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Wednesday, 26 August 2020

ग्रहण योग के बारे में

🌻ग्रहण योग🌻
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार जन्म कुंडली के किसी भी भाव में सूर्य या चंद्रमा के साथ राहु या केतु बैठे हों तो ग्रहण योग बनाते हैं। सूर्य और चन्द्रमा के साथ ही ग्रहण योग का संयोग बनता है।सूर्य के ग्रहण योग का प्रभाव अलग होता है जबकि चन्द्रमा के ग्रहण योग का प्रभाव बिलकुल अलग होता है। ग्रहण योग होने से जीवन की शुभता पर ग्रहण लग जाता है।पंडित अंजनी कुमार के अनुसार ग्रहण योग से व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित होती है। इस योग के कारण जीवन में स्थिरता नहीं होती। उसे न चाहते हुए भी नौकरी और व्‍यवसाय में बार-बार बदलाव करते रहना पड़ता है। 
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार अगर सूर्य के ग्रहण योग हो तो व्‍यक्ति किसी विषय पर गंभीरता से विचार किये बिना कार्य बैठते हैं जिसका इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे लोग भी विषयों को अधिक समय तक याद नहीं रख पाते हैं। पिता से प्राप्त होने वाले सुख एवं सहयोग में कमी आती है। ऐसे लोग पैतृक स्थान से दूर जाकर कैरियर बनाते हैं। 
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार चन्द्रमा के ग्रहण योग हो तो वह व्‍यक्ति निराशावादी हो जाता हैं। ऐसे व्यक्ति की याद्दाश्त कमज़ोर होती है। इनके अंदर आत्मविश्वास की कमी होती है जिससे छोटी-छोटी बातों को लेकर यह तनाव में आ जाते हैं। ऐसे लोगों को नेत्र संबंधी रोग होने की आशंका रहती है। अगर राहु के साथ चन्द्रमा पहले अथवा आठवें घर में होता है तो व्यक्ति को मिरगी एवं दूसरे मानसिक रोग होने की भी संभावना रहती है।पंडित अंजनी कुमार के अनुसार जिस व्यक्ति की कुण्डली में एक ही घर में सूर्य,चन्द्रमा एवं राहु साथ होते हैं उनकी कुण्डली में ग्रहण योग का प्रभाव अधिक होता है। इन्हें कैरियर में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अकारण ही किसी बात को लेकर भयभीत रहते हैं। पंडित अंजनी कुमार के अनुसार जीवन में कई बार गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। सूर्य या चन्द्रमा की महादशा के साथ जब भी राहु की प्रत्यंतर दशा आती है तो वो समय इनके लिए कष्टकारी बितता है।
🌼ग्रहण योग के उपाय🌼
ग्रहण योग के उपाय निम्नलिखित हैं जिनको करने से ग्रहण योग के दोषों का निवारण या उन्हें कम किया जा सकता है -
❁ सूर्य जनित ग्रहण योग की शांति के लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। प्रतिदिन भगवान सूर्य को "ओम् घृणि सूर्यायः नम:"मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दे साथ ही आदित्‍यहृदय स्‍तोत्र का नि‍यमित पाठ करना चाहिए। इससे ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है। तांबे का दान करना चाहिए। 
❁ चन्द्रमा जनित ग्रहण योग की शांति के लिए सोमवार और प्रदोष को भगवान शिवजी का जलाभिषेक कर पुजा करनी चाहिए तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करे तथा व्रत रखें।पुर्णिमा को चन्द्रमा के दर्शन कर "ओम्  चन्द्रमसे नम:" मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना  चाहिए। श्वेत वस्त्रों का दान करना चाहिए।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakshatra jyotish Hub

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