google24482cba33272f17.html Pandit Anjani Kumar Dadhich : नाग पंचमी

Friday, 24 July 2020

नाग पंचमी

नाग पंचमी 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हर वर्ष श्रावण 
मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 25 जुलाई 2020 को देशभर में नागपंचमी मनाई जाएगी। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के बाद हस्त नक्षत्र रहेगा। इस दौरान मंगल वश्‍चिक लग्न में होंगे खास संयोग यह है कि इसी दिन कल्कि भगवान की जयंती भी है।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार नाग पंचमी के दिन भगवान शिव शंकर और उनके गले में आभूषण की तरह विराजमान नाग देवता के स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। इसके अलावा जिन जातकों पर काल सर्प दोष है उनके लिए भी यह दिन बहुत अहम माना गया है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस दिन नागदेव की पूजा करने से कुंडली में राहु और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिन्दू धर्म में मान्यता है कि सर्प ही धन की रक्षा करते हैं। इसलिए धन-संपदा व समृद्धि की प्राप्ति के लिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पुजा करते है। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरुप की आराधना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और साधक को धनलक्ष्मी का आशिर्वाद मिलता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मान्यता है कि इस दिन सर्पों की पूजा करने से नाग देवता और महादेव प्रसन्न होते हैं और काल सर्प दोष से ग्रसित जातकों को इस दोष से मुक्ति से मिलती है। जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उन्हें विशेष तौर पर नागपंचमी को विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
नाग पंचमी मनाने का कारण-
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार नागपंचमी मनाने के पीछे मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद जो विष निकला उसे पीने को कोई तैयार नहीं था। अंतत: भगवान शिव ने उसे पी लिया। भगवान शिव जब विष पी रहे थे, तभी उनके मुख से विष की कुछ बूंदें नीचे गिरीं और सर्प के मुख में समा गई। इसके बाद ही सर्प जाति विषैली हो गई। सर्पदंश से बचाने के लिए ही इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग पर विजय के उपलक्ष में भी नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार नागपंचमी पूजा के दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख आदि अष्टनागों की पूजा की जाती है। नागपंचमी पर वासुकि नाग, तक्षक नाग और शेषनाग की पूजा का विधान है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार नाग पंचमी के दिन सर्वप्रथम भगवान महादेव और पार्वती की विधि-विधान से पूजन कर महादेव का रुद्राभिषेक करें। इसके बाद नाग-नागिन की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर दूध, अक्षत, फूल, चंदन और मीठा अर्पित करें।पूजन साम्रगी अर्पित करने के बाद महादेव और नाग देवता से अपनी बाधाओं को दूर करने की कामना करते हुए निम्नलिखित मंत्र का जाप करे।
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
इसके बाद सर्प देव की आरती करें।कालसर्प शांति की प्रार्थना करें।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार नागपंचमी पर कालसर्प दोष की शांति के अन्य उपाय जो  कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाते है वो निम्नलिखित हैं-
∆ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सर्पों(नागो) का पूजन कर राहु केतु का जप स्वयं करें या किसी ब्राह्मण से करवाए।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार किसी सपेरे से सर्पों का जोड़ा ले पूजा कर जंगल में छोड़ें। परन्तु यह उपाय जोखिम भरा है।अतः मैं इसका पक्षधर कदापि नहीं हुं
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भगवान शिव को तांबे या चांदी की धातु से बना सर्प अर्पित करें और कालसर्प शांति की प्रार्थना करें।
∆ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार नागपंचमी को दूध, जल, शहीद, फलों का रस, चंदन, इत्र से रुद्राभिषेक करें।
∆ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कालसर्प दोष शान्ति की पुजा करवाना। 
Pandit Anjani kumar Dadhich
Nakastra jyotish Hub

No comments:

Post a Comment