google24482cba33272f17.html Pandit Anjani Kumar Dadhich : मूलांक २

Thursday, 23 July 2020

मूलांक २

मूलांक (2)के बारे में 


 पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंकशास्त्र में मूलांक 2  का विशेष महत्त्व है। यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 और 29 को  हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा और आप जीवनभर दो अंक से किसी न किसी रूप में अवश्य ही प्रभावित होते रहेंगे।     पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो के लिए निर्धारित स्वामी ग्रह चंद्रमा है। चंद्रमा मन का कारक है। "चंद्रमा मनसो जातः।" अर्थात चन्द्रमा हमारे अंतर्मन में उठाने वाले सुख -दुःख की भावनाओं का संचालन करता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यही कारण है की कुंडली में अशुभ चंद्रमा हमें मन को व्यथित और बात-बात में परेशान करता है। मानसिक बीमारियां तथा मन के उलझन का कारण भी तो चंद्रमा ही है। हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या ख़राब है इसका प्रथम फैसला तो मन ही करता है हां यह भी सही है कि यदि आपके कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में है आपका मन सुविचारो को जन्म देता है। परन्तु यदि चंद्रमा अशुभ स्थिति  में है तो कुविचारों, कुदृष्टि को जन्म देता है इसमें कोई संदेह नहीं है।अतः यह स्पष्ट है की चंद्रमा की शुभता और अशुभता हमारे जीवन यात्रा को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।
चारित्रिक विशेषताएं
आपका चन्द्रमा जैसा शीतल स्वभाव और जैसे चन्द्रमा हृदयता और मन का प्रतीक होता है, वैसे ही आप मन के धनी है। और बौद्धिक कार्यों में ज्यादा सफल साबित होते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप मृदुभाषी, कल्पनाशील, शांत और कोमल स्वाभाव के हैं। आप अन्वेषक हैं परन्तु मूलांक एक के जैसे उसे क्रियान्वित नहीं कर पाते। आपका बुद्धि चातुर्य अच्छा रहता है और इसी वजह से आप दूसरों से ज्यादा सम्मान प्राप्त करते हैं और लोकप्रिय बन जाते हैं।आप विचारों और सिद्धांतों के धनी हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा-स्रोत हैं।आप कठिन परिस्थितियों में भी अपना कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न कर पाते है और दूसरों से बाजी मार लेते हैं।मूलांक दो के जातक वफादार होते हैं अगर वे कहते हैं आप को प्यार करते हैं तो आप उनपर विश्वास कर सकते हैं। ये भावुक स्वभाव के अच्छे मित्र साबित होते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  दूसरों के दुःख-दर्द की इनमे अच्छी समझ होती है। इनमें दूसरों के मन की स्थिति जान लेने की क्षमता होती है। दूसरों के लिए भी संवेदनशील होते हैं और अच्छे श्रोता होते हैं।आप लोग मित्र बनाने मे सक्षम हैं, सौंदर्य प्रेमी भी होते है आपमें सौंदर्य-बोध कि अच्छी समझ होती हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मृदु-भाषी और अच्छी छवि के कारण इनमें राजनयिक या राजनेता बनने के गुण होते हैं और अपने प्रतिद्वंदियों के लिए एक प्रबल दावेदार साबित होते हैं।मूलांक दो के जातक निश्छल, निष्कपट, सत्यवादी और वफादार होते हैं।आप लोग अकेले रहना पसंद नहीं करते और आपको कोई न कोई साथ में चाहिए रहता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार किसी भी व्यक्ति की बुराई में भी अच्छाई ढूंढ लेना आपके लिए प्लस पॉइंट है।आप की प्रवृत्ति सहज, सहृदय, सुशील और मृदुभाषी होती है।आप के अंदर दुसरे के अंतर्मन को शीघ्र ही जान लेते है।आप में स्पष्ट बोलने की शक्ति है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सामाजिक कार्यो से आपका लगाव रहता है सेवा भावना से काम करने में आप अपने आप को गौरवान्वित महसुस करते हैं।  

