🏵श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बारें में🏵
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिवस (कृष्ण जन्माष्टमी) भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाई जाती है।इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए इसे कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। मगर इस वर्ष भारतीय पंचांग के अनुसार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त और 12 अगस्त दो दिन मनाने को मिल रही है।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मगर यह असमंजस की स्थिति है कि कौन सी तारिख कृष्ण जन्माष्टमी के लिए श्रेष्ठ मानी जाए। यह श्री कृष्ण के जन्म तिथि और नक्षत्र पर निर्भर करता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कई बार ज्योतिष गणना में तिथि और नक्षत्र में समय का अंतर रहता है इसलिए तारीखों में मतभेद होता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भारतीय पंचांग के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 06 मिनट से हो रहा है, जो 12 अगस्त को दिन में 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी और वहीं रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ 13 अगस्त को तड़के 03 बजकर 27 मिनट से हो रहा है और समापन सुबह 05 बजकर 22 मिनट पर होगा।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ऐसे में 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना सही रहेगा।जन्माष्टमी की पूजा की पुजा आप 12 अगस्त की रात 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक श्रीकृष्ण जन्म की पूजा कर सकते हैं।
Pandit Anjani kumar Dadhich
Nakastra jyotish Hub
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