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Friday, 24 July 2020

मूलांक 3 के बारे में।

🌻मूलांक (3) के बारे में🌻

पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21 और 30 को  हुआ है तो आपका मूलांक 3 होगा। अंक शास्त्र में मूलांक तीन का स्वामी ग्रह गुरु (बृहस्पति) हैंं। इसलिए मूलांक तीन के व्यक्तियों पर बृहस्पति ग्रह के विशेषताओं का बहुत प्रभाव होता है।
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप महत्वाकांक्षी, नेतृत्व का गुण रखने वाले, कलात्मक, अनुशासन-प्रेमी और स्पष्टवादी स्वभाव के हैं। आप की कलात्मकता और अभिव्यक्ति कुशलताा प्राप्त व्यक्ति बनाते हैं। आप अपने आस पास एक सकारात्मक ऊर्जा रखते है जो सबको पसंद आता है और आप जल्दी लोगों का दिल जीत लेते है और लोग आपके मुरीद हो जाते हैं।लोग आप के साथ सहज महसूस करते हैं।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप लोग आज पर कल से ज्यादा यकीन रखते हैं, इसी वजह से आप अपने जीवन का भरपूर आनंद लेते है।आपकी सोच इतनी सकारात्मक है कि आप सोचते हैं कि अपने आप समस्याएं सुलझ जाएंगी।इस सोच के अपने फायदे और नुकसान हैं।आपके विचारों में धार्मिकता और विचारों का स्पष्ट अनुमोदन करने की क्षमता होती है।मानसिक रूप से समृद्ध होने के कारण आप गूढ़ विषयों में भी अच्छी समझ रखते है।आपका आकर्षक स्वभाव लोगों में लोकप्रिय बना देता है।
✏️स्वभाव✏️
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप स्वभाव से शांतिप्रिय, कोमल हृदय, मृदुवाणी एवं सत्य वक्ता हैं। मूलांक 3 वाले साहसिक होते है। उनमे नेतृत्त्व करने की क्षमता है। आप में आध्यात्मिकता का भाव भरा होता है इसी कारण आप हमेशा सकारात्मक सोचते है। प्रत्येक स्थिति में अपने आप को खुश रखने का प्रयास करते हैं।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 के जातक बहुत ही महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति के होते हैं।आप के अंदर वो सारे गुण है जो एक प्रशासक में होता है।आप स्वयं अनुशासन प्रिय है और चाहते है कि जो भी आप से जुड़ा है वह अनुशासित हो। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 वाले व्यक्ति किसी का भी अहित नहीं करते हैं परन्तु अगर कोई इनका अहित करे तो कदापि नहीं छोड़ते बल्कि उनके लिए वे विषधर सर्प जैसे होते है।आप स्पष्ट वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। अपने कार्यों को लेकर हमेशा चौकन्ना रहते हैं। विवादों से दूर रहना आपको पसंद हैं। आपके विचारों में धार्मिकता कूट-कूट कर भरा होगा। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार धार्मिक कार्यो में आपकी रूचि रहती है। यदि धार्मिक संस्था से जुड़कर कोई कार्य करते है तो आपकी ख्याति कोने -कोने में फैलेगा साथ ही मान-सम्मान  में बृद्धि होगी। आप मानसिक रूप से पूर्ण विकसित होते हैं। आप अपने तर्क एवं ज्ञान शक्ति से दूसरों को प्रभावित करते हैं।
👉कमियाँ👈
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार अनुशासन के प्रति आपकी कठोरता आप के नीचे काम करने वालों के लिए समस्या बना देती है।आप खुद भी अनुशासित हैं और वही सबसे अपेक्षा रखते हैं।किसी भी नए कार्य को प्रारम्भ कर के उसे बीच में छोंड देना आपकी एक और समस्या है।आप हमेशा सफल होना चाहते हैं और यही पलायनवाद को जन्म देता है और आप सफलता हाथ न आने पर आप घोर निराशा प्राप्त करते हैं।