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Thursday, 23 July 2020

मेष राशि

मेष राशि के बारे में

मेष-(अक्षर तालिका-चू,चे,चो,ला,ली,लू,ले,लो,आ) पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ज्योतिष में बारह राशियाँ  होती है और जिसमें से सबसे प्रथम राशि मेष राशि होती है।मेष राशि का प्रतीक चिन्ह मेढा होता है जिसे आम बोलचाल की भाषा में भेड़ा कहा जाता है।इसके प्रभाव स्वरूप वाले जातक के स्वभाव में मेढे वाले गुण देखे जा सकते हैं। मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और यह एक अग्नि तत्व राशि है।मंगल से प्रभावित होने पर इस राशि के लोगों में  क्रूरता और दबंगई का भाव अवश्य होता है।
∆स्वभाविक विशेषताएँ ∆
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि वाले जातक प्रायः चंचल स्वाभाव के, सदाचारी परन्तु क्रोधी स्वाभाव के होते हैं। अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पित रहने वाले होते है और अपने लक्ष्य को किसी भी प्रकार से हासिल कर लेने की कोशिश आप में रहते है। अपने लक्ष्य को पाने में आप निरंतर प्रयासरत रहते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेंष राशि वाले जातकों में  स्थिरता की कमी होती है। एक स्थान पर टिक कर बैठना आपको नहीं आता है सदैव व्यस्त रहते हैं मेष राशि वाले अपने कर्म क्षेत्र में भी बदलाव करते रहते हैं।अचानक या अनायास होने वाले फैसलों या बदलावों के लिए तैयार रहते हैं।कभी-कभी बिना विचार,मनन किए बिना भी शीघ्रता से कोई काम करना शुरू कर सकते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि एक चर राशि है इसलिए अधिकतर समय आप गतिशील रहते हैं।मेष राशि वाले जातक  बड़ी से बड़ी चुनौती से भी नहीं घबराते बल्कि कोई भी चुनौती को अच्छे से निपटा देते हैं। आपको नेतृत्व करने की चाह रहती है एवं प्रत्येक कार्य में बढ़-चढ़ कर भाग लेना आपको अच्छा लगता है। मेष राशि वाले जातक सभी स्थानों में सबसे आगे रहना चाहते हैं, खेल कूद में भाग लेना पसंद होता है इसी के साथ साथ नए-नए परिधानों को पहनने का शौक भी हो सकता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि वाले जातक शारीरिक श्रम करने से पीछे नहीं हटते हैं।साहस, दृढ़ता, संकल्पशक्ति, उत्साह व आत्मविश्वास आपकी अन्य विशेषताएं होती हैं।मंगल का प्रभाव होने के कारण क्रोध जल्दी आता है पर उतनी ही जल्दी चला भी जाता है।इनकी तर्कशक्ति अच्छी होती है एवंविचार स्वतंत्र होते हैं।मेष राशि वाले जातक को पसीना अधिक निकलता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ज्योतिषचक्र में प्रथम राशि होने के कारण लगभग हमेशा से ही मेष राशि की उपस्थिति कुछ ऊर्जावान और उग्र शुरुआत को इंगित करती है। वे लगातार गतिशील,तेज और प्रतियोगिता के लिए देख रहे होते हैं। वे हर चीज में हमेशा से आगे रहते हैं - काम से लेकर सामाजिक समारोहों तक।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इसके स्वामी ग्रह मंगल की कृपा से मेष राशि सबसे सक्रिय राशियों में से एक है। मेष राशि में पैदा हुए लोग व्यक्तिगत और आध्यात्मिक प्रश्नों के उत्तर की खोज पर जोर देने के लिए बने हैं। यह इस अवतार की सबसे बड़ी विशेषता है। इनका उग्र स्वभाव उनके उत्कृष्ट संगठनात्मक कौशल को प्रभावित करता है। जब वे अधीर,आक्रामक हो कर दूसरों पर गुस्सा उतारते हैं तो चुनौतियां बढ़ जाती हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष सिर को नियंत्रित करता है और सिर से ही आगे बढ़ता है।वास्तव में आगे झुकते हुए गति और ध्यान केन्द्रित करने के लिए अक्सर सिर को पहले चलाता है। वे स्वाभाविक रूप से बहादुर होते हैं और परीक्षण एवं जोखिम से शायद ही डरते हैं। भले ही उनकी उम्र कितनी भी हो, उनमें युवा शक्ति और ऊर्जा रहती है और वे रिकार्ड समय में कार्य पूरा करते हैं। खुद के साथ समायोजित करने से वे सबसे बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

