🌻सिंह राशि के बारे में🌻
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंह राशि की (अक्षर तालिका में मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे आदि)नामाक्षर आते है। राशिफल चक्र में सिंह राशि का पंचम स्थान है। इस राशि का राशि चिन्ह शेर है तथा राशि का स्वामी सूर्य है। सिंह राशि पूर्व दिशा की द्योतक है।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इसके अन्तर्गत मघा नक्षत्र के चारों चरण, पूर्वा फाल्गुनी के चारों चरण और उत्तरा -फाल्गुनी का पहला चरण आता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंह राशि का तत्व अग्नि है। इसलिए सिंह राशि के लोगों का स्वभाव उग्र होता है और आप मनमर्जी के कार्यों को करने वाले होते हैं और आपकी ऊर्जा अद्वितीय है।आपकी शालीनता और रौब सभी को आकर्षित करने वाला होता है।इसी कारण आप जहाँ भी जाते हैं अपना अमिट प्रभाव छोड़ते हैं।
✍मुख्य विशेषताएं✍
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस राशि के जातक शेर जैसे होते हैं पूरे साहसी, निडर, उर्जावान, स्वतंत्रता प्रेमी, मजबूत, आत्म विश्वास से लबरेज। रचनात्मकता, बुद्धिमान, उदार, प्रभावी और तेजस्वी वाणी के मालिक,आदर्शवाद, सौन्दर्यप्रेमी, नेतृत्व की क्षमता इनमें स्वाभाविक रुप से विकसित होती है।
🌹चारित्रिक विशेषताएं🌹
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सूर्य का प्रभाव होने के कारण आपकी वाणी प्रभावी और तेजवान होती है। आप बुद्धिमान, शासन करने वाले, लोगों पर प्रभुत्व जमाना आपके लिए आसान होता है।आप एक उदार और सहायक व्यक्ति के रूप में सामने आते हैं, आप एक वफादार व्यक्ति बनते हैं जो आत्मिक रूप से दूसरों के साथ जुड़ सकता है।आप अपने मित्रों कि सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते है।आप अपनी जरूरतों को दरकिनार करते हुए दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप एक ऐसे साथी की चाह रखते हैं जो आपको स्वछंद रहने दे और आपकी प्रगति में सहायक बन सके।आप साहसी, बली और आत्मविश्वास से पूर्ण होते हैं तथा अपनी क्षमताओं से परे जाकर अपने काम को आगे तक ले जाने की कोशिश करते हैं।आप मिलनसार व्यक्तित्व के मालिक होते है। मघा नक्षत्र के कारण जातक में दिमागी रूप से आवेश पैदा होता है। सजावटी और सुन्दरता के प्रति भावना को बढाता है।कल्पना करने और उसके विकास के लिये सोच पैदा होती है। पूर्वाफ़ाल्गुनी नक्षत्र के सानिध्य में जातक स्वाभाविक प्रवृत्तियों की तरफ़ बढता है। जातक को सुन्दरता का बोध करवाने मेंं तथा उसके प्रति मोह और कामुकता का भाव जगाने में सहायक होता है। इसी नक्षत्र के प्रभाव के कारण जातक अपने वादों को क्रियात्मक रूप मे बदलने के लिए काम करता है। उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण जातक में अपने प्रति स्वतन्त्रता की भावना भरता है और जातक को किसी की बात न मानने के लिये बाध्य करता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जातक, पित्त और वायु विकार से परेशान रहने वाले तथा रसीली वस्तुओं को पसंद करने वाले होते हैं। कम भोजन करना और खूब घूमना, इनकी आदत होती है। छाती बड़ी होने के कारण इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका आने पर यह लोग जान पर खेलने से भी नहीं चूकते।