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Saturday, 26 December 2020

अंक ज्योतिष अनुसार कैसा रहेगा 2021

अंक ज्योतिष अनुसार कैसा रहेगा 2021
प्रिय पाठकों, 
26 दिसम्बर 2020,शनिवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2021 के वार्षिकफल के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सभी को मालूम है कि साल 2020 अब कुछ ही दिनों का मेहमान है जो कि शुरुआत से ही कोरोना की त्रासदी से भरा रहा है और जल्द ही नए साल 2021 का आगमन होने वाला है ऐसे में हर किसी के मन में ये जिज्ञासा है कि साल 2021 उनके लिए कैसा रहने वाला है? 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इसी जिज्ञासा को शांत करने के लिए अंक ज्योतिष बहुत ही अहम योगदान कर सकती है। अंक ज्योतिष के मूलांक और भाग्यांक से व्यक्ति के जीवन मे होने वाली घटनाओं का विवरण प्राप्त कर सकते है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंक ज्योतिष के अनुसार आने वाला नया साल 2021 है जिसके प्रत्येक अंक को जोड़ने पर योग पांच प्राप्त होता है अर्थात नए साल 2021 का मूलांक पांच आता है।(2+0+2+1+=5) मूलांक पांच के अधिष्ठाता ग्रह बुध हैं इसलिए मूलांक पांच के इस साल पर बुध ग्रह की सभी विशेषताओं का विशेष प्रभाव होगा। 
अंक ज्योतिष में मूलांक 5 का स्वामी बुध ग्रह को माना जाता है जिन्हें ग्रहों का राजकुमार कहा गया है। ज्योतिष में बुध बुद्धि,भाषण,वाणी,मैनेजमेंट, व्यापार और वाणिज्य का कारक माना जाता है।
अंक पांच नवीनता और उत्साह को दर्शता है पर इसमें थोड़ी सी गंभीरता की कमी होती है ऐसे इस साल कुछ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं जिनमें गंभीरता और अनुभव की कमी दिखेगी। लेकिन यह वर्ष उन लोगों के लिए शुभफलदायी और उन्नतिदायक रह सकता है जिनका जन्म किसी भी महीने में 5, 14 और 23 तारीख को हुआ है। इन सभी तिथियों का संबंध मूलांक 5 से है जो वर्ष के अंक से मेल खाता है। ऐसे में साल 2021 मूलांक 5 वालों के लिए शुभ फलदायी रहेगा। इस वर्ष इस मूलांक के लोग अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर कर पाएंगे। भाग्य इन्हें लाभ और उन्नति भी प्रदान करेगा। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह के प्रभाव के कारण आने वाले साल में लोगो के मध्य कम्यूनिकेशन और परस्पर मिलन को दर्शा रहा है अर्थ अर्थात ऐसा संकेत मिल रहा है कि आने वाले साल 2021 में कोरोना महामारी का प्रकोप कम होगा और लोग आपस में मिलेंगे-जुलेंगे और वहीं दूसरी ओर पाबंदियों पर भी लगाम कसेगी। काम धंधे सामान्य होने से एक बड़ी आबादी को राहत मिलेगी। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी से उबरते हुए नई ऊर्जा के साथ बिजनेस को नई शुरुआत देगी। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सभी ग्रहों में से मूलांक 5 के स्वामी बुध ग्रह को चंचल प्रकृति का माना जाता है। बुध के इसी प्रभाव के कारण समय-समय पर बाजार में बहुत ही तेजी मंदी या उतार-चढाव देखने को मिलेंगे पर बाजार में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा रौनक दिखाई देगी। सरकार की नई नई नितियों के कारण कुछ नए व्यापार अस्तित्व में आऐंगे। 
शिक्षक, चिकित्सक, वक्ता, व्यापारी और सलाहकारों के लिए आने वाला साल 2021अच्छा साबित होगा। मिडिया, पत्रकारिता, दवा कंपनियों, दवा विक्रेताओं, रेडीमेड वस्त्रों, श्रृंगार की वस्तुओं के कारोबार से जुड़े लोगों के लिए भी साल 2021 सुखद रहने वाला है। सब्जियों के कारोबार से जुड़े लोग भी अगले साल खूब लाभ कमाएंगे। राजनीति में वे व्यक्ति सफल होगें जिनकी कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी हो। समय-समय पर मौसम में भी तीव्रता के साथ बदलाव देखने को मिलेंगे। 
लेखक - पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Pandit Anjani Kumar Dadhich
नक्षत्र ज्योतिष हब 
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मैं आशा करता हूँ कि आने वाला वर्ष 2021आपके लिए शुभ और मंगलमय हो। पंडित अंजनी कुमार दाधीच की ओर से नववर्ष की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएँ। 
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Thursday, 24 December 2020

