पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कन्या राशि की (नामतलिका ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)है। कन्या राशिफल चक्र की छठी राशि है। इस राशि का स्वरूप हाथ में फूल की डाली लिए एक कुुुुवांरी कन्या है। इस राशि का स्वामी बुध है। यह दीर्घााकार, स्त्री संज्ञक, दक्षिणी दिशा की स्वामिनी सौम्य तथा द्विस्भाव प्रवृति वाली है। यह जलाश्रयी राशि है जो कि लग्न में बली मानी गई है। कन्या राशि वैश्य वर्ण, जीव एवं चर संज्ञक है। इसके अन्तर्गत उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण,चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार उत्तराफ़ाल्गुनी के दूसरे चरण के स्वामी सूर्य और शनि है। जो आदमी को उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रति अधिक महत्वाकांक्षा पैदा करते है। तीसरे चरण के स्वामी भी उपरोक्त होने के कारण दोनो ग्रहों के प्रभाव से घरऔर बाहर के बंटवारे को आदमी के मन में उत्पन्न करती है।चौथा चरण भावना की तरफ ले जाता है और आदमी दिमाग की अपेक्षा हृदय से काम लेना चालू कर देता है। 🌼स्वभाव🌼
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस राशि के व्यक्ति सौम्य, गुणी, वाकपटु, चतुर, चालाक व हर काम करने में निपुण होते हैं। हर बात में बुद्धिमत्तापूर्ण तरीके से तर्क करने की आदत होती है। बुध के प्रभाव के कारण कन्या राशि वाले जातकों का स्वभाव अस्थिर होता है। वे लंबी कद-काठी वाले होते हैं। संकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले जातक कन्या राशि के ही देखे जाते है। मगर अपनी भावनाओं पर ज्यादा देर नियंत्रण नही रख पाते।
👱चारित्रिक विशेषताएं👱
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कन्या राशि के व्यक्ति मेहनती और व्यवस्थित होते हैं। इन्हें हर कार्य अपनी देखरेख में कराना पसंद होता है। ये बहुत अच्छे कर्मचारी और विश्वसनीय लोग होते हैं। इनकी लीडरशिप बहुत अच्छी होती है और अपनी टीम में ये लोग काफी मेहनती और प्रगतिशील रवैये के लिए जाने जाते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कन्या राशि के जातक में भाषण और लेखन के साथ संवाद क्षमता खास होती है। कन्या राशि के जातक हमेशा सेवा करना और दूसरों को खुश रखना चाहते हैं। इसलिए वे अक्सर देखभाल करने वाले काम को चुनते हैं। कभी-कभी इस राशि का जातक बहुत समालोचक और अत्यधिक चिंतित रहते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कन्या राशि का प्रतीक चिन्ह एक युवती है जो सुख समृद्धि का प्रतीक है। इस राशि का राशि स्वामी बुध ग्रह है। कन्या राशि का तत्व भूमि होता है। जिसके कारण आप सभी काम धरातल पर रहकर करते हैं।कन्या राशि वाले प्रायः देखने में सुन्दर और नजाकत वाले होते है। बुध का प्रभाव होने के कारण आपकी वाणी प्रभावी होती है।आप बुद्धिमान,बड़ी मित्रमंडली वाले, विख्यात और बात के मर्म को समझने वाले होते हैं।आप पूर्ण आस्तिक और धर्म-कर्म में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले होते हैं।आप सदैव ऊर्जावान बने रहते हैं और स्वयं को किसी से कभी कम नहीं समझते हैं। लेकिन आप सदा ही दूसरों की सहायता करने को भी तत्पर रहते हैं। आप सामाजिक प्राणी होते हैं और समाज के दायरे में रहकर आगे बढ़ते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार छोटी से छोटी बात को भी गंभीरता से लेकर आगे बढ़ते हैं और उस पर भी चिन्तन मनन करते हैं। आपके संबंध कम लोगो से बनते हैं लेकिन जिनसे भी बनते हैं मजबूत ही बनते हैं। कन्या राशि का होने से आप एक सच्चे मित्र साबित होते हैं जो सदा अपने दोस्तों की सहायता के लिए तत्पर रहता है। परिवार के प्रति भी आप समर्पित रहते हैं और सभी सदस्यों को बहुत प्यार करते हैं।घर के बुजुर्गों की तो आप बहुत सेवा करते हैं।यदि वह बीमार भी पड़ जाते हैं तब सबसे अधिक सेवा भावना आप में ही होती है।आप खाने के भी बहुत शौकीन होते हैं और भांति-भांति के व्यंजन आपको बहुत पसंद होते हैं।आपके भीतर दया का भाव होता है। व्यवहारिक व वफादार भी होते हैं।किसी भी बात का विश्लेषण व मूल्याँकन करने के बाद ही नतीजे पर पहुंचते हैं।