जन्म कुंडली में दुर्घटना होने के योग-
आजकल हर दिन अखबार में वाहन दुर्घटनाओं की खबरे छपती रहती है जिसे हम पढते भी है और कभी अपने रिश्तेदारों या जान पहचान वालो की दुर्घटना के बारे मे सुनने को मिलता है। जन्मकुंडली मे कुछ दुर्घटनाओं के विभिन्न योग पाये जाते हैं कि वो वाहन दुर्घटना, आग से जलना जैसी दुर्घटना के योग बनाते हैं जो निम्नलिखित हैं-
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जन्म कुंडली में आठवाँ भाव अथवा अष्टमेश, मंगल तथा राहु से पीड़ित होने पर दुर्घटना होने के योग बनते हैं।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सारावली के अनुसार शनि, चंद्रमा और मंगल दूसरे, चतुर्थ व दसवें भाव में होने पर वाहन से गिरने पर बुरी दुर्घटना देते हैं।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जन्म कुंडली में सूर्य तथा मंगल चतुर्थ भाव में पापी ग्रहों से दृष्ट होने पर दुर्घटना के योग बनते हैं।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सूर्य दसवें भाव में और चतुर्थ भाव से मंगल की दृष्टि पड़ रही हो तब दुर्घटना होने के योग बनते हैं।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार निर्बल लग्नेश और अष्टमेश की चतुर्थ भाव में युति हो रही हो तब वाहन से दुर्घटना होने की संभावना बनती है।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार लग्नेश कमजोर हो और षष्ठेश, अष्टमेश व मंगल के साथ हो तब गंभीर दुर्घटना के योग बनते हैं।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जन्म कुंडली में लग्नेश कमजोर होकर अष्टमेश के साथ छठे भाव में राहु, केतु या शनि के साथ स्थित होता है तब गंभीर रुप से दुर्घटनाग्रस्त होने के योग बनते हैं।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जन्म कुंडली में आत्मकारक ग्रह पापी ग्रहों की युति में हो या पापकर्तरी में हो तब दुर्घटना होने की संभावना बनती है।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जन्म कुंडली का अष्टमेश सर्प द्रेष्काण में स्थित होने पर वाहन से दुर्घटना के योग बनते हैं।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जन्म कुंडली में यदि सूर्य तथा बृहस्पति पीड़ित अवस्था में स्थित हों और इन दोनो का ही संबंध त्रिक भाव के स्वामियों से बन रहा हो तब वाहन दुर्घटना अथवा हवाई दुर्घटना होने की संभावना बनती है।
✿ जन्म कुंडली का चतुर्थ भाव तथा दशम भाव पीड़ित होने से व्यक्ति की गंभीर रुप से दुर्घटना होने की संभावना बनती है।
Pandit Anjani kumar Dadhich
Nakastra jyotish Hub
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