मंगल का राशि परिवर्तन

मंगल का राशि परिवर्तन
प्रिय पाठकों, 
24 दिसंबर 2020,गुरुवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज मंगल का राशि परिवर्तन के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ग्रहों के सेनापति माने जाने अत्यंत साहसी, निडर व पराक्रमी मंगल ग्रह का आज 24 दिसंबर को राशि परिवर्तन होगा। मंगल ग्रह मीन राशि से निकलकर अपनी स्वराशि मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल ग्रह मेष राशि में करीब 60 दिनों तक रहेंगे अर्थात 22 फरवरी तक मेष राशि में रहने के बाद शुक्र की वृषभ राशि में चले जाएंगे। 
मेष राशि में मंगल का यह गोचर ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है। मेष मंगल ग्रह की राशि है और कोई भी ग्रह अपनी स्वराशि में उच्च का होता है और जातक को इसके अच्छे फल भी प्राप्त होते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मंगल का राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर निम्नलिखित परिणाम देगें-
❁मेष राशि - इस राशि वालों की इस गोचर के दौरान अपने लक्ष्यों में सफलता और आर्थिक लाभ की प्राप्ति तथा लव-लाइफ में भी उतार-चढ़ाव। 
❁वृषभ राशि - इस राशि वालों की इस गोचर के दौरान कार्यक्षेत्र में विवाद और मुश्किलें परन्तु वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने की संभावना। 
❁मिथुन राशि -इस राशि वालों की इस गोचर के दौरान आमदनी में वृद्धि, तरक्की, नए लोगों से मुलाकात, यश और मान मे वृद्धि होगी।
❁कर्क राशि - इस राशि वालों की इस गोचर के दौरान आय और एनर्जी लेवल में वृद्धि होगी।
❁सिंह राशि- इस राशि वालों को इस गोचर के दौरान आर्थिक स्थिति और मेहनत का अच्छा परिणाम होगा। 
❁कन्या राशि- इस राशि वालों को इस गोचर के दौरानकरियर और सेहत में थोड़ा उतार-चढ़ाव होगा। 
❁तुला राशि- इस गोचर के दौरान बिजनेस में लाभ, प्रमोशन का योग और आमदनी बढ़ेगी।
❁वृश्चिक राशि- इस राशि वालों को इस गोचर के दौरान आमदनी में इजाफा, नौकरी का योग परन्तु पारिवारिक कलह की संभावना रहेगी।
❁धनु राशि - इस राशि वालों को इस गोचर के दौरान संतान से लाभ और बेवजह खर्चों में वृद्धि की संभावना होगी। 
❁मकर राशि- इस राशि वालों को इस गोचर के दौरान प्रॉपर्टी निवेश से बचे और कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव की संभावना होगी। 
❁कुंभ राशि - इस राशि वालों को इस गोचर के दौरान भाग्य एवं आर्थिक स्थिति मजबूत और रूके हुए कार्य भी बनेगें।
❁मीन राशि - इस राशि वालों को इस गोचर के दौरान तरक्की के योग परन्तु आर्थिक हालात में थोड़ा दवाब रहने की संभावना। 
मंगल के राशि परिवर्तन का विश्व पर निम्नलिखित महत्वपूर्ण परिणाम देखने को मिलेगा - 
मंगल के राशि परिवर्तन का रियल स्टेट पर भी सुखद असर पड़ेगा क्योंकि मंगल भूमि के मालिक होते हैं। करोना संकट के बीच जो रियल एस्टेट का काम थम गया है वह अब गति पकड़ेगा। प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े लोगों को भी फायदा होगा। देश के उद्योग धंधों को भी बल मिलेगा और देश में तैयार होने वाले उत्पादों की मांग बढ़ने लगेगी।
मंगल के कारण प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड, भूकंप, गैस दुर्घटना, वायुयान दुर्घटना होने की आशंका रहती है। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा। देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश रहेगी।
मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए -
❖ मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए।
❖ लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। 
❖ तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए। 
❖ लाल कपड़ों का दान करें। 
❖ मसूर की दाल का दान करें। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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Wednesday, 23 December 2020

कैसे होते हैं फरवरी में पैदा हुए लोग

कैसे होते हैं फरवरी में पैदा हुए लोग
प्रिय पाठकों, 
