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Monday, 3 August 2020

मूलांक 6

🌻मूलांक 6 के बारे में🌻  
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यदि आपका जन्म किसी भी महीने की 6,15,और 24 को हुआ है तो आपका मूलांक 6 होगा।मूलांक 6 के अधिष्ठाता ग्रह शुक्र हैं इसलिए मूलांक छह के व्यक्तियों पर शुक्र ग्रह के विशेषताओं का विशेष प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। मूलांक 6 वाले चित्रकला, संगीत,साहित्य और कलात्मक वस्तुओं में बहुत रूचि रखते है।
✍स्वाभाविक विशेषताएं एवं गुण✍
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 6 का स्वामी ग्रह शुक्र है शुक्र सुंदरता,भोग,विलास, प्रेम एवं शान्ति का कारक है। मूलांक 6 वाले व्यक्ति का शरीर मनोहर होता है उसे देखने वाले देखते ही रह जाते है।आप देखने में सुंदर एवं अत्यंत ही आकर्षक होते हैं। जिस स्त्री का मूलांक 6 होता है वह बहुत ही सुंदर और मनमोहक होती हैं। बाल घुंघराले काले अथवा भूरे रंग के होते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 6 वाले लोग स्वाभिमानी, सौंदर्य प्रेमी,कला प्रेमी गंभीर,उदार और विश्वासपात्र होते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 6 के स्वामी ग्रह शुक्र का सम्बन्ध दैत्य गुरू शुक्राचार्य से है। शुक्र ग्रह मुख्यतः मुख्यत: भोग का कारक है। इस मूलांक के व्यक्तियों में “खाओ पियो और मस्त रहो” वाली बात चरितार्थ होती है।आप कला प्रेमी और सौंदर्य के पुजारी होते है। आप महंगे वस्त्र के शौकीन होते है। आपको ब्रांडेड कपडा पहनना ही अच्छा लगता है। यही आप अंतःवस्त्र भी ब्रांडेड ही पहनना पसन्द करते है। भौतिक सुख ही वास्तविक सुख है ऐसा आपका सोचना है। आप विश्वसनीय व्यक्ति होंगे। आप कोई भी काम शांति प्रिय होकर करना चाहते है।मूलांक 6 वाले स्वस्थ, दीर्घायु, और खुश मिजाज होते हैं। मूलांक 6 वाले जातक में दूसरों को आकर्षित करने का गुण जितना होता है, उतना अन्य किसी भी मूलांक में नहीं होता। आप शीघ्र ही अनजान व्यक्तियों के साथ घुल-मिल जाते है । पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  मूलांक 6 वाले व्यक्ति मिलनसार होते है और इसी कारण आप परिवार तथा समाज में लोकप्रिय होते है ।
आपकी अधिक रूचि अन्य सुन्दर व्यक्तियों एवं वैसी वस्तुओं में अधिक होती है जो दिखने में सेक्सी लगे।विपरीत लिंग अथवा स्त्री को प्रभावित करने करने की आपमें विशेष शक्ति होती है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 6 वाले जातक यदि पुरुष है तो आपका मन सुदंर और मनमोहक स्त्रियों को पाने के लिए हमेशा लालायित रहता है और वैसी स्त्रियों से दोस्ती के लिए आप कुछ करने के लिए तैयार रहते है। इस कारण इनका सुन्दर स्त्रियों से सम्पर्क रहता है। ठीक इसके विपरीत यदि आप स्त्री है और आपका मूलांक 6 है तो आप का मन हमेशा सुंदर पुरुष को प्राप्त करने में लगा रहता है।आपका मानवता पर यकीन रहता है और आप अपने साथ के लोगों की भलाई में अपना जीवन लगा देते हैं। जिम्मेदारी और जागरूकता आपका विशेष गुण है।आप दूसरों की सेवा और ख्याल रखने में कभी कभी अपने बारे में ध्यान देना बंद करते हैं।दूसरों को सहारा देने में आप खुद को भूलने लगते हैं।आप सांसारिक हैं फिर भी आप नीतिवान हैं।आपका सुन्दर व्यक्तित्व सबको पसंद आता है और सबका ध्यान रखते हैं।
👪पारिवारिक तथा दाम्पत्य जीव 👪