अगर आप किसी से भावनात्मक तौर से आहात होते हैं, तब आप कठिन से कठिन बातों से उसपर हमला करते हैं और सत्य को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप किसी का एहसान नहीं लेना चाहते।आप किसी की रोक-टोक पसंद नहीं करते और और स्वाभिमान आहात होने पर क्रोधित हो जाते हैं।सफलता न मिलने पर निराश हो जाना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है।जोश में आकर अधिक व्यय कर देते है बाद में परेशान होते है यह ठीक नहीं है।अपने सिद्धान्तों से समझौता नही करने के कारण मानसिक रूप से परेशान होते है जिसके कारण परिवार के लोग भी असहज जीवन व्यतीत करते है।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार तानाशाही प्रवृत्ति से दोस्त भी दुश्मन बन जाते है।आप स्वाभिमानी है अच्छी बात है परन्तु आपके अपने लिए न कि दूसरे लिए, इसे दूसरे के ऊपर न थोपे तो अच्छा रहेगा।
👪पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीवन👪
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक तीन वाले लोगों के विचार परिवार में स्थित अन्य सदस्यो से किंचित भिन्न होता है यही कारण है कि कई बार आपको अपने परिवार में रहना पसन्द नहीं होता है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार इसका मुख्य कारण है की आप एक सैद्धान्तिक व्यक्ति है और अपने सिद्धान्त से हटना नहीं चाहते है परिणामस्वरूप पारिवारिक अंतर्विरोध बना रहता है और यह अंतर्विरोध शादी के बाद सबके सामने आ जाता है और आप अपने परिवार से दूर रहने का फैसला कर बैठते है। आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। यदि आप शादी से पूर्व प्यार के चक्कर में फसे हुए है तो सावधान हो जाइये उस प्यार के कारण आपकी शादी देर से हो सकती है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार इनके दो विवाह भी हो सकते हैं क्योंकि पहले विवाह से कई  बार हानि होती है। ज्येष्ठ संतान की खातिर परेशानी झेलनी पड़ती है।
🎓शिक्षा🎓
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 के लोग अध्ययनशील होते है। आप तो निरन्तर नए नए खोज में लगे रहते है। कुछ नया करना आपके स्वभाव में  ही है। पढाई के क्षेत्र में आप चाहते है की कोई ऐसा कार्य कर जो दुनिया के लिए मिशाल हो। आप अध्यनशील होकर लगातार अन्वेषण में लिप्त रहते हैं इसी कारण पढाई तथा लेखन जैसे बौद्धिक कार्यों के बल पर अपार सफलता प्राप्त करते हैं। आप जैसे लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करते है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार ऐसा जातक मेडिकल, इंजिनियरिंग तथा प्रबंधन शिक्षा में डिग्री प्राप्त करते है। आप 32 साल तक शिक्षा प्राप्त कर सकते है।16 से 19 और  22 से 25 साल में आपकी पढाई में बाधा आ सकती है।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप अपनी पूरी आत्मशक्ति से पढाई करते है तो शिक्षा के उच्च पद को हासिल करेंगे परन्तु जैसे ही पढ़ाई के प्रति उत्साह कम हुआ की आप धड़िम से नीचे पहुच जायेंगे। अतः अपने एनर्जी को लगातार बनाये रखे सफलता कदम चूमेगी।
📰कार्यक्षेत्र 📰
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप नौकरी तथा व्यवसाय दोनों कार्य कर सकते है। आपके लिए निम्न कार्य में आगे बढ़ सकते है यथा लेक्चरर, टीचर, अधिवक्ता,जज तथा लेखक जैसे कार्यो में मिल का पत्थर साबित हो सकते है। आप कोई भी कार्य आत्मविश्वास, धैर्य एवं शांत चित होकर करते हैं। आप जैसे लोग सरकार में अहम् पद पर कार्य करते है। प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में कार्य करते है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आप कवि, रेडियो संचालक, लेखक और संगीतकार भी होते है। बहुत से कवि, गायक, रेडियो संचालक मूलांक तीन के पाये गए हैं।