23 दिसंबर 2020,बुधवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज फरवरी में पैदा हुए लोगों के स्वभाव के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ज्योतिष की अवधारणा कहती है कि हर इंसान का जन्म एक तय समय, महीने और साल में होता है। हर महीने और दिन की एक अलग खासियत या प्रकृति होती है। और इसी के आधार पर उस इंसान की खूबी, शौक, अच्छाई- बुराई और उसका स्वभाव तय होता है। फरवरी में पैदा होने वाले लोगों के बारे में जानना रुचिकर होगा। 
फरवरी में पैदा होने वाले जातकों पर शनि की राशि कुम्भ का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। क्योंकि कुंभ राशि के स्वामी शनि होते हैं जिनकी यह दूसरी राशि होती है। यह राशि पुरुष जाति की स्थिर संज्ञक विचित्र वर्ण व त्रिदोष प्रकृति की होती है। 
फरवरी में पैदा हुए लोगों का स्वभाव और विशेषताएं निम्नलिखित हैं
❁फरवरी में पैदा हुए लोग काफी सुंदर,आकर्षक व्यक्तित्व के धनी, परोपकारी, विश्वासयोग्य, काम के प्रति ईमानदार, विनम्र, संवेदनशील, रचनात्मक दिमाग वाले, शांतिप्रिय विचारशील, स्पष्ट वक्ता, वाकपटु और बुद्धिमान प्रवृत्ति के  होते है। 
❁प्यार के मामले में वेलेंटाइन डे के महीने में पैदा हुए लोग बेहद रोमांटिक केयरिंग रिलाएबल लवर होते है। ये लोग अपने पार्टनर का चुनाव खूब सोच समझ कर ही करते हैं। इन्हें मैच्योर, सीधे और सच्चे दिल के लोग पसंद आते हैं।  लेकिन प्यार में इनको छिछोरापन बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है प्यार के मामले में ये लोग दोस्ती और प्यार में ही कंफ्यूज रहते हैं। इन लोगों का ईगो इन्हें साथी के सामने झुकने से रोकता है यही वजह है कि 'ब्रेकअप' या फिर 'कोई अफेयर ही नहीं' इनके जीवन की नियति बन जाती है। प्यार में ये लोग अपने दिल की बात सबसे कह देंगे लेकिन जिससे कहना है उससे कभी खुलकर नहीं कह पाएंगे इसी कारण इनका प्यार ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाता है और अगर इनका प्यार ज्यादा समय के लिए टिक जाता है तो ये एक- दूसरे के लिए काफी भाग्यशाली भी होते हैं। 
❁आंखे मुंदकर जल्दी ही किसी पर भी विश्वास करने की प्रवृत्ति के कारण अक्सर धोखा खाते हैं और दुखी रहते है।
❁ये लोग खर्चालु व्यक्तित्व के होने के कारण पैसा खर्च करना पसंद करते है। बचत के बारे में कम ही सोचते हैं।❁फरवरी में पैदा होने वाले लोग काफी इंटेलीजेंट होते हैं लेकिन दुनियादारी में इनकी पढ़ाई- लिखाई बिल्कुल काम नहीं आती।
❁फरवरी में पैदा हुए लोग अपना लक्ष्य पहले से ही निर्धारित कर लेते हैं और धीरे- धीरे प्रगति के पथ पर बढ़ते भी रहते हैं। साथ ही अपने कार्य क्षेत्र में एक विशेष मुकाम भी हासिल करते हैं। लेकिन भाग्य के मामले में थोड़े पिछड़े ही माने जाते हैं।
❁फरवरी में जन्मे लोग जीवन के प्रति महत्वाकांक्षी, धैर्य का अभाव अंधविश्वासी,अच्छे श्रोता और मनोरंजन प्रेमी होते हैं। भावुक होना इनकी कमजोरी है लेकिन इसी भावुकता के कारण लोग इनका फायदा उठाकर बदनाम करने के साथ इनके पैसो पर मौज करते हैं।❁फरवरी में पैदा हुए लोगों को फिजूल के रिश्ते और बातें बनाना बिल्कुल भी पसंद नहीं आता है। वैसे इन्हें समझ पाना ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन ये लोग अपने आस- पास एक ऐसा रहस्य बनाकर चलते हैं जिससे हर कोई इनकी पर्सनैलिटी को लेकर कंफ्यूज रहता है।
❁फरवरी वाले लोग अक्सर डॉक्टर, लेखक, शिक्षक, चित्रकार, कंप्यूटर विशेषज्ञ या नेता होते हैं। इनसे अलग क्षेत्र में कामयाबी हासिल करने के लिए इन्हें खासा संघर्ष करना पड़ता है। 
❁फरवरी में पैदा होने वाले जातक की कुंडली में गुरु या शनि विपरीत होने पर लीवर, आंत व पैरों में तकलीफ होती हैं। ऐसे में इन जातकों को देवगुरु व शनि की आराधना करनी चाहिए। 
फरवरी में पैदा होने वाले लोगों को निम्नलिखित सलाह दी जाती है-
❖ अपना व्यक्तित्व दृढ़ बनाएं। 
❖ अपने आत्मविश्वास को कभी कमजोर ना पड़ने दें। 
❖ समय के साथ जरूरी परिवर्तन को स्वीकार करें। 
❖ पुरानी विचारधारा को त्यागें तो आप जैसा सलोना इंसान कोई नहीं।
❖ भावुक होना कमजोरी है लेकिन कब और किसके सामने भावुक होना है ये भी पता होना चाहिए।
❖ सूर्य को जल चढ़ाएं
❖ देवगुरु बृहस्पति और शनिदेव की आराधना करनी चाहिए। 
★लकी नंबर : 4,8,12, 22 और 28
★लकी कलर : व्हाइट, बेबी पिंक, मेहरून
★लकी डे : सेटरडे, थर्सडे
★लकी स्टोन : एमरल्ड, एमेथिस्ट
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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Monday, 21 December 2020