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 6 वाले व्यक्तियों का दाम्पत्य जीवन सामान्यतः सुखमय व्यतीत होता है। आप रति क्रीड़ा में अत्यंत ही माहिर होते हैं। इस कारण वैवाहिक सम्बन्ध में मिठास बनी रहती है। परन्तु यदि आपको अपने वैवाहिक सुख में कमी महसूस होती है तो आपके दाम्पत्य जीवन में तूफ़ान आ सकता है।आपको विरह की अग्नि में जलना भी पड़ सकता है। यदि किसी कारण जीवन साथी के साथ अविश्वास पैदा जो जाय तो वैवाहिक जीवन कष्टप्रद भी हो जाता है।प्रत्येक वस्तु को सुचारू रूप से सजाना सवारना आपका नित्यकर्म होता है । यहाँ तक कि आप अपने को सजाने संवारने पर भी घंटो लगा देते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप अपने घर को पूर्ण रूप से व्यवस्थित रखना चाहते है। आप घर के सोफे तथा अन्य फर्नीचर भी पूरा सजा कर रखते है।घर में कई बार साफ़ सफाई को लेकर एक दूसरे के प्रति आरोप प्रत्यारोप के कारण परेशानी भी होती है। आप लोग परिवार, गृहस्त और समुदाय से जुड़े रहते हैं और प्रेम और करुणा से ओत-प्रोत सबको प्रसन्न रखते हैं।आप सबका ख्याल रखने, सेवा करने में आनंद प्राप्त करते हैं।आपका जीवन आपके परिवार,दोस्तों और रिश्तेदारों के इर्द-गिर्द ही रहता है।
💰आर्थिक स्थिति 💰
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यदि आपके आर्थिक स्थिति की बात करे तो आपकी आर्थिक स्थिति में उतार चढाव होते हुए देखा गया है। आप आय से अधिक खर्च करते है और यह खर्च मुख्यतः भौतिक सुख, भोग विलास को लेकर होता है। आप अपने मेहनत के अनुरूप धनोपार्जन करते है।
♨️स्वास्थ्य♨️
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 6 वाले जातक का शरीर आकर्षक होता है। आपमें शारीरिक शक्ति तो अच्छी होती है परन्तु आत्म शक्ति की कमी होती है। आपको गला, नाक फ़ेफ़ड़े, छाती व गुप्त रोगों के होने की प्रबल संभावना रहती है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  इनके अलावा शुगर, शुक्राणु या हृदय से सम्बंधित रोग भी हो सकता है।मूलांक 6 वालों के लिए अनियमित रक्त-संचार, दिल का धड़कना इत्यादि एक समस्या बन जाती है। मूलांक 6 वालों का मन विपरीत लिंगो के प्रति बना रहता है इस कारण कई बार इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिलता है आप गुप्त तथा एड्स जैसे घातक रोग के चपेट में आ सकते है।
🎭रोग एवं उपचार🎭
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूत्र विकार, हृदय रोग, मधुमेह एवं गुप्तांगों के रोग होने की संभावना रहती है। सेवा, अनार, अंजीर, बादाम, खरबूजा आदि का सेवन लाभदायक है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  सरफोंखा की जड़ को सफेद कपड़े में लपेट कर चांदी के ताबीज में भरकर गले में धारण करने पर शुक्र के अशुभ प्रभाव कम होंगे। 
🎓शिक्षा🎓
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार शिक्षा के प्रति आपकी बहुत ज्यादा रूचि नहीं होती है। आप मेहनत के बल पर उत्तम शिक्षा प्राप्त करते है। आपमें अपने विचारों को मूर्त रूप देने की पूर्ण रूप से सक्षम नहीं होते है। इस कारण कई बार शिक्षा में ब्रेक होते हुए भी देखे गए हैं। लेकिन संगीत एवं चित्रकला में आपकी अच्छी रुचि होती है।
👉कार्यक्षेत्र👈
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मूलांक 6 वाले जातक संगीत, कला, होटल कंप्यूटर इत्यादि से जुडे कामों में मूलांक 6 वाले अच्छा कर सकते हैं।फ़िल्म, नाटक, रंगमंच, सोने चांदी हीरे आदि से संबंधित काम,खान-पान आदि से संबंधित काम करना आपके लिए शुभ रहेगा।वस्त्रों का व्यवसाय करना भी आपके लिए अच्छा रहेगा। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  आप नेता-अभिनेता, लेखक,केमिस्ट,जन सम्पर्क अधिकारी भी बन सकते है। आप एक उत्तम अधिकारी के पद पर काम कर सकते है।आप उस स्थल पर काम करना पसंद करते है जहां सभी प्रकार के सुख सुविधा मिले।
