🌻गुरु चांडाल योग के बारे में🌻
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब गुरु के साथ राहु एक ही स्थान में बैठ जाए तो इस युति को गुरु चांडाल योग कहते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जब दोनों ग्रह कुंडली के अलग-अलग भाव में बैठकर एक-दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देखते हों तब भी गुरु चांडाल योग बनता है।इस दोष के निर्माण में राहु को चांडाल प्रवृत्ति का कारक माना गया है जो गुरु की शुभता को खत्म कर देता है।
🌹गुरु चांडाल योग का प्रभाव🌹
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार गुरु चांडाल योग के कारण व्यक्ति के जीवन में हमेशा अस्थिरता बनी रहती है। उसका चरित्र भ्रष्ट हो जाता है और ऐसा व्यक्ति अनैतिक अथवा अवैध कार्यों में संलग्न हो जाता है। व्यक्ति को जुआरी, सट्टेबाज, चोर डकैत और तस्कर बना देता है। किसी कुंडली में राहु का गुरु के साथ संबंध जातक को बहुत अधिक भौतिकवादी बना देता है जिसके चलते वह जातक अपनी हर इच्छा को पूरा करने के लिए गलत कार्यों से धन अर्जित करने में भी परहेज नहीं करता।पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हालांकि ऐसे योग में यदि गुरु प्रबल हो तो जातक की किस्मत पलट भी सकती है। वह धनवान जरूर बनता है।गुरु चांडाल योग में राहु के कारण गुरु अपना शुभ प्रभाव नहीं दिखा पाता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस योग का बुरा असर शिक्षा, धन और चरित्र पर होता है। जातक बड़े-बुजुर्गों का निरादर करता है और उसे पेट एवं श्वास के रोग हो सकते हैं। मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ व मीन राशि के लोगों पर गुरु-चांडाल योग का प्रभाव अधिक पड़ता है।
🙏उपाय🙏
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस योग के निम्नलिखित उपाय है जिनके करने से गुरु चांडाल योग के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है -
❁यदि चांडाल योग गुरु या इसके मित्र ग्रह की राशि में बन रहा हो तो राहु को शांत करने के उपाय करना होते हैं ताकि राहु का बुरा प्रभाव कम हो और गुरु का शुभ प्रभाव बढ़े। इसके लिए राहु के वैदिक मंत्रों का जाप करवाया जाता है। इसके बाद कुल मंत्र संख्या का दशांश हवन करवाना होता है। किसी योग्य व्यक्ति से राहु शांति का उपाय अवश्य करवाने चाहिए।
❁यदि यह दोष गुरु की शत्रु राशि में बन रहा हो तो राहु और गुरु दोनों की शांति के उपाय किए जाते हैं। गुरु-राहु से संबंधित मंत्र-जाप, पूजा, हवन तथा दोनों से सम्बंधित वस्तुओं का दान करवाना होगा।
❁नियमित रूप से गाय को चारा खिलाना एवं भगवान शिव जी की आराधना करना चाहिए और प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
❁अपने गुरु की सेवा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से भी गुरु चांडाल दोष का प्रभाव कम होता है।
❁अपने व्यवहार में संयम लाना, सबसे प्रेम-पूर्वक मिलना और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए।
❁अपनी बुद्धि से कोई निर्णय लेने का प्रयास न करें व अपने से बड़ों व अनुभवी व्यक्ति की राय जरूर लें साथ ही माता-पिता व बुजूर्गों का सम्मान करने से भी गुरु चाण्डाल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
❁पवन सुत श्री राम भक्त हनुमान की पूजा से भी राहु नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हनुमान चालीसा का पाठ करना गुरु चांडाल दोष में संजीवनी का काम कर सकता है।
❁गरीब जरुरतमंदों की भोजन, अन्न, वस्त्र, धन आदि से सहायता करेंने से भी गुरु चाण्डाल योग के नकारात्मक प्रभावों से आप बच सकते हैं।
❁श्री गणेश की पूजा करने व मंत्र जाप करने से भी शुभ फल मिलते हैं व गुरु चांडाल दोष दूर होता है।
❁कच्चे दूध को बरगद की जड़ में अर्पित करने से भी इसमें लाभ मिलता है।
❁गुरु की मजबूती के लिए केले का पूजन करें लाभ होगा। केला पूजन से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं तथा राहु को भय होता है।प्रत्येक गुरुवार को पूर्ण व्रत रखें।
❁माथे पर नित्य केसर, हल्दी या चंदन का तिलक लगाएं।
❁ तालाब या नदी की मछलियों को काला साबुत मूंग या उड़द खिलाएं।
Pandit Anjani kumar Dadhich
Nakastra jyotish Hub
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