घर में सुख शांति बनाए रखने के उपाय

घर में सुख शांति बनाए रखने के उपाय
प्रिय पाठकों, 
21 दिसंबर 2020,सोमवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज घर में सुख शांति बनाए रखने के उपायो के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हर व्यक्ति की कामना होती हैं की उसके घर में सदैव सुख समृद्धि बनी रहे। घर का वातावरण स्वर्ग की तरह सकारात्मक उर्जा और प्रेम एवं एक दूसरे के सहयोग से भरा हुआ हो। 
हमारे पूर्वजों ने घर को मंदिर की संज्ञा देते हुए कहा हैं कि जिस घर में परिवार के सभी लोग आपसी तालमेल से रहते हैं उस घर में सदैव सुख शांति बनी रहती हैं। कभी भी उस घर को किसी बुरी नजर नहीं लगती।लेकिन वहीं घर-परिवार का वातावरण अनुकूल नहीं हो तो वह प्रत्येक सदस्य के जीवन को प्रभावित करता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अगर किसी के घर में किसी कारण से सुख शांति नहीं है तो परिवार में सुख शांति बनाए रखने के उपाय निम्नलिखित हैं-
❁घर में सुबह-शाम भजन, आरती, पाठ और स्त्रोत्र आदि सुने।
❁घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखें।उसे पैर नहीं लगाएं और न ही उसके ऊपर से निकलें।वरना घर में बरकत की कमी हो जाती है।
❁बिस्तर पर बैठ कर कभी खाना न खाना चाहिए ऐसा करने से बुरे सपने आते हैं।
❁घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे सीधे करके नहीं रखें। इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।
हमेशा घर में बनी हुई पहली रोटी गाय के लिए जरूर निकालें।
❁अपने घर के पूजा स्थल में सदैव गंंगा जल से भरा एक कलश जरूर रखें।
❁पूजा में उपयोग होने वाली धूप,आरती, दीप, हवन की अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतिक साधनों को कभी भी अपने मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं। 
❁घर के मुख्य दरवाजे पर दाहिनी तरफ सिंदुर से स्वास्तिक का चिन्ह अवश्य बनाएंं।  
❁तुलसी हमेशा घर के पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं। तुलसी के गमले में दूसरा कोई पौधा ना लगाएं। सूर्यास्त के समय हर रोज घर के आंगन में लगे तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरूर जलाया करें इससे आपके घर में सदैव सुख शांति का वातावरण बना रहेगा और घर के सभी लोग भी मिल जुलकर रहते हैं। 
❁सुबह मुख्य दरवाजे के बाहर से सफाई करके एक गिलास में गौमूत्र और गंगा जल का पानी छिड़क दें इससे घर में धन की बरकत होती है और बुरी नजर दूर रहती हैं। 
❁अशोक का पेड़ लगाने और उसको सींचने से धन में वृद्धि होती है।
❁अशोक के पेड़ की जड़ का एक टुकड़ा पूजा घर में रखने और रोजाना उसकी पूजा करने से घर में धन की कमी नहीं रहती है।
❁सूर्योदय के समय यदि घर की छत पर काले तिल बिखेर दें तो घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
❁पानी की बाल्टी में 2 चम्मच नमक डाल दें फिर पोंछा लगाएं इससे नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
❁यदि पति-पत्नी में झगड़ा होता रहता है तो पूजा घर में मंगल यंत्र रखें और साथ ही रोज रसोई बनाने के पश्चात् चूल्हे को दूध से ठंडा करें इससे संबंधों में मधुरता आती है।
❁सदा पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोएं। पूर्व की तरफ सिर करके सोने से विद्या की प्राप्ति होती है। दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने से धन और आयु में वृद्धि होती है।
❁मकान के उत्तरी एवं पूर्वी भाग में खाली जगह अधिक रखना चाहिए इससे व्यापार वृद्धि के साथ आर्थिक उन्नति में भी वृद्धि होती है।
❁तिजोरी के लॉकर में हमेशा दो बॉक्स रखें एक में कुछ रूपए रख कर बंद कर दें और उसमें से रूपए ना निकालें। दूसरे बॉक्स में से काम के लिए रूपए निकालें।
❁घर में पड़ा कबाड़ टूटा-फूटा फर्नीचर, बर्तन, कांच, फटे हुए कपड़े और कतरनें पड़ी हों तो तुरंत घर से निकाल दें।
प्रतिदिन प्रातः पूजा करते समय शंखनाद करना चाहिए। 
❁दांपत्य सुख में कमी हो तो दोमुखी रुद्राक्ष और गौरीशंकर रुद्राक्ष इन दोनों को धारण करने से वह कमी पूरी हो जाती है और दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है। 
❁विवाह के बाद जब कन्या की विदाई होने वाली हो तो किसी पीले रंग की धातु के लोटे में गंगाजल लेकर उसमें थोड़ी सी पिसी हल्दी मिलाएं और 1 तांबे का सिक्का डालकर कन्या के ऊपर से नजर उतार दें और उसके आगे गिरा दें इस उपाय से दांपत्य जीवन सदा सुखी रहता है। 
❁कन्या जब ससुराल घर में प्रवेश करती है तो यदि वह चुपचाप मेंहदी में मिले हुए साबुत उड़द गिरा दे और फिर प्रवेश करे तो उसका दांपत्य जीवन सदा सुखी रहता है।
❁यदि पत्नी को पति अधिक समय नहीं दे पाता तो पत्नी केले के वृक्ष का पूजन और देवताओं के गुरु वृहस्पति की आराधना करे तो कुछ ही दिनों में सकारात्मक असर होने लगता है।
❁गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें गुड़ तथा मीठा तेल डालकर जलाएं। फिर इसे घर के मुख्य द्वार के मध्य में रखें इस उपाय से भी घर में शांति बनी रहेगी तथा समृद्धि में वृद्धि होगी।
❁एक नारियल लेकर उस पर काला धागा लपेट दें फिर इसे पूजा स्थान पर रख दें शाम को उस नारियल को धागे सहित जला दें यह टोटका 9 दिनों तक करें।
❁घर में तुलसी का पौधा लगाएं तथा प्रतिदिन इसका पूजन करें और सुबह-शाम दीपक लगाए इस उपाय को करने से घर में सदैव शांति का वातावरण बना रहेगा।
❁अगर घर में सदैव अशांति रहती हो तो घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर श्वेतार्क (सफेद आक के गणेश) लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहेगी। 
❁यदि किसी बुरी शक्ति के कारण घर में झगड़े होते हों तो प्रतिदिन सुबह घर में गाय के दूध में गंगाजल मिलाकर छिड़के तथा मंगलवार के दिन परिवार के सभी सदस्यों के द्वारा नुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से घर की शुद्धि होती है तथा बुरी शक्ति का प्रभाव कम होता है। 
❁जो व्यक्ति यह समझते हैं कि घर के लोग उसकी बात को गंभीरता से नहीं लेते जबकि वह हमेशा सही होता है तो ऐसे व्यक्ति को नियमित रूप से जल में थोड़ा-सा गुड मिलाकर ओम् घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने के साथ सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
❁पारिवारिक झगड़े या घर के नित नए क्लेश के कारण मन अशांत रहता है तो मिट्टी के कुल्लड़ में थोड़ा सा कच्चा दूध (बिना उबाला हुआ) लेकर उसमें कुछ बूंदे शहद की मिलाएं और उसे घर की छत,सभी कमरों,आंगन और मुख्य द्वार पर छिड़क देने से राहत मिलेगी।
❁यदि घर में किसी भी चीज की संपन्नता स्थिर नहीं रह पाती है तो महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित करें। शाम के समय यंत्र का मन में स्मरण करते हुए श्रीं श्रिययै नमः इस मन्त्र का नियमित जाप करें। आप जितनी अधिक संख्या में इस मंत्र का जाप करेंगे उतना ही लाभ मिलेगा। ध्यान रखें कि महालक्ष्मी यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा किसी विशेषज्ञ पंडित से ही करवाएं।
❁घर में आपको या आपके घर के किसी परिजन को किसी से डर लगता है तो आप पूजा स्थल में किसी विद्वान ब्रह्मण से श्री गायत्री यंत्र की स्थापना करावाए और गायत्री मंत्र का नित्य जाप करे। 
❁यदि आपके घर में प्रतिदिन कोई न कोई मुसीबत आती रहती है और कोई आप पर बुरी शक्तियों का उपयोग कर रहा है तो किसी भी माह के शुक्लपक्ष में सोमवार को किसी विशेषज्ञ पंडित से नवदुर्गा यंत्र को घर के मुख्य द्वार पर लगाकर रोज 21 बार ओम् ह्रीं दुर्गायै नमः मन्त्र का जप करें।
❁यदि घर में कोई न कोई वास्तु से संबंधित दोष हो तो किसी शुभ समय में गंगाजल में पिसी हुई हल्दी मिलाकर उससे घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर नौ अंगुल का स्वास्तिक का चिह्न बना दें।
❁श्रीमद्भागवत गीता के 11वें अध्याय के 36वें श्लोक को सफेद कागज पर लाल स्याही से लिखकर टांग देने से घर की समस्त बाधाओं का अंत हो सकता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
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Pandit Anjani Kumar Dadhich 
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Saturday, 19 December 2020

