google24482cba33272f17.html Pandit Anjani Kumar Dadhich : पितर दोष

Friday, 24 July 2020

पितर दोष

🌻पितृश्राप दोष की शान्ति और उपाय🌻 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पितृश्राप दोष एक अदृश्य दोष है।यह दोष जब घर के पितर अपने वंशजों के द्वारा अंत्येष्टि कर्म में हुई किसी त्रुटि के कारण, श्राद्ध कर्म ना करने से,किसी परिजन द्वारा की गयी गलती से,अपने वंशजो के आचरण से पितर रुष्ट होने के बहुत से कारण होती है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यह दोष तब भी लागु होता है जब घर के परिजनों के द्वारा श्रद्धापूर्वक किसी भी अवसर पर याद नहीं करते हैं। और ना ही उन्हें कोई प्यार, स्नेह और आदर देते है। उनके प्रति अपने ऋण को चुकाने का प्रयास ही नहीं करते हैं तो ये पवित्र पितृ आत्माएं दुखी होकर अपने वंशजों को श्राप दे देती हैं, जिसे "पितृश्राप दोष" कहा जाता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पितृ दोष जन्म पत्रिका में लग्न ,पंचम ,अष्टम और द्वादश भाव से पितृदोष का विचार किया जाता है। पितृ दोष में ग्रहों में मुख्य रूप से सूर्य ,चन्द्रमा ,गुरु ,शनि और राहू -केतु की स्थितियों से पितृ दोष का विचार किया जाता है।इनमें से भी गुरु ,शनि और राहु की भूमिका प्रत्येक पितृ दोष में महत्वपूर्ण होती है इनमें सूर्य से पिता या पितामह, चन्द्रमा से माता या मातामह , मंगल से भ्राता या भगिनी और शुक्र से पत्नी का विचार किया जाता है।
🙏पितृश्राप दोष का प्रभाव🙏
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ये दोष पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है इसका परिणाम जातक को मानसिक अवसाद, व्यापार में नुकसान, परिश्रम के अनुसार फल न मिलन, वैवाहिक जीवन में समस्याएं, कैरिअर में समस्याओं के रुप में प्रदर्शित होती है या संक्षिप्त में कहें तो जीवन के हर क्षेत्र में व्यक्ति और उसके परिवार को बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
✍पितृश्राप दोष के उपाय✍
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पितृश्राप दोष के निवारण के उपाय निम्नलिखित है जिनके कारण इस दोष को कुछ हद तक कम किया जा सकता है - 
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार घर के सभी बड़े बुजर्ग को हमेशा प्रेम, सम्मान,और पूर्ण अधिकार दिया जाए। उनका आशीर्वाद लेने, उन्हे पूर्ण रूप से प्रसन्न एवं संतुष्ट रखने से भी निश्चित रूप से पित्र दोष में लाभ मिलता है। 
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अपने ज्ञात अज्ञात पूर्वजो के प्रति ईश्वर उपासना के बाद उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखने उनसे अपनी जाने अनजाने में की गयी भूलों की क्षमा माँगने से भी पित्र प्रसन्न होते है। 
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अमावस्या को दूध की खीर बनाकर पितरों को अर्पित करने के बाद किसी ब्राह्मण को या भूखे व्यक्ति को खिलाने से भी इस दोष में कमी होती है ।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ पर मीठा जल मिष्ठान एवं जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुए कम से कम सात या 108 परिक्रमा करे तत्पश्चात् अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी खिलाने चाहिए।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अमावस्या को बबूल के पेड़ पर संध्या के समय भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन शिव लिंग पर जल चढ़ाकर महामृत्यूंजय का जाप करना चाहिए ।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार माँ काली की नियमित उपासना से भी पितृ दोष में लाभ मिलता है।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप घर में भोजन बनने पर सर्वप्रथम पित्तरों के नाम की खाने की थाली निकालकर गाय को खिलाने से उस घर पर पित्तरों का सदैव आशीर्वाद रहता है घर के मुखियां को भी चाहिए कि वह भी अपनी थाली से पहला ग्रास पित्तरों को नमन करते हुये कौओं के लिये अलग निकालकर उसे खिला दे।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पितरों के निमित घर में दीपक, अगरबत्ती को प्रात:काल पूजा के समय ऊँ पितृय नम: कम से कम 21 बार उच्चारण करें।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार श्रीमद भागवत गीता का ग्यारहवां अध्याय का पाठ करें।
❃पित्र पक्ष अथवा अमावस्या के दिन पितरों को ध्यान करके सामर्थ्यनुसार ब्राह्मण पूजन के बाद गरीबों को दान करने से पितर खुश होते हैं। ब्राह्मण के माध्यम से पितृपक्ष में दिये हुऐ दान-पुण्य का फल दिवंगत पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। 
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार पिंडदान, तिलांजली और ब्राह्मणों को पूर्ण श्रद्धा से भोजन कराने से जीवन में सभी सांसारिक सुख और भोग प्राप्त होता है। 
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार शनिवार के दिन पीपल की जड़ में गंगा जल, काला तिल चढाकर आटे के द्वारा निर्मित चौमुखी दिपक जलाए और ओम् पिप्लाद मुनि मंत्र का जाप करते हुए पिपल की परिक्रमा करे। पीपल और बरगद के वृ्क्ष की पूजा करने से पितृ दोष की शान्ति होती है ।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अपने पूर्वजो के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने उन्हे पूर्ण रूप से संतुष्ट करने उनको प्रसन्न रखने वाले व्यक्ति पर हमेशा दैवी कृपा बनी रहती है।उसके कार्यों में कोई भी अवरोध नही होता है।उसकी सर्वत्र जय जयकार होती है ।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार "ओम् नमो भगवते वासुदेवाय" की एक माला का नित्य जाप करें। 
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जब भी किसी तीर्थ पर जाएं तो अपने पितरों के लिए तीन बार अंजलि में जल से उनका तर्पण अवश्य ही करें । 
 ❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पितृपक्ष मे अपने पितरों की याद मे वृक्ष, विशेषकर पीपल लगाकर, उसकी पूर्ण श्रद्धा से सेवा करने से भी पितृदोष समाप्त होता है ।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार श्राद्ध पक्ष में पितृ सूक्त का पाठ करने से पितृदोष की शांति होती है। इस पाठ को शाम के समय तेल का दीपक जलाकर करना चाहिए।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अगर किसी विशेष कामना को लेकर किसी परिजन की आत्मा पितृ दोष उत्पन्न करती है तो तो ऐसी स्थिति में मोह को त्याग कर उसकी सदगति के लिए "गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र " का पाठ करना चाहिए।
❃पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार किसी गरीब की कन्या के विवाह में गुप्त रूप से अथवा प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहयोग करना चाहिए।लेकिन ये सहयोग पूरे दिल से होना चाहिए ,केवल दिखावे या अपनी बढ़ाई कराने के लिए नहीं। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार किसी भी नदी के किनारे जहाँ शिववास भी हो वहाँ पर त्रिपिंडि श्राद्धकर्म पुजा करके भी पितृश्राप दोष का निवारण होता है। 
Pandit Anjani kumar Dadhich
Nakastra jyotish Hub

No comments:

Post a Comment