जानवरो व पशुओ से प्यार होता है, किताबे पढ़ने के शौकीन होते हैं और प्राकृतिक नजारों से प्रेम होता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप कुछ संकोची तथा शर्मीले स्वभाव के होते हैं।कन्या राशि के लोग बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी होते हैं। भावुक भी होते हैं और वह दिमाग की अपेक्षा दिल से ज्यादा काम लेते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस राशि के लोग संकोची, शर्मीले और झिझकने वाले होते हैं।मकान, जमीन और सेवाओं वाले क्षेत्र में इस राशि के जातक कार्य करते हैं।स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में शीत, पाचनतंत्र एवं आंतों से संबंधी बीमारियां जातकों मे मिलती हैं। इन्हें पेट की बीमारी से प्राय: कष्ट होता है। पैर के रोगों से भी सचेत रहें।बचपन से युवावस्था की अपेक्षा जातकों की वृद्धावस्था अधिक सुखी और ज्यादा स्थिर होता है।इस राशि वाल पुरुषों का शरीर भी स्त्रियों की भांति कोमल होता है। ये नाजुक और ललित कलाओं से प्रेम करने वाले लोग होते हैं।ये अपनी योग्यता के बल पर ही उच्च पद पर पहुंचते हैं। विपरीत परिस्थितियां भी इन्हें डिगा नहीं सकतीं और ये अपनी सूझबूझ, धैर्य, चातुर्य के कारण आगे बढ़ते रहते है।बुध का प्रभाव इनके जीवन मे स्पष्ट झलकता है। अच्छे गुण, विचारपूर्ण जीवन, बुद्धिमत्ता, इस राशि वाले में अवश्य देखने को मिलती है।शिक्षा और जीवन में सफलता के कारण लज्जा और संकोच तो कम हो जाते हैं, परंतु नम्रता तो इनका स्वाभाविक गुण है। इनको अकारण क्रोध नहीं आता, किंतु जब क्रोध आता है तो जल्दी समाप्त नहीं होता। जिसके कारण क्रोध आता है, उसके प्रति घृणा की भावना इनके मन में घर कर जाती है।इनमें भाषण व बातचीत करने की अच्छी कला होती है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार संबंधियों से इन्हें विशेष लाभ नहीं होता है, इनका वैवाहिक जीवन भी सुखी नहीं होता। यह जरूरी नहीं कि इनका किसी और के साथ संबंध होने के कारण ही ऐसा होगा।इनके प्रेम सम्बन्ध प्राय: बहुत सफल नहीं होते हैं। इसी कारण निकटस्थ लोगों के साथ इनके झगड़े चलते रहते हैं।ऐसे व्यक्ति धार्मिक विचारों में आस्था तो रखते हैं, परंतु किसी विशेष मत के नहीं होते हैं। इन्हें बहुत यात्राएं भी करनी पड़ती है तथा विदेश गमन की भी संभावना रहती है। जिस काम में हाथ डालते हैं लगन के साथ पूरा करके ही छोड़ते हैं।इस राशि वाले लोग अपरिचित लोगों मे अधिक लोकप्रिय होते हैं, इसलिए इन्हें अपना संपर्क विदेश में बढ़ाना चाहिए। वैसे इन व्यक्ति की मैत्री किसी भी प्रकार के व्यक्ति के साथ हो सकती है।
🤒स्वास्थ्य🤧
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इनका शरीर स्थूल होता है। अनियमित दिनचर्या एवं समय-असमय भोजन खाने के कारण पेट संबंधी रोगों से ग्रस्त रहते हैं। त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) चर्म रोग, कर्ण रोग, भ्रांति, गले या नासिका रोग, उदर-विकार, मधुमेह, वायु-विकार, मंदाग्नि, संग्रहणी, चेचक, जड़ता, वाक् रोग, कुष्ठ, दाद, पक्षाघात, पीठ का दर्द व जोड़ों का दर्द आदि रोगों से पीड़ित होते हैं। इस राशि वाली नारियों के बाल काले होते हैं और शीघ्र झरने भी लग जाते हैं। कइयों के बाल सुंदर भी देखे गए हैं। इनको सिरदर्द की तकलीफ होकर आंखों की ज्योति कमजोर हो जाती है। कभी-कभी अधिक विचार करने की आदत से या अकस्मात दर्द भरी घटना से मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है तथा याददाश्त कमजोर हो जाती है। मानसिक थकान से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर होता रहता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार दमा, मोतियाबिंद, रक्तचाप, खांसी, पेट विकार आदि रोगों में से कोई एक अवश्य ही देखा गया है। इन्हें मानसिक श्रम की अपेक्षा शारीरिक श्रम को भी महत्व देना चाहिए। भोजन संतुलित एवं समय पर लें, तभी स्वस्थ हो सकेंगे। थोड़ा व्यायाम करें या प्रातः या संध्या समय सैर करें। शरीर की स्वस्थता पर ध्यान दें क्योंकि इसी पर आपकी उन्नति निर्भर है। हरी सब्जियां व फलों का रस आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यावश्यक है। धूम्रपान एवं मांसाहार के सेवन से बचें। मट्ठा एवं दही स्वास्थ्यवर्द्धक है। विटामिन्स डी, बी तथा कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ अवश्य लें। मनोरंजन और विनोदमय जीवन व्यतीत करेंगे तो स्वस्थ ही रहेंगे।