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जातक जीवन के पहले दौर में सुखी, दूसरे में दुखी और अंतिम अवस्था में पूर्ण सुखी होता है। सिंह राशि वाले जातक हर कार्य सोचना, काम करना,खाना और रहना आदि शाही ढंग से करते हैं।इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं। जातक जो खाता है वही खाएगा, अन्यथा भूखा रहना पसंद करेगा, वह आदेश देना जानता है, किसी का आदेश उसे सहन नहीं होता है, जिससे प्रेम करेगा, उस मरते दम तक निभाएगा, जीवनसाथी के प्रति अपने को पूर्ण रूप से समर्पित रखेगा, अपने व्यक्तिगत जीवन में किसी का आना इस राशि वाले को कतई पसंद नहीं है।जातक कठोर मेहनत करने वाले, धन के मामलों में बहुत ही भाग्यशाली होते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार स्वर्ण, पीतल और हीरे-जवाहरात का व्यवसाय इनको बहुत फायदा देने वाले होते हैं। जातकों की वाणी और चाल में शालीनता पाई जाती है।इस राशि वाले जातक सुगठित शरीर के मालिक होते हैं। नृत्य करना भी इनकी एक विशेषता होती है।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अधिकतर इस राशि वाले या तो बिलकुल स्वस्थ रहते है या फिर आजीवन बीमार रहते हैं।जिस वातावरण में इनको रहना चाहिए अगर वह न मिले। इनके अभिमान को कोई ठेस पहुंचाए या इनके प्रेम में कोई बाधा आए तो यह बीमार रहने लगते है।
🎭कमियाँ🎭
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंह राशि का पुरुष अपने लिए स्वयं ही कष्टों का निर्माण करता है। वह वर्तमान पर कम भूत और भविष्य पर अधिक सोचता है। इनकी शंकालु प्रवृत्ति होती है एवं इस राशि का स्वामी सूर्य होने के कारण यह अग्नितत्व प्रधान ग्रह है, जिससे ये बात-बात पर अत्यधिक क्रोध करते हैं। स्वार्थ-भावना, ईर्ष्या तथा केन्द्र में रहने की भावना उनके दुर्गुण हैं। सिंह राशि के लोगों को अपने प्रारम्भिक जीवन में दूसरों पर विश्वास करने के कारण बहुत धोखा खाना पड़ता है। इन्हें प्रशंसा की भूख होती है। प्रशंसा के अभाव में वे प्रतिशोध तो नहीं लेते, अपितु अत्यन्त उदास हो जाते है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कई बार आप सूर्य के प्रभाव के कारण स्वतंत्र व स्वच्छंद रहने लगते हैं और इसलिए आप कुछ जिद्दी, घमंडी तथा अहंकारी हो जाते हैं।आपके भीतर लचीलेपन का अभाव पाया जाता है।
👩🎓कैरियर👨🎓
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंह राशि वालों के लिए उपयुक्त व्यवसाय सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, वकील, प्रोफेसर, इंजीनियर, व्यापार और संस्था के प्रमुख के रूप में और दवाओं से संबंधित हो सकता है। आप दार्शनिक व्यक्ति होते हैं, साहित्य और ललित कला के प्रति विशेष रूचि रखते हैं. आपको कलाकृतियों के संग्रह का शौक रहता है। सिंह राशि के व्यक्ति क्रिकेट खेलना पसन्द करते हैं। आप बहस अच्छी और तर्कों से भरी हुई करते हैं अत: आप वकील बनने की योग्यता रखते है आपमें न्याय करने की क्षमता होती है।इसलिये न्यायधीश भी बन सकते है, आप नियुक्ति अधिकारी बन सकते हैं, राजदूत व राजकीय सेवायें, डायरेक्टर, चेयरमैन, मंत्री जैसे उच्च पदों में नियुक्त हो सकते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार प्रशासनिक सेवाओं, दवा विक्रेता, डाक्टर, शेयर मार्केट, वन्य अधिकारी, भ्रमणशील कार्य, सोने की खाने, रेस कोर्स, स्टेडियम आदि के रखरखाव से जुड़ सकते हैं।आपमें नेतृत्व व संगठन के स्वाभाविक गुण होते हैं अत: आप संगठन के बड़े-बड़े कार्य, शालीनता व गरिमापूर्ण ढ़ग से करने में सक्षम होते हैं।सरकार और नगर पालिका वाले पद इनको खूब भाते हैं।