जनवरी में पैदा हुए लोग

कैसे होते हैं जनवरी में पैदा हुए लोग
प्रिय पाठकों, 
19 दिसंबर 2020,शनिवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज जनवरी में पैदा हुए लोगों के स्वभाव के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जनवरी में पैदा हुए लोग महत्वाकांक्षी और शक्तिशाली होते हैं।यह लोग जन्मजात नेतृत्व की क्षमता रखने वाले होते हैं और इनकी नेतृत्व क्षमता की दुनिया कायल होती है।ये हमेशा भीड़ में हमेशा अग्रणी खड़े रहते हैं। इनका जिद्दी स्वभाव होता है। ये लोग जीवन के बारे में बेहद गंभीर होते हैं। अक्सर ये लोग दूसरों को खुश करना पसंद करते हैं। ये लोग बहुत अंतर्मुखी नहीं तो बहुत बहिर्मुखी भी नहीं होते हैं।ये लोग स्मार्ट होने के साथ बहुत ही स्टाइलिश और अच्छे कपड़े पहनने वाले होते हैं।ये अच्छा जीवन जीना पसंद करते हैं।
ये लोग प्यार के मामले में बेहद रोमांटिक होते है।ये लोग गहन विचारक प्रवृत्ति के होते हैं। ये लोग दोस्तों और दोस्ती के प्रति वफादार होते है। जनवरी में पैदा हुए व्यक्ति हर समय नई चीजें सीखने और आजमाने के लिए तैयार होते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अक्सर जनवरी में जन्में युवा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आर्मी, चार्टेड अकांउटेंट, लेक्चररशिप या फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आदि के व्यवसाय में जाते हैं। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जनवरी में पैदा हुए व्यक्तियो निम्नलिखित सलाह दी जाती है-
❁जनवरी वाले हर युवा को सलाह है कि थोड़े से स्वार्थी स्वभाव पर कंट्रोल करें। 
❁कभी-कभी दूसरों के नजरिये से भी दुनिया देखें। 
❁दोस्तों को बेवकूफ समझने की प्रवृत्ति का त्याग करें। किसी का भरोसा ना तोड़ें। 
❁भाग्य का सितारा हमेशा आपके साथ है उसे सही वक्त पर पहचानें।
❖विशेष❖
✤लकी नंबर - 5, 3, 1
✤लकी कलर - डार्क ब्ल्यू, रेड और लाइट येलो
✤लकी डे - थर्सडे, फ्राइडे, संडे
✤लकी स्टोन - गोमेद और ब्लू टोपाज
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
नक्षत्र ज्योतिष हब 
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Thursday, 17 December 2020

दुकान या शो रूम का वास्तु

दुकान या शो रूम का वास्तु
प्रिय पाठकों, 
18 दिसम्बर 2020,शुक्रवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज दुकान या शो रूम का वास्तु के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वर्तमान युग में करोड़ो लोग व्यापार को अपनी आजीविका का साधन बनाए हुए है। फिर वह चाहे दुकान हो या शो रूम चाहे किराने का, दवा का, स्टेश्नरी का, गिफ्ट शाप, कपड़े का, सोने चाँदी का, टेलरिंग का,ऑटो पार्ट्स का, मोबाईल का, इलेक्ट्रॉनिक्स का, पेंट्स का, हार्डवेयर का,लोहे का, फर्नीचर का चाहे कोई भी काम हो कोई भी क्षेत्र हो करोडो़ लोग इनसे अपनी आजीविका चला रहे है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इनमें सभी व्यक्ति चाहते है कि उनका व्यापार खूब तरक्की करे। इसके लिए वह अथक प्रयास करता है लेकिन अनेको बार ऐसा भी देखा गया है कि तमाम प्रयासों,अत्यधिक परिश्रम के बावजूद भी उसे संतोषजनक सफलता नहीं मिल पाती है। इसका एक प्रमुख कारण उसकी दुकान,उसके व्यापारिक स्थल का वास्तु दोष भी हो सकता है। अत: व्यापार करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की उसकी दुकान वास्तु सम्मत है अथवा नहीं।अगर नहीं तो उसमें कितना सुधार किया जा सकता है। ध्यान रहे कि कार्य या व्यापार पर आपके पूरे परिवार का भविष्य निर्भर होता है अत: यदि दुकान में वास्तु दोष है तो उसे अवश्य ही दूर करें। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यहाँ पर दुकान, शो रूम, व्यापारिक प्रतिष्ठान के आसान से वास्तु के निम्नलिखित उपाय बता रहा हूँ जिन्हे करके आप निश्चित रूप से लाभ प्राप्त कर पाएंगे -
❁दुकान का प्रवेश द्वार उतर या पूर्व कि ओर ही होना चाहिए। 
❁दुकानदार को अपने दुकान या आफिस में अपने बैठने की व्यवस्था ऐसे करनी चाहिए कि उसका मुख उत्तर की ओर रहे। उत्तर की दिशा कुबेर की दिशा है अत: इस तरफ मुँह करके बैठने से व्यापार में काफी लाभ होता है। उत्तर की तरह मुख करके बैठने से मस्तिष्क ज्यादा सक्रिय रहता हैं और सामने वाले के ऊपर आपका प्रभाव भी ज्यादा पड़ता है। 
❁दुकानदार अपना कैश बॉक्स और महत्वपूर्ण कागज, चैक-बुक आदि भी अपनी दाहिनी ओर रखना चाहिए।इससे धन लाभ के साथ साथ समाज में मान-प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।
❁अगर दुकान में उत्तर की तरफ मुख करके बैठना संभव ना हो तो पूर्व की तरफ मुख करके बैठिए। पूर्व भगवान सूर्य देव की दिशा है इस तरफ चेहरा करके बैठने से भी धन और यश की प्राप्ति होती है। 
❁दुकान के कैश काउंटर,मालिक या मैनेजर के बैठने के स्थान के ऊपर कोई बीम नहीं होना चाहिए। यदि मजबूरी वश वहाँ पर बैठना ही पड़े तो उस बीम को फाल सीलिंग अथवा टाइल्स से अवश्य ही ढक लें और बीम के दोनों और लाल रिबन अथवा कलावा से बाँसुरी को लटका दें। 
❁दुकान या शो रूम में बिक्री काउंटर पर खड़े सेल्समैनों का मुँह भी पूर्व या उत्तर कि ओर ही होना चाहिए। 
❁दुकान या शो रूम के ईशान कोण को खाली एवं बिलकुल साफ रखे। दुकान का मंदिर भी इसी ईशान दिशा अथवा पूर्व दिशा में ही बनायें।
❁जल की व्यवस्था ईशान, उत्तर अथवा पूर्व दिशा में ही करें। 
❁दुकान या शो रूम में शोकेस ,अलमारियाँ और किसी भी प्रकार का भारी फर्नीचर दक्षिण, नेत्रत्य अथवा पश्चिम दिशा में बनवाएं।किसी भी प्रकार का भण्डारण, भारी सामान, तैयार मॉल, मॉल का स्टॉक इसी दिशा में रखें। 
❁अपनी दुकान में ग्राहकों के आने जाने के लिए पूर्व तथा उत्तर की दिशा को खाली रखें। 
❁जो माल जल्दी बेचना चाह रहे हो उसे वायव्य कोण में रखें इससे माल शीघ्र ही बिक जायेगा।
❁अपनी दुकान का तराजू दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में यदि संभव तो दीवार के पास किसी स्टैंड पर लगाकर रखें। 
❁व्यापार में आने वाली बाधाओं और किसी भी प्रकार के वाद विवाद को निपटाने के लिए घर एवं दुकान में क्रिस्टल बॉल एवं पवन घंटियां लटकाएं।
❁अगर दुकान, शो रूम के अंदर छत अर्थात दुछत्ती बनानी हो तो उसे दक्षिण, नैत्रत्य अथवा पश्चिम दिशा में ही बनवाएं।
❁दुकान का उत्तर एवं पूर्व क्षेत्र को अवश्य ही खाली और हल्का रखें। 
❁जूते चप्पल भी ईशान दिशा में कभी ना उतारे उन्हें भी दक्षिण या पश्चिम दिशा में उतार कर रखें।कभी भी अपने आफिस या दुकान के सामने जूते चप्पल ना उतारें। 
❁मुख्य द्वार के दोनों तरफ धात्री और विधात्री का वास, ऊपर विघ्न विनायक गणपति गणेश जी और नीचे श्री देहली का निवास माना जाता है अत: जूते चप्पल मुख्य द्वार के किनारे किसी अलमारी में ही रखने चाहिए।  
❁मालिक और कर्मचारियों को अपने व्यापारिक स्थल को प्रणाम करते हुए दाहिना पैर अंदर रखना चाहिए।
❁दुकान का कचरा दुकान के मुख्य द्वार के सामने नहीं इकट्ठा करें बल्कि उसे समेट कर कहीं दूर फिकवायें। 
कूड़ेदान मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए।
❁ दुकान,आफिस या फैक्ट्री के मुख्य द्वार के सामने द्वारवेध अर्थात बिजली का खम्बा, सीढ़ी या कोई पेड़ ना हो यदि हो तो दर्पण लगाकर उसका उपाय अवश्य ही करें। 
❁दुकान,शो रूम में बिजली का मीटर,स्विच बोर्ड आदि यथसंभव अग्नेय कोण में लगाएं और रौशनी की व्यवस्था उत्तर, ईशान एवं पूर्व की तरफ ही करें।
❁व्यापार में बरकत के लिए दुकान की चौखट पर पवित्र वीसा यंत्र अवश्य ही लगवाएं तथा इसे नित्य सुबह शाम धुप अगरबत्ती अवश्य ही करते रहे।
Pandit Anjani Kumar Dadhich 
Nakastra Jyotish Hub
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वर्ष 2021 का वार्षिक राशिफल भाग 2