∆प्यार,परिवार और मित्र∆
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अग्नि राशि से संबंधित होने के कारण मेष राशि वाले जातक प्रेम पसंद करते हैं और वे प्रेम संबंध में पहल करेंगे। जब मेष राशि के जातक प्यार में पड़ जाते हैं, तो बिना कोई सोच विचार किये वे सीधे अपने प्यार को व्यक्त कर देते हैं। प्यार में मेष राशि के जातक अपनी प्रेमिका पर उदार स्नेह, कभी-कभी अतिरिक्त स्नेह की बौछार भी कर सकते हैं। मेष राशि वाले जातक बहुत ऊर्जावान,भावुक होते हैं और उन्हें रोमांच पसंद है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि जातक के साथ रिश्ता मजबूत और लंबे समय तक चल सकता है।मेष राशि वाले जातक लगातार गतिशील रहते हैं, इसलिए इस राशि के लिए गतिविधि मुख्य शब्द है। जब मित्रों की बात आती है, जितने अधिक भिन्न मित्र हो बेहतर है। इस राशि में पैदा हुए लोग आसानी से संवाद शुरू कर लेते हैं, जीवन में आगे बढ़ते हुए संबंधों और परिचितों की एक अविश्वसनीय संख्या प्राप्त करते हैं।फिर भी लंबे समय तक और असली मित्र पूरी तरह से अलग होते हैं। केवल ऐसे लोग उनके साथ रहेंगे जो ऊर्जावान हैं और लंबे समय तक साथ चलने के लिए इच्छुक हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि के जातक अपने परिवार के साथ अक्सर संपर्क में नहीं रहते हैं लेकिन वे उनके दिल में हमेशा होते हैं। आप हमेशा मेष राशि से एक सीधे और ईमानदार दृष्टिकोण की उम्मीद कर सकते हैं।  

∆कैरियर एवं पैसा∆
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि के होने से आप सेना, पुलिस, सुरक्षाबल,खिलाडी़, सर्जन, अस्त्र-शस्त्र से जुड़े कार्य अथवा धातु से संबंधित कार्य कर सकते हैं। प्रशासनिक विभाग में कार्य करने वाला, वन्य विभाग में कार्यरत, चिकित्सा में, नेता के रूप में कार्यरत हो सकते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सबसे उपयुक्त क्षेत्र या व्यवसाय अनुसंधान, यांत्रिकी, एथलेटिक्स और खेल, अग्निशमन, साहसिक यात्रा, इंजीनियरिंग, मनोविज्ञान, और सबसे महत्वपूर्ण बात उद्यमिता। बिक्री एजेंट, डीलर, प्रबंधक, संचालक और कंपनी के मालिक के रूप में उनका भव्य करियर हो सकता है।

∆गुण∆
मेष राशि वाले खाने और खिलाने के भी शौक़ीन होते हैं साथ साथ अच्छा खाना बनाना भी इनका शौक होता है। इस एक क्षेत्र में मेष राशि के लोग सबसे अधिक चमकदार प्रभाव छोड़ते है। महत्त्वाकांक्षी और रचनात्मक मेष के लिए काम का माहौल एकदम उपयुक्त स्थान है, जो अक्सर सबसे बेहतर संभव होने की जरूरत द्वारा संचालित हैं। मेष राशि वाले जातक जन्मजात नेता गुण वाले होते है जो आदेश प्राप्त करने के बजाय उन्हें जारी करना पसंद करेंगे। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हालांकि, मेष राशि के लोग समझदार होते है और कठिन दिनों के लिए कुछ पैसे बचा सकते हैं।अक्सर मेष राशि के लोगों को शॉपिंग, जुआ और व्यापार पर पैसा खर्च करने में आनंद मिलता है।इसी वजह से मेष राशि वाले पैसे को पुंजी रूप में जमा नहीं रख पाते हैं।मेष राशि वर्तमान में रहते हैं और भविष्य पर ध्यान केंद्रित नहीं करते। मेष राशी वाले जातको का दर्शन है कि हमें वर्तमान में जीना चाहिए। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि के लिए पैसे की कमी दुर्लभ है क्योंकि उन्हें काम करना पसंद है। ये कभी उम्मीद नहीं छोड़ते, सदैव कार्य करने में तत्पर रहते हैं, ईमानदार होते है, हर कार्य करने के लिये तत्पर बहादुर, रोमांच पसंद करने वाले प्राणी होते है, खुश रहने वाले और हर बात को जानने के इच्छुक होते हैं। बहस में हारते नहीं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि वाले जातक की सिक्स्थ सेन्स अच्छी होती हैं जिसके कारण इनमें भविष्यवाणी करने की एक उत्कृष्ट क्षमता होती है जो उन्हें हमेशा एक कदम आगे रखती है और सब कुछ व्यवस्थित करती है। उन्हें केवल अपने चुने हुए मार्ग का अनुसरण करने की ज़रूरत है।एक चुनौती से सामना होने पर, मेष राशि के जातक जल्दी से स्थिति का आकलन करते हुए एक समाधान निकाल लेंगे। प्रतियोगिता से उन्हें परेशानी नहीं होती, बस उन्हें और ज्यादा चमकने के लिए प्रोत्साहित करती है। 