प्राकृतिक स्वभाव
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार दो मूलांक वाले व्यक्ति का मन अस्थिर तथा चंचल  होता हैं। आप निरन्तर कुछ पाने के लिए कार्य करते रहते है। चाहे कोई भी विषय हो आप उसके मूल तक जाने का प्रयास करते है परन्तु सातत्य के अभाव में बीच में छोड़ देते है।  हमेशा अपने मन रुपी बुद्धि का इस्तेमाल करना आपकी फिदरत है ऐसा जान पड़ता है। आप कल्पना शक्ति के धनी है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  तन से ज्यादा आपका मन काम करता है। आप मन और बुद्धि का इस्तेमाल हर समय करते है इसलिए आप बुद्धिमान की श्रेणी में गिने जाते हैं। इस मूलांक के व्यक्ति कलाप्रिय तथा कलाप्रेमी होते हैं। आप सरल, सुशील, सभ्य, सहृदय तथा मृदुभाषी होते हैं। यदि कहा जाए कि भावुकता आप की पहचान है तो गलत नहीं होगा। आप  कोमल स्वभाव के होते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो  वाले लोग सहिष्णु, कल्पनाशील, कलात्मक प्रवृत्ति के और रोमांटिक होते है। आपकी बुद्धि चातुर्य काफी अच्छी है तथा बुद्धि विवेक के कार्यों में दूसरों से आगे निकल जाते हैं। एक लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं तथा स्वयं की मेहनत से अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर लेते हैं।

कमियाँ
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप लोग किसी कार्य को लम्बे समय तक कर पाने में सक्षम नहीं होते।जैसे चन्द्रमा की कला बदलती रहती है उसी प्रकार से आपका विचार, मनः-स्तिथि और योजना बदलती रहती है।अस्तिरथा आपकी बड़ी योजनाओं के विफल होने का मुख्य कारण बनती है।आप में एकाग्रता की कमी और आत्म-विश्वास की कमी आपको निराशा के गर्त में ढ़केल देता है।अगर मन मुताबिक माहौल न मिले तो आप जल्दी निराश हो जाते हैं और अपना स्वाभाविक कार्य-संपादन करने में भी असफल हो जाते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अधिक संवेदनशीलता आपको भावुक और शर्मीला बनता है।इसी स्वाभाव से आप बहुत सी बातें सबको बता नहीं पाते अपने विचार रख नहीं पाते और इससे आपको समझ पाने में काफी समय लगता है।आपके विचार और योगदान इसी वजह से सामने नहीं आ पाते।दूसरों के दुःख दर्द से परेशान होना आपके स्वभाव की कमजोरी है। ऐसे में धोखा खाना भी संभव है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  मूलांक दो द्वैतवाद का प्रतीक है। आप जो हैं उसी छवि में दिखें या बने रहे। आप जो नहीं हैं आप उसे दिखाने का कोई प्रयास न करें। आप खुद को जानते हैं।दोहरे व्यक्तित्व से आपका जीवन कठिन बना सकता है, इससे बचें।आप जल्दी अनिर्णय की स्तिथि में पहुंच जाते है और आत्म-विश्वास की कमी उसमें आग में घी का कार्य करता है।अपने विचारों का सम्मान करें और अपनी ऊपर विश्वास रखें। 

पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन 
 पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आपके पारिवारिक जीवन में कोई न कोई परेशानी बनी रहेगी जिसका मुख्य कारण होगा उचित समय पर उचित फैसला न लेना। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अक्सर यह देखा गया है की मूलांक २ वाले जातक का जन्म स्थान जरूर छूट जाता  है। ऐसे लोग अपने संयुक्त परिवार से अलग हो जाते है।आपका दाम्पत्य जीवन में भी दिक्कत आती है। कम उम्र में बहुत कम ही शादी होते हुए देखा गया है। आप लव मैरिज भी कर सकते है। शादी के तीन-साल बाद दाम्पत्य जीवन में समस्या आती है।



शिक्षा 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप शैक्षणिक योग्यता उत्तम होगा। दो मूलांक वाले व्यक्ति की पढाई में व्यवधान आते हुए देखा गया है कई बार पढाई बीच में ही छूट जाती है। इसका मुख्य कारण है एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होना। आप कमाने के चक्कर में पढाई छोड़ सकते है। इक्कीसवाँ साल पढाई के लिए महत्त्वपूर्ण होगा। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार साहित्य संगीत की पढाई में आपकी अधिक रूचि होनी चाहिए। यदि आप पेंटिंग का कार्य करते है तो सफलता प्राप्त कर सकते है।

कार्यक्षेत्र 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप नौकरी और व्यापार दोनों तरह के काम कर सकते है। आप को वैसे कार्य में विशेष सफलता मिलेगी जिसमे कूटनीति का प्रयोग होता हो अर्थात आप एक अच्छे सलाहकार हो सकते है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक  2 वाले लोग कवि, अभिनेता, अध्यापक, लेखक, रिपोर्टर पब्लिशर इत्यादि का कार्य करे तो अपार सफलता मिल सकती है अथवा आप एक अच्छे एजेंट की भूमिका निभा सकते है।   

स्वास्थ्य
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक २ वाले जातक कफ प्रकृति के होते है। आप को अपने पेट का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सर्दी-जुकाम, गैस, ब्लड प्रेशर तथा हृदयाघात की बिमारी हो सकती है। बाएँ आँख में परेशानी आ सकती है। जीवन काल में कोई न कोई ऑपरेशन की स्थिति बनेगी और ऑपरेशन कराना भी पड़ेगा। 40 वर्ष के बाद निरन्तर  जांच कराते रहना चाहिए।