वर्ष 2021 का वार्षिक राशिफल भाग 2

प्रिय पाठकों, 

17 दिसंबर 2020,गुरुवार
 मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज सभी शेष रही राशियों के वार्षिक राशिफल के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
http://astroanjanikumardadhich.blogspot.com/2020/12/blog-post_5.html

वार्षिक राशिफल 2021 तुला राशि

तुला राशि के जातको के लिए साल 2021 करियर और धन के लिहाज से काफी अच्छा है। आपको इस साल धन कमाने के कई मौके मिलेंगे। इसके साथ ही आप धार्मिक कार्यों में भी अपने धन को खर्च करेंगे। लेकिन परिवारिक दृष्टिकोण से यह साल अच्छा नहीं है। इस साल आपको अपने परिवार से दूर जाना पड़ सकता है। विवाहित लोगों को जीवनसाथी का पूरा सहयोग प्राप्त होगा साथ संतान की और से भी आपको कोई खुशखबरी इस साल मिल सकती है।
तुला राशि के वार्षिक राशिफल के अनुसार इस वर्ष आपकी राशि के अष्टम और द्वितीय भाव में क्रमश: राहु-केतु की उपस्थिति होगी। इसके साथ ही शनि देव भी वर्ष भर आपके चतुर्थ भाव में विराजमान होते हुए, आपके दशम भाव को दृष्टि करेंगे। मंगल ग्रह शुरुआत में आपके सप्तम भाव में होगा, जो अपना गोचर करते हुए आपके अष्टम, नवम और दशम भाव को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा।
इसके साथ ही शुक्र, गुरु देव, सूर्य और बुध का गोचर भी आपकी राशि के अलग-अलग भावों में इस वर्ष होने वाला है, जिसके कारण करियर में आपको अनुकूल फल प्राप्त होंगे। आपकी उन्नति होगी, साथ ही व्यापार कर रहे जातकों को किसी गुप्त स्रोत से धन लाभ होगा। आर्थिक जीवन में धन की प्राप्ति होगी, जिससे आप धार्मिक कार्य में बढ़-चढ़कर अपना धन खर्च करते नजर आएँगे। छात्रों के लिए इस वर्ष का मध्य भाग सबसे बेहतरीन होगा। इस दौरान विद्यार्थी अपना अच्छा प्रदर्शन देने में सफल होंगे। पारिवारिक जीवन में आपको किसी कारणवश घर से दूर जाना पड़ सकता है।
ऐसे में आपको घर वालों की कमी महसूस होगी। यदि आप शादीशुदा हैं तो, आपके और जीवन साथी के बीच प्रेम का अभाव आपको परेशान करता रहेगा। संतान के लिए समय अच्छा रहेगा। आप और आपका जीवन साथी संतान के बेहतर भविष्य के लिए कोई बड़ा निर्णय लेंगे।
यदि आप किसी से सच्चा प्रेम करते हैं तो यह वर्ष आपके लिए अच्छा रहेगा। आपका प्रेम विवाह होने के योग बनते नजर आ रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य के लिहाज से आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी। अन्यथा राहु-केतु की दृष्टि आपको कोई बड़ा रोग दे सकती है।