❌कमियाँ❌
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार  आपका सेवा-भाव आप के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खूबी है, लेकिन लोग इसका नाजायज़ फायदा उठाने लगते हैं और आप को दास के सामान इस्तेमाल करने लगते हैं। आप सेवा-भाव और मानवता के कारण बिना खुद पर ध्यान दिए आप दूसरों के लिए सदैव खड़े रहते हैं।इस बात का ध्यान रखें की इसका कोई दुरुपयोग न करे।आपका बॉस आपको ज़रुरत से ज़्यादा काम ले कर आप को बिना किसी पारिश्रमिक या पुरस्कार के इस्तेमाल कर सकता है।आप खुद का ख्याल रखें और खुद को सम्मान दें, सराहें और अपना आत्म-सम्मान बना के रखें।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप अपना अधिकांश समय स्मार्ट दिखने में व्यतीत करते है।आप बाह्य सुंदरता को ज्यादा महत्त्व देती है यह क्षणिक आनन्ददायक है अतः आतंरिक सुंदरता पर ध्यान दे तो अच्छा रहेगा।केवल भोग विलास ही जिंदगी नहीं है समाज और परिवार को समझने की कोशिश करे।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बातों में समय को व्यर्थ न गवाये।समय को न पहचानना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है।
🍁सलाह🍁
आपको शुक्र ग्रह की उपासना करनी चाहिए।
माता दुर्गा की उपासना करने से आपकी समस्या शीघ्र ही समाप्त हो जायेगी।
प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि, मान सम्मान तथा यश की प्राप्ति होगी।
धूम्रपान करना एवं शराब का सेवन इनके लिए बहुत हानिप्रद है।
आपके लिए शुभ दिशा है दक्षिण-पूर्व अर्थात अग्नि कोण।आपके लिए शुभ धातु है चांदी।आपके लिए मूलांक 2,3 6 तथा 9 वाले जातक सच्चे मित्र हो सकते है।आपके लिए शुभ रंग सफेद तथा नीला हैं। यदि आप अपने ऑफिस तथा शयनकक्ष के पर्दे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग का प्रयोग निर्दिष्ट शुभ रंग में करे तो भाग्य आपका साथ देगा।
✔️विवेचना✔️
स्वामी ग्रह- शुक्र
शुभ तिथियां- 6, 15, 24
महत्वपूर्ण समय- 20 अप्रैल से 24 मई, 21 सितम्बर से 24 अक्टूबर
सहायक तिथियां- 3, 12, 21, 30 व 9, 18, 27
महत्वपूर्ण वर्ष- 6, 15, 24, 33, 42, 51, 60, 69
सहायक वर्ष- 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75 तथा 9, 18, 27, 36, 45, 54, 63, 72वां वर्ष
निर्बल समय- अप्रैल, अक्टूबर, नवम्बर
शुभ दिन- शुक्रवार, मंगलवार, गुरुवार
सर्वाधिक शुभ - शुक्रवार
शुभ रंग- हल्का नीला, आसमानी, गहरा नीला, गुलाबी, चाकलेटी
अशुभ रंग- काला, लाल
शुभ रत्न- हीरा
शुभ धातु- सुवर्ण
रोग- फेफड़े संबंधी, धातु क्षीणता, मूत्र रोग, स्नायु निर्बलता, कफ, जुकाम, कब्जियत
देव- कार्तवीर्यार्जुन
स्त्री देव- संतोषी माता
दान पदार्थ- हीरा, स्वर्ण, चांदी, चावल, मिश्री, श्वेत वस्त्र, चंदन, सुगन्धित द्रव्य
विवाह संबंध- 15 फरवरी से 15 मार्च, 15 मई से 14 जून, 15 अक्टूबर से 18 नवम्बर व 15 अप्रैल से 14 मई के मध्य जन्मे जातको से
मित्र अंक- 2, 4, 9
शत्रु अंक- 1, 3, 5, 7, 8
व्यवसाय- होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, महाजनी कार्य, संगीत, वाद्य, लेखन, नाट्य, वस्त्र व्यवसाय, बागवानी, अभिनय, श्रृंगार प्रसाधन, रेशम, मिष्ठान, साहित्य, सार्वजनिक कार्य, समाज सेवा, यातायात इत्यादि
श्रेष्ठ दिशा- पश्चिम, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम
प्रतिकूल दिशा- दक्षिण पश्चिम।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakastra Jyotish Hub

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