की कमी और आत्म-विश्वास की कमी आपको निराशा के गर्त में ढ़केल देता है।अगर मन मुताबिक माहौल न मिले तो आप जल्दी निराश हो जाते हैं और अपना स्वाभाविक कार्य-संपादन करने में भी असफल हो जाते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अधिक संवेदनशीलता आपको भावुक और शर्मीला बनता है।इसी स्वाभाव से आप बहुत सी बातें सबको बता नहीं पाते अपने विचार रख नहीं पाते और इससे आपको समझ पाने में काफी समय लगता है।आपके विचार और योगदान इसी वजह से सामने नहीं आ पाते।दूसरों के दुःख दर्द से परेशान होना आपके स्वभाव की कमजोरी है। ऐसे में धोखा खाना भी संभव है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो द्वैतवाद का प्रतीक है। आप जो हैं उसी छवि में दिखें या बने रहे। आप जो नहीं हैं आप उसे दिखाने का कोई प्रयास न करें। आप खुद को जानते हैं।दोहरे व्यक्तित्व से आपका जीवन कठिन बना सकता है, इससे बचें।आप जल्दी अनिर्णय की स्तिथि में पहुंच जाते है और आत्म-विश्वास की कमी उसमें आग में घी का कार्य करता है।अपने विचारों का सम्मान करें और अपनी ऊपर विश्वास रखें।
पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आपके पारिवारिक जीवन में कोई न कोई परेशानी बनी रहेगी जिसका मुख्य कारण होगा उचित समय पर उचित फैसला न लेना। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अक्सर यह देखा गया है की मूलांक २ वाले जातक का जन्म स्थान जरूर छूट जाता है। ऐसे लोग अपने संयुक्त परिवार से अलग हो जाते है।आपका दाम्पत्य जीवन में भी दिक्कत आती है। कम उम्र में बहुत कम ही शादी होते हुए देखा गया है। आप लव मैरिज भी कर सकते है। शादी के तीन-साल बाद दाम्पत्य जीवन में समस्या आती है।
शिक्षा
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप शैक्षणिक योग्यता उत्तम होगा। दो मूलांक वाले व्यक्ति की पढाई में व्यवधान आते हुए देखा गया है कई बार पढाई बीच में ही छूट जाती है। इसका मुख्य कारण है एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होना। आप कमाने के चक्कर में पढाई छोड़ सकते है। इक्कीसवाँ साल पढाई के लिए महत्त्वपूर्ण होगा। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार साहित्य संगीत की पढाई में आपकी अधिक रूचि होनी चाहिए। यदि आप पेंटिंग का कार्य करते है तो सफलता प्राप्त कर सकते है।
कार्यक्षेत्र
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप नौकरी और व्यापार दोनों तरह के काम कर सकते है। आप को वैसे कार्य में विशेष सफलता मिलेगी जिसमे कूटनीति का प्रयोग होता हो अर्थात आप एक अच्छे सलाहकार हो सकते है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 2 वाले लोग कवि, अभिनेता, अध्यापक, लेखक, रिपोर्टर पब्लिशर इत्यादि का कार्य करे तो अपार सफलता मिल सकती है अथवा आप एक अच्छे एजेंट की भूमिका निभा सकते है।
स्वास्थ्य
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक २ वाले जातक कफ प्रकृति के होते है। आप को अपने पेट का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सर्दी-जुकाम, गैस, ब्लड प्रेशर तथा हृदयाघात की बिमारी हो सकती है। बाएँ आँख में परेशानी आ सकती है। जीवन काल में कोई न कोई ऑपरेशन की स्थिति बनेगी और ऑपरेशन कराना भी पड़ेगा। 40 वर्ष के बाद निरन्तर जांच कराते रहना चाहिए।
कमजोरी