🔔सलाह🔔
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक तीन वाले जातकों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे हमेशा अपने गुरुदेव से आशीर्वाद ले और उनका स्नेह और आशीर्वाद से उच्च पदासीन होंगे।आपको वृहस्पति की उपासना करनी चाहिए। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार भगवान् विष्णु की उपासना करनी चाहिए और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि, मान सम्मान तथा यश की प्राप्ति होगी। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार आपके लिए शुभ दिशा ईशान कोण है।आपके लिए शुभ धातु सोना है। मूलांक 1एवं 9 वाले जातक आपके सच्चे मित्र हो सकते है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक 3 के जातकों के लिए शुभ रंग पीला, लाल तथा नारंगी हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।किसी कार्य को हल्के में लेना सबसे बड़ी कमजोरी है।आप हमेशा अपने घर के सबसे बड़ो का आशीर्वाद लेकर कोई कार्य प्रारम्भ करते है तो निश्चित ही सफलता मिलेगी। नियमित ध्यान योग करे इससे स्वास्थ्य एवम भाग्य दोनों की वृद्धि होगी।
😂रोग एवं उपचार😂
पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार पीठ तथा पैरों में दर्द, चर्मरोग, गले का रोग एवं लकवा होने का भय होता है। लहसुन व अदरक का उपयोग कम करे। गुलकंद खाए।पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार केले की जड़ को पीले रंग के धागे से लपेट कर गले में धारण करने से बृहस्पति का दुष्प्रभाव कम होता है। पंंडित अंजनी कुमार दाााधीच के अनुसार मूलांक तीन वाले जातकों को पुखराज पहनना कारगर साबित होगा। पुखराज के अलावा सोनेला, टाईगर आई और पीला रंग का हकीक भी पहन सकते हैं।
👓 विवेचना 👓
स्वामी- देवगुरु वृहस्पति
विशेष प्रभावी- 19 फरवरी से 21 मार्च के मध्य उत्पन्न जातक
शुभ तिथियां- 3, 12, 21, 30
सहायक तिथियां- 6, 15, 24 एवं 9, 18, 27
शुभ वर्ष- 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75
सहायक वर्ष- 6, 15, 24, 33, 42, 51, 60, 69 एवं 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72
शुभ दिन- गुरुवार, शुक्रवार, मंगलवार
श्रेष्ठ दिन- गुरुवार
शुभ रंग- पीला, चमकीला, गुलाबी, हल्का जामुनी
उन्नत समय- मार्च, जून, सितम्बर, 19 फरवरी से 20 मार्च व 20 नवम्बर से 21 दिसम्बर
निर्बल समय- 7, 16, 23 तिथियां व जनवरी, जुलाई माह
शुभ रत्न- पीला पुखराज
प्रभावित अंग- जंघा और उसके आसपास के अवयव
रोग- चर्मरोग, रक्त दोष, वायु प्रकोप, मधुमेह, ज्वर, खांसी
देव- विष्णु
व्रत-पूर्णिमा
दान- पुखराज, पीला कपड़ा, पुस्तक, चने की दाल, नींबू, नारंगी, कांस्य पात्र, शंख, चीनी, घी, हल्दी
विवाह संबंध- 15 दिसम्बर से 14 जनवरी, 15 मार्च से 14 अप्रैल, 15 नवम्बर से 14 दिसम्बर व 15 अप्रैल से 14 मई के मध्य उत्पन्न जातक से
व्यवसाय- वस्त्र, भोजनालय, धर्मोपदेश, लेखन, संपादन, कानूनी सलाहकार, व्याख्याता, वकील, क्लर्क, चिकित्सा कार्य, दलाली, आढ़त, विज्ञापन, अभिनय, जल जहाज कार्य, पुलिस विभाग, दार्शनिक, प्रबंधन व जलीय व्यापार
शुभ दिशा- दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, उत्तर- पश्चिम
अशुभ दिशा- ईशान कोण
धातु- सुवर्ण।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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