🏵रोग🏵
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार रीढ़ की हड्डी की बीमारी या चोटों से अपने जीवन को खतरे में डाल लेते हैं। इस राशि के लोगों के लिये हृदय रोग, धड़कन का तेज होना, लू लगना और आदि बीमारी होने की संभावना होती है।गला, पेट, आंखों में तकलीफ, रक्त विकार, कान का दर्द, चर्मरोग, वातरोग या शीत ज्वर पीड़ा का भय बना रहता है। जुकाम शीघ्र हो जाता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बाल्यावस्था में रोगों से विशेष कष्ट उठाना पड़ता है, किन्तु युवावस्था में शक्तिमान रहते हैं।अधिक जल पीना लाभदायक होता है। छाछ, दही, पपीता, गोभी, आलू, टमाटर व आम विशेष प्रिय चीजें होती हैं।
👪घर परिवार और वैवाहिक जीवन👪
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंह राशि के जातक अपनी माता के लिए हृदय में उच्च सम्मान और प्रेम रखते हैं। ईश्वर पर भरोसा रखने के कारण इनके सुख-दुःख चेहरे पर शीघ्र ही झलक जाते हैं अतः परिवार के लिए विश्वसनीय होते हैं। इन्हें अपने भाई-बहनों की ओर से उचित व्यवहार प्राप्त नहीं होता। किसी एक निकट संबंधी की मृत्यु के कारण इन्हें आर्थिक चोट पहुंचाने की संभावना रहती है। किसी एक यात्रा में विपत्ति की संभावना रह सकती है तथा किसी एक यात्रा के समय पिता को भी विपत्ति की संभावना होगी। सिंह राशि के लोगों का अपने पिता से विरोध रहना संभव है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंह राशि के जातक दूसरों की सहायता करने वाले, प्रेमी स्वभाव के तथा दूसरों को प्रसन्न देखना चाहने वाले होते हैं। वे एक अच्छे पति भी सिद्ध होते हैं। सिंह राशि के जातकों के विवाह में बाधा पड़ती है पर विवाह से ही भाग्योदय होता है। सिंह राशि का व्यक्ति व्यवहार में कठोर होता है। उसे क्रोध भी जल्दी आता है। क्रोध में वह किसी भी सीमा तक जा सकता है। क्रोधावेग में वह अपने प्रिय से प्रिय व्यक्ति का भी अहित कर सकता है। सिंह राशि के क्रोध को झेल पाना सरल नहीं होता है। उत्तेजना के कारण वह लगभग पागल सा हो जाता है। उस पर तब नियन्त्रण कर पाना असंभव हो जाता है। इनका जीवनसाथी इनके क्रोध को सहता रहता है। हालांकि ये अंदर से भावुक होते हैं।
🌼उपाय🌼
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंह राशि वाले लोगों के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण उपायों को उपयोग करना चाहिए-
❃रविवार का उपवास करने से इच्छित फल मिलता है।
सूर्य को जल तर्पण एवं रविवार का व्रत सदैव लाभकारी है।
❃भगवान दत्तात्रेय, सूर्य, हनुमान,और गायत्री माता में किसी भी एक देवता की उपासना करें।
❃एकादशी करना व गणेश की उपासना भी अच्छी मानी गई है।
❃माणिक रत्न या बिल्व पत्र झाड़ की जड़ी पास में रखें तो दुःख दूर होगा।
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"ओम घृणि सूर्यायः नमः" मंत्र का 7,000 जाप करना भी आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है।
📖विवेचना📖
सिंह - पांचवी राशि
राशि स्वामी - सूर्य। राशि स्वरूप- शेर जैसा
स्वभाव- उग्र। दिशा- पूरब
वर्ण- क्षत्रिय। लिंग- पुरुष
गुण- सतोगुण। तत्त्व - अग्नि
योनि - पशु। प्रभुत्व- ह्रदय
रंग- लाल, गुलाबी
रत्न- माणिक । शुभ अंक : 1
Pandit Anjani kumar Dadhich
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