कमजोरी 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो वाले जातक कार्य में एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होने से बीच में ही कार्य छोड़ने देते है।आत्मविश्वास कि कमी होती है।कार्य के प्रति उतावलापन बहुत होता है परन्तु निरन्तरता नहीं।अत्यधिक भावुक एवम संवेदनशील होते हैं। यही कारण है की अन्य के दु:ख दर्द से बहुत जल्द परेशान हो जाते है।आप बहुत जल्द निराश हो जाते है और स्वभाव से शंकालु होते हैं।
सलाह 

पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक दो वाले जातक को चंद्रमा तथा शिव की उपासना करनी चाहिए। श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि तथा मान संम्मान व यश की प्राप्ति होगी।आपके लिए शुभ दिशा वायव्य तथा पश्चिम है।आपके लिए शुभ धातु चांदी है।आपके लिए 1, 9 मूलांक वाले जातक सच्चे मित्र होंगे।आपके लिए शुभ रंग सफेद , पीला, तथा  हरा हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  किसी कार्य को हल्के में लेना सबसे बड़ी कमजोरी है।आप हमेशा अपने माता का आशीर्वाद लेकर ही कोई कार्य प्रारम्भ करे तो निश्चित ही सफलता मिलेगी।गो ग्रास और गो सेवा करना आपके स्वास्थ्य परिवार तथा कार्यक्षेत्र के लिए वरदान है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आपमें आत्मविश्वास कि कमी होती है अपने आत्मविशवास को बढ़ाये। कार्य में एकाग्रता और निरन्तरता का अभाव होने से आप बीच में ही कार्य छोड़ने देते है। अतः नियमित ध्यान योग करके एकाग्रता बढ़ाये। कोई कार्य प्रारम्भ करने से पहले पूरा करने के लिए समय का निर्धारण कर ले।आप अत्यधिक भावुक एवम संवेदनशील होते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यही कारण है की अन्य के दु:ख दर्द से बहुत जल्द परेशान हो जाते है यह उचित नहीं है।आप बहुत जल्द निराश हो जाते है।आप अपनी शक करने की आदत छोड़ दे तो बहुत अच्छा रहेगा। 

विवेचना

स्वामी ग्रह - चंद्रमा। आराध्य देव - शिवजी।

विशेष प्रभावी - 20 जुलाई से 21 अगस्त के मध्य जन्म लेने वाले जातक

अत्यंत शुभ तिथियां - 2, 11, 20, 29
मध्यम फलदायी तिथियां : 4, 13, 22 31 एवं 3, 16, 25
सर्वोत्तम वर्ष - 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 65
मध्यम वर्ष - 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67 एवं 7, 16, 25, 34, 43, 52, 61, 70
शुभ दिन - सोमवार, शुक्रवार, रविवार
सर्वोत्तम दिन - सोमवार
शुभ रंग - सफेद, कर्पूरी, धूप-छांव, अंगूरी तथा हल्का हरा रंग
अशुभ रंग - लाल, काला, नीला
शुभ रत्न - मोती, चंद्रकांता मणि, स्फटिक, दूधिया
प्रभावित अंग - फेफड़े, छाती, हृदय, वक्षस्थल, जिह्वा, तालु, रक्त संचार
रोग - हृदय और फेफड़े संबंधी, अपच, डिप्थीरिया,निद्रा, अतिसार, जीभ पर छाले, रक्ताल्पता, गुर्दे संबंधी रोग, जलोदर, आंत रोग, कुंठा, उद्वेग
विवाह शुभता - 15 मई से 14 जून, 15 अक्टूबर से 14 नवम्बर, 15 फरवरी से 14 मार्च के मध्य उत्पन्न जातक से
शुभ मास - फरवरी, अप्रैल, जून, सितम्बर, नवम्बर
व्यवसाय - द्रव्य पदार्थ, तैतीय कार्य, पर्यटन, एजेंट, फल-फूल, दूध-दही, संपादन, लेखन, अभिनय, नृत्य, ठेकेदारी, चिकित्सा, रत्नों का व्यवसाय, दंत चिकित्सा, पशुपालन
शुभ दिशा - उत्तर, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम
अशुभ दिशा - दक्षिण-पूर्व, पश्चिम
दान पदार्थ - मोती, स्वर्ण, चांदी, कपूर, श्वेत वस्तु, पुस्तक, धार्मिक ग्रंथ, मिश्री, दूध, दही, श्वेत पुष्प, शंख, कागज व चीनी
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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