∆कमियाँ ∆
मेष राशि वाले जातक अक्सर उग्रवादी एवं क्रोधी स्वभाव के होते हैं।मेष वाले अधीर,अविवेकी, स्वार्थी, ईर्ष्यालु, व्यर्थ घमंडी, अहंकारी, मोटे, क्रूर, स्वत्वबोधक, हिंसक होते हैं। मंगल ग्रह ख़राब होने की स्थिति में अपने रक्तसंबंध वालो से संबंध खराब होते है।निर्णय लेने में जल्दबाजी करते है।स्वभाव कभी-कभी विरक्ति का भी रहता है।सोचते बहुत ज्यादा है जैसा खुद का स्वभाव है, वैसी ही अपेक्षा दूसरों से करते हैं।इस कारण कई बार धोखा भी खाते हैं।अपनी जिद पर अड़े रहना,यह भी मेष राशि के स्वभाव में पाया जाता है।अपनी मर्जी के अनुसार ही दूसरों को चलाना चाहते हैं।इससे आपके कई दुश्मन खड़े हो जाते हैं।आपके भीतर प्रतिभा का भंडार होता है लेकिन आप उसका समय पर सदुपयोग नहीं कर पाते हैं,अधीर प्रवृत्ति के व्यक्ति होते हैं।अक्सर आप कुतर्क और मूर्खतापूर्ण बातें करने से भी परहेज नहीं करते हैं।
मेष राशि वाले जातक तुनकमिजाज होते हैं खासकर जब आपको बाधाओं और आलोचनाओं का सामना करना पड़ता हैं। 
∆स्वास्थ्य∆
 पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि के जातक का मंगल खराब है तो मंगल से संबंधित बीमारियों में पेट के रोग, हैजा, पित्त, भगंदर, फोड़ा, मानसिक रोगों में अति क्रोध, विक्षिपता, चिढ़चिढ़ापन, तनाव,अनिंद्रा, नासूर और आमाशय से संबंधित समस्याएँ आदि होने लगती हैं। 

∆सावधानी व उपाय∆
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मेष राशि वाले जातक को कुछ सावधानियां और उपाय करने चाहिए जो निम्नलिखित हैं-
किसी से मुफ्त में कुछ लेंगे तो बरकत जाती रहेगी। 
भाई और पिता से झगड़ा न करें। 
अपने बच्चों को जन्मदिवस पर नमकीन वस्तुएँ बाँटें। 
मेहमानों को मिठाई जरूर खिलाएँ। 
विधवाओं की निस्वार्थ मदद करें। 
हमेशा अपनों से बड़ों का सम्मान करें और उनसे आशीर्वाद लेते रहें। कभी-कभी गुलाबी या लाल चादर पर सोएँ।
आँत और दाँत साफ रखें।
हनुमानजी की भक्ति करें।
मंगल खराब की स्थिति में सफेद रंग का सुरमा आँखों में डालना चाहिए। 
गुड़ खाना चाहिए। 
भाई और मित्रों से संबंध अच्छे रखना चाहिए। 
क्रोध न करें। 
इन्हे अपने आहार का ख्याल रखना चाहिए है | 
इन्हे कॉफी और चीनी से बचना चाहिए,इन पदार्थों से उन्हें तनाव हो सकता हैं। 
आपके अगर मंगल अशुभ होता है तो माँस खाने से,भाइयों से झगड़ने से और क्रोध करने से बचना चाहिए। 
∆विवेचना ∆
राशिस्वामी- मंगल। स्वभाव - उग्र 
दिशा - पूर्व। वर्ण - क्षत्रिय 
लिंग - पुरुष । गुण - रज
तत्त्व - अग्नि । योनि - पशु
प्रभुत्व - मस्तक। रंग - लाल 
रत्न - मूंगा । शुभ अंक - नौ। राशि स्वरूप - मेंढा
 Pandit Anjani Kumar Dadhich
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