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो वाले जातक कार्य में एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होने से बीच में ही कार्य छोड़ने देते है।आत्मविश्वास कि कमी होती है।कार्य के प्रति उतावलापन बहुत होता है परन्तु निरन्तरता नहीं।अत्यधिक भावुक एवम संवेदनशील होते हैं। यही कारण है की अन्य के दु:ख दर्द से बहुत जल्द परेशान हो जाते है।आप बहुत जल्द निराश हो जाते है और स्वभाव से शंकालु होते हैं।
सलाह
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो वाले जातक को चंद्रमा तथा शिव की उपासना करनी चाहिए। श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि तथा मान संम्मान व यश की प्राप्ति होगी।आपके लिए शुभ दिशा वायव्य तथा पश्चिम है।आपके लिए शुभ धातु चांदी है।आपके लिए 1, 9 मूलांक वाले जातक सच्चे मित्र होंगे।आपके लिए शुभ रंग सफेद , पीला, तथा हरा हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार किसी कार्य को हल्के में लेना सबसे बड़ी कमजोरी है।आप हमेशा अपने माता का आशीर्वाद लेकर ही कोई कार्य प्रारम्भ करे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी।गो ग्रास और गो सेवा करना आपके स्वास्थ्य परिवार तथा कार्यक्षेत्र के लिए वरदान है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आपमें आत्मविश्वास कि कमी होती है अपने आत्मविशवास को बढ़ाये। कार्य में एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होने से आप बीच में ही कार्य छोड़ने देते है। अतः नियमित ध्यान योग करके एकाग्रता बढ़ाये। कोई कार्य प्रारम्भ करने से पहले पूरा करने के लिए समय का निर्धारण कर ले।आप अत्यधिक भावुक एवम संवेदनशील होते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यही कारण है की अन्य के दु:ख दर्द से बहुत जल्द परेशान हो जाते है यह उचित नहीं है।आप बहुत जल्द निराश हो जाते है।आप अपनी शक करने की आदत छोड़ दे तो बहुत अच्छा रहेगा।
विवेचना
स्वामी ग्रह - चंद्रमा। आराध्य देव - शिवजी।
विशेष प्रभावी - 20 जुलाई से 21 अगस्त के मध्य जन्म लेने वाले जातक
अत्यंत शुभ तिथियां - 2, 11, 20, 29
मध्यम फलदायी तिथियां : 4, 13, 22 31 एवं 3, 16, 25
सर्वोत्तम वर्ष - 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 65
मध्यम वर्ष - 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67 एवं 7, 16, 25, 34, 43, 52, 61, 70
शुभ दिन - सोमवार, शुक्रवार, रविवार
सर्वोत्तम दिन - सोमवार
शुभ रंग - सफेद, कर्पूरी, धूप-छांव, अंगूरी तथा हल्का हरा रंग
अशुभ रंग - लाल, काला, नीला
शुभ रत्न - मोती, चंद्रकांता मणि, स्फटिक, दूधिया
प्रभावित अंग - फेफड़े, छाती, हृदय, वक्षस्थल, जिह्वा, तालु, रक्त संचार
रोग - हृदय और फेफड़े संबंधी, अपच, डिप्थीरिया,निद्रा, अतिसार, जीभ पर छाले, रक्ताल्पता, गुर्दे संबंधी रोग, जलोदर, आंत रोग, कुंठा, उद्वेग
विवाह शुभता - 15 मई से 14 जून, 15 अक्टूबर से 14 नवम्बर, 15 फरवरी से 14 मार्च के मध्य उत्पन्न जातक से
शुभ मास - फरवरी, अप्रैल, जून, सितम्बर, नवम्बर
व्यवसाय - द्रव्य पदार्थ, तैतीय कार्य, पर्यटन, एजेंट, फल-फूल, दूध-दही, संपादन, लेखन, अभिनय, नृत्य, ठेकेदारी, चिकित्सा, रत्नों का व्यवसाय, दंत चिकित्सा, पशुपालन
शुभ दिशा - उत्तर, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम
अशुभ दिशा - दक्षिण-पूर्व, पश्चिम
दान पदार्थ - मोती, स्वर्ण, चांदी, कपूर, श्वेत वस्तु, पुस्तक, धार्मिक ग्रंथ, मिश्री, दूध, दही, श्वेत पुष्प, शंख, कागज व चीनी
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakastra Jyotish Hub