👩🎓व्यवसाय👨🎓
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आदमी अच्छे लेखक हो सकते हैं इसके अलावा आप कूतनीतिज्ञ, संचार व गणित व आंकड़ो से जुड़े कामो में रुचि रख सकते हैं। आप ज्योतिष विज्ञान को भी अपने व्यवसाय का क्षेत्र चुन सकते हैं।अकाउंटस, क्लर्क, संपादक आदि भी हो सकते हैं। मनोवैज्ञानिक, वायुयान चालक अथवा चिकित्सक भी हो सकते हैं। व्यापार आदि में भी रुचि रह सकती है।आप एक अच्छे विश्लेषक भी बन सकते हैं।
👨👨👧👧दांपत्य जीवन और परिवार👨👨👧👧
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कन्या राशि के जातकों का मकर और वृश्चिक राशि की पत्नी या पति से संबंध अत्यन्त सुखद होता है। इनकी संतान भी अत्यन्त मेधावी होती है। कन्या राशि वालों के प्रेम की परिभाषा में उनके परिवार विशेषकर जीवनसाथी तथा बच्चे भी सम्मिलित होते हैं। उनका प्रेम पारिवारिक होता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार प्रमुख बात यह है कि स्त्री जाति के सहयोग से ही इनका जीवन बनता है।कन्या राशि के जातक कुटुम्बियों के साथ ही रहते हैं, फिर भी इनकी इज्जत घर में कम ही रहती है। ये कुटुम्ब का विघटित नहीं होने देते हैं। आध्यात्मिक बातों की तरफ ही इनका ध्यान रहता है। राजनीति में भी काफी अधिकार रखते हैं। यदि कुटुम्ब में बड़े हों, तो सारी जवाबदारी इन्हें ही उठाना पड़ती है, फिर भी उसे निभाते हैं। पास-पड़ोस के व्यक्ति कभी इन्हें बेहद तंग करते हैं।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ये घर के लोगों का हमेशा ख्याल रखते हैं। उन्हें सुख देने का प्रयत्न करते हैं। स्वयं दुःख पाकर भी परिवार के लोगों का भला करते हैं, फिर भी परिवार के लोग सम्मान नहीं करते हैं लेकिन ये हमेशा अपना कर्तव्य करते रहते हैं। भाई-बंधु व रिश्तेदार इनसे स्वार्थ-भरा प्रेम रखते हैं। इन्हें घर या बाहरी लोगों से अच्छा सहयोग मिलता रहता है।
❌कमियां❌
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आपमें कुछ निम्नलिखित स्वभाविक कमीयां हैं-
कन्या राशि वाले अत्यधिक स्वार्थी होते हैं।
ये दूसरों की सलाह को भी महत्व नहीं देते हैं जिसकी वजह से नुकसान उठाते हैं।
इन्हें दूसरों की खिल्ली उड़ाने में बड़ा मजा आता है जो संबंधों को खराब करता है।
बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने की आदत इनके लिए कभी-कभी हास्यास्पद स्थिति पैदा कर देती है।
उतावलेपन और जल्दबाजी के कारण मुसीबत में फंस जाते हैं।
इनके लिए आंतरिक व्यक्तित्व के तर्क, आज्ञा एवं स्पष्टता की कामना यदि चरम सीमा पर न पहुंचे तो वह आत्म प्रतिकार का रूप ग्रहण कर लेती है।
आलोचना के द्वारा वह अपने निकटवर्तियों से दूर हटता चला जाता है तथा संकटों की सृष्टि कर लेता है।
🌹उपाय🌹
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कन्या राशि के लिए उपाय निम्नलिखित हैं-
आपको गणेश, दत्तात्रेय, भगवान शिव या इष्ट देव का जप करना चाहिए तो जिससे दुःख दूर होगा।
धन के लिए लक्ष्मी की उपासना लाभकारी है।
बुधवार का व्रत हमेशा लाभकारी होता है।
'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः' मंत्र का 9,000 जाप करना मनोकामना पूर्ति करने में सहायक है।
मूंग, हरा वस्त्र, कपूर, फल-फूल एवं हरी वस्तुओं का बुधवार को दान देना उत्तम फलप्रद है।
आप अगर भावुकता में न बहकर निश्चयी बनकर प्रयत्न करेंगे तो सफलता इनके कदम चूमेगी।
📖विवेचना📖
नामाक्षर - ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
राशि स्वरूप- कन्या। राशि - छठी
राशि स्वामी- बुध।
नक्षत्र - उत्तराफ़ाल्गुनी, हस्त एवं चित्रा
स्वभाव - सौम्य। दिशा - दक्षिण
वर्ण - वैश्य। लिंग - स्त्री
गुण - सतो। तत्त्व - भूमि
योनि - मनुष्य। प्रभुत्व - उदर
रंग - हरा।रत्न - पन्ना
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakshatra jyotish Hub
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