वार्षिक राशिफल 2021 वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातको के लिए साल 2021 मिला जुला होगा। कार्यक्षेत्र में आपको नई - नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा साथ ही पहले से अधिक मेहनत भी करनी पड़ेगी। आपके इस समय में खर्च बढ़ सकते हैं। पारिवारिक सुख की प्राप्ति होगी। लेकिन इस साल जीवनसाथी आपका विरोध कर सकता है। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो आपको उस पर विश्वास रखने की आवश्यकता है। अचानक से कोई रोग आपको परेशान कर सकता है। 
वृश्चिक राशिफल 2021 के अनुसार शनि देव आपके तीसरे भाव में साल भर विराजमान रहेंगे। साथ ही राहु-केतु भी वर्ष भर आपके क्रमशः सप्तम और प्रथम भाव को प्रभावित करेंगे। इसके साथ ही मंगल, शुक्र, बुध, गुरु बृहस्पति और सूर्य देव भी आपको वर्ष 2021 में अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते नजर आएँगे।
इसके चलते करियर में आपको बहुत सी चुनौतियों से दो-चार होना पड़ सकता है। इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में अधिक मेहनत करनी होगी। साथ ही व्यापार कर रहे जातकों को किसी यात्रा से लाभ होगा। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। लेकिन अचानक से खर्चों बढ़ने से आपको परेशानी हो सकती है। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अच्छे परिणाम मिलेंगे। ऐसे में अपनी मेहनत जारी रखें।
इस साल आपको पारिवारिक सुख मिलेगा। वहीं विवाहित जातकों को जीवनसाथी के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। आपका संतान पक्ष अच्छा रहेगा, और उनके साथ रिश्ते बेहतर होंगे। प्रेम में पड़े जातकों को एक दूसरे पर अधिक विश्वास दिखाने की जरूरत होगी। अन्यथा रिश्ता टूट सकता है। आपके स्वास्थ्य को देखें तो इस साल आपको अचानक से कोई रोग विशेष परेशानी दे सकता है।

वार्षिक राशिफल 2021 धनु राशि

साल 2021 धनु राशि के जातको के व्यापारी वर्ग के लिए काफी अच्छा है। इस साल आपको अपार सफलता प्राप्त होने वाली है। वहीं इस साल छात्रों को भी कामयाबी मिलेगी। जो विद्यार्थी किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। उनके लिए यह वर्ष बहुत अच्छा है। लेकिन विवाहित लोगों के जीवनसाथी का स्वास्थय खराब हो सकता है। संतान के प्रति भी आपको इस साल सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रेमी जोड़ों के लिए यह साल काफी अच्छा बीतेगा।
धनु राशिफल 2021 के अनुसार इस साल भर शनि आपके चतुर्थ भाव को दृष्टि करते हुए, आपके द्वितीय भाव में विराजमान रहेंगे। इसके साथ ही छाया ग्रह केतु आपके द्वादश भाव में और राहु आपके छठे भाव को प्रभावित करेंगे। शुरुआत में गुरु बृहस्पति भी आपकी राशि के द्वितीय भाव में होते हुए शनि के साथ युति बनाएँगे। मंगल ग्रह आपके पंचम और छठे भाव से होते हुए अप्रैल के मध्य में राशि के सप्तम भाव में गोचर करेंगे।
ऐसे में इन सभी मुख्य ग्रहों की स्थिति के चलते आपको अपने करियर में सहकर्मियों की मदद से अच्छे फल प्राप्त होंगे। व्यापार कर रहे जातकों के लिए भी, ये वर्ष अच्छा रहने वाला है। उन्हें बिज़नेस में अपार सफलता मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। छात्रों को इस वर्ष शिक्षा में कामयाबी मिलेगी।
साथ ही विदेश जाकर पढ़ाई करने का अवसर भी प्राप्त होगा। पारिवारिक सुख में वृद्धि दिखता है। छोटे भाई-बहन आपका सहयोग करते दिखाई देंगे। वैवाहिक जातकों में जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब होने से उनके जीवन में तनाव की वृद्धि होगी। संतान के प्रति इस वर्ष आप अधिक सतर्कता दिखाते नजर आएँगे।
प्रेमी जातकों के लिए वर्ष बेहद भावुक रहेगा।लेकिन आपको प्रियतम संग किसी रोमांटिक यात्रा करने का अवसर मिलेगा। हालांकि स्वास्थ्य में आपको सामान्य से कम अच्छे फल मिलेंगे। इसलिए बुखार जैसी छोटी-मोटी समस्याओं से खुद को बचा कर रखें।

वार्षिक राशिफल 2021 मकर राशि

मकर राशि के जातको को साल 2021 में अपनी मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त होगा। इस साल व्यापारियों को अधिक लाभ के योग बन रहे हैं। यदि आर्थिक स्थिति की बात करें तो इस साल की शुरुआत में आपको परेशानी हो सकती है। लेकिन बाद में स्थिति में सुधार होता जाएगा। इस साल आपकी माता जी का स्वास्थय खराब हो सकता है। इसलिए आपको उनके स्वास्थय पर ध्यान देने की आवश्यकता है। वैवाहिक जीवन में आप निरसता महसूस कर सकते हैं।
मकर राशिफल 2021 के अनुसार आपके राशि स्वामी शनि आपकी ही राशि में इस पूरे वर्ष विराजमान होंगे। साथ ही गुरु बृहस्पति भी शुरुआत में आपकी ही राशि में विराजमान होते हुए, शनि के साथ युति बनाएँगे और फिर आपके द्वितीय भाव में प्रस्थान कर जाएंगे। वहीं राहु आपके पंचम भाव में और केतु आपके एकादश भाव में गोचर करेंगे। इस वर्ष मंगल आपके चतुर्थ भाव से होते हुए, आपके अलग-अलग भावों को प्रभावित करेगा। वहीं जनवरी के अंत में शुक्र देव भी गोचर करते हुए आपकी ही राशि में विराजमान हो जाएंगे।
ऐसे में ग्रहों की इस स्थिति के चलते आपको अपने करियर में इस वर्ष अपनी मेहनत के अनुसार अच्छे फल प्राप्त होंगे। व्यापारियों के लिए भी यह साल विशेष शुभ रहने वाला है। आर्थिक जीवन में शुरुआती कुछ महीनों में परेशानी आएँगी, लेकिन बाद में धन की आवाजाही आपकी आर्थिक तंगी को दूर करेगी। विद्यार्थियों को अच्छे फलों की प्राप्ति होगी जिससे उन्हें अपने सभी विषय को समझने में मदद मिलेगी।
पारिवारिक जीवन में माता को स्वास्थ्य कष्ट दिखा रहा है। इस दौरान घर में खुशी का अभाव नजर आएगा। विवाहित जातकों की अगर बात करें तो, आपको अपने दांपत्य जीवन में नीरसता महसूस होगी। हालांकि बाद में जीवन साथी के साथ घूमने जाने का अवसर प्राप्त होगा। प्रेमी जातकों को अपने जीवन में सौगात मिलने के योग बनेंगे। स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह वर्ष आपके लिए अच्छा ही रहने वाला है।

