श्रावण मास और शिव शंकर
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सावन का महीना भगवान शिवजी को बहुत प्रिय है। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होने वाले सावन के महीने की शुरुवात होती है। शिव भक्त श्रद्धालु इस पूरे महीने शिवजी के निमित्त व्रत और प्रतिदिन उनकी विशेष पूजा आराधना करते हैं। सावन का महीना मनोकामनाओं का इच्छित फल प्रदान करने वाला है। देश के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। सावन के सभी सोमवारो को भोले नाथ के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए सभी ज्योर्तिलिंगों और शिवालयों में श्रद्धालुओं की अच्छी खासी संख्या देखने को मिलती है। इस माह में सभी सोमवारो को जिनमें स्त्रियाँ तथा विशेषतौर से कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना से भगवान शिव के व्रत रखती हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सावन के पवित्र महीने में अगर कोई भी प्राण-प्रतिष्ठित शिवलिंग या पारद धातु से निर्मित लिंग का गंगाजल व दुग्ध से रुद्राभिषेक करते हैं तो उनकी इच्छित मनोकामनाएं भगवान शिव जरूर पुरी करते हैं क्योंकि पुराणों में भी जलाभिषेक को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है और शिवलिंग का रुद्राभिषेक भगवान शिव को भी अत्यंत प्रिय है। इन दिनों शिवलिंग पर गंगा जल द्वारा अभिषेक करने से भगवान शिव अतिप्रसन्न होते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भगवान शिव शंकर का अभिषेक अलग अलग द्रव्य से करने पर निम्नलिखित फल प्राप्त होता है -
∆ शिवलिंग का दुग्धा अभिषेक एवं घृत से अभिषेक करने पर योग्य संतान की प्राप्ति होती है।
∆ गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन संपदा की प्राप्ति होती है।
∆ कुशोदक से अभिषेक करने से समस्त व्याधि शांत होती है।
∆ दधि से अभिषेक करने से पशु धन की प्राप्ति होती है।
∆ शहद से शिवलिंग पर अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
∆ सावन मास में शिव चालीसा और आरती का पाठ करें।
∆ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
∆ सावन के महीने में सभी सोमवार को व्रत रखें।
∆ बेलपत्र, दूध, शहद और जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
भगवान महाकालेश्वर शिव शंकर आप सभी की मनोकामनाएं अवश्य पुरी करेंगे इस श्रावण मास में।
Pandit Anjani kumar Dadhich
Nakastra jyotish Hub
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