वार्षिक राशिफल 2021 कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातको को साल 2021 में खर्चों का अधिक सामना करना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में यात्राएं भी इस साल अधिक होंगी। लेकिन आप इस साल जितनी मेहनत करेंगे आपको सफलता भी उतनी ही प्राप्त होगी। इस राशि के विवाहित लोगों को जीवनसाथी से मदद मिलती रहेगी। वहीं संतान की ओर से भी आपको सुख की प्राप्ति होगी। इस साल आपका स्वास्थय कमजोर रह सकता है। इसलिए स्वास्थय की ओर विशेष ध्यान रखें।
कुंभ राशिफल 2021 के अनुसार, इस वर्ष भर आपकी राशि से द्वादश भाव में शनि विराजमान रहेंगे। इसके साथ ही गुरु बृहस्पति भी, अप्रैल तक आपकी ही राशि में रहेंगे और उसके बाद आपके द्वादश भाव में गोचर करते हुए शनि के साथ युति बनाएँगे। वहीं राहु आपके चतुर्थ भाव में और केतु दशम भाव को प्रभावित करेंगे। शुक्र देव महीने की शुरुआत में आपके ग्यारहवें भाव में होंगे और आपकी इच्छाओं को पूरा करेंगे।
ऐसे में आपको इस पूरे वर्ष इन मुख्य ग्रहों के प्रभाव के अनुसार ही फलों की प्राप्ति होगी। करियर के लिए यह साल खासा अच्छा नहीं रहेगा। विशेष तौर से मध्य के बाद का समय, आपके लिए प्रतिकूल रहेगा। व्यापार करने वाले जातकों को कार्यक्षेत्र के संबंध में किसी यात्रा पर जाने का मौका मिलेगा। आर्थिक जीवन में अचानक से खर्च में वृद्धि नजर आएगी, जिसके चलते कुछ समय के लिए आर्थिक तंगी महसूस होगी।
छात्रों के लिए समय अच्छा है उन्हें अपनी मेहनत अनुसार फल की प्राप्ति होगी। ग्रहों के गोचर के फलस्वरूप पारिवारिक जीवन में कार्य की व्यस्तता के चलते घर के सदस्यों के प्रेम की अनुभूति कम होगी। यदि आप विवाहित हैं तो आपको अपने जीवन साथी की मदद से लाभ मिलेगा। संतान पक्ष के लिए भी यह वर्ष अच्छा रहने वाला है। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो इस वर्ष आपका प्रियतम आपके प्रति बहुत ज्यादा रोमांटिक नज़र आएगा। हालांकि इस वर्ष स्वास्थ्य जीवन कुछ कमजोर रह सकता है। ऐसे में गैस, एसिडिटी, जोड़ों में दर्द, सर्दी, जुकाम, जैसी समस्याओं से खुद को बचाकर चलें।

वार्षिक राशिफल 2021 मीन राशि

मीन राशि के जातको के लिए साल 2021 काफी शुभ रहने वाला है। नौकरी पेशा और व्यापारी वर्ग दोनों को इस साल लाभ के योग बन रहे हैं। आर्थिक रूप से भी आपके लिए यह साल काफी शुभ है। इस साल आपको धन कमाने के नए- नए रास्ते प्राप्त होंगे। वहीं जो लोग कुंवारे हैं उनकी इस साल शादी या सगाई हो सकती है। प्रेमी जोड़े भी अपने जीवन में कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। संतान की ओर से भी आपको खुशखबरी की प्राप्ति होगी।
मीन राशिफल 2021 के अनुसार, इस वर्ष शनि आपके एकादश भाव में विराजमान होते हुए आपके पंचम भाव पर दृष्टि डालेंगे। इसके साथ ही मंगल देव भी वर्ष की शुरुआत में आपके दूसरे भाव में होंगे और फिर आपके तृतीय और चतुर्थ भाव में गोचर कर जाएंगे। वहीं गुरु बृहस्पति आपकी राशि के एकादश भाव में विराजमान होंगे और शनि की तरह ही आपके पंचम भाव को दृष्टि देंगे। छाया ग्रह राहु आपके तीसरे भाव को तथा केतु आपके नवम भाव को सक्रिय करेंगे। ऐसे में आपको अपने करियर में अच्छे फलों की प्राप्ति होगी।
आपका कैरियर इस समय रफ्तार पकड़ता दिखाई देगा। साथ ही व्यापारी जातकों को भी अपने बिजनेस को विस्तार देने का मौका मिलेगा।आर्थिक जीवन में आमदनी के कई मौके बनेंगे लेकिन उसके साथ ही आपके खर्चों में भी वृद्धि होगी। छात्रों को इस वर्ष अपने विषयों को समझने में खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा।आपको अपनी किसी पैतृक संपत्ति से लाभ मिलेगा। वैवाहिक जातकों का जीवनसाथी के साथ रिश्ता बेहतर होगा और उसमें प्यार और अपनेपन की वृद्धि होगी। संतान पक्ष को भी अपनी पढ़ाई में बेहतर कर दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।
यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो, आप इस वर्ष प्रेमी के साथ मिलकर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। संभावना है कि प्रियतम के साथ आपका प्रेम विवाह हो। स्वास्थ्य के लिए यह वर्ष विशेष उत्तम रहेगा।

बुध ग्रह का धनु राशि में प्रवेश

बुध ग्रह का धनु राशि में प्रवेश
प्रिय पाठकों, 
17 दिसम्बर 2020,गुरुवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज बुध ग्रह का धनु राशि में प्रवेश के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पंचाग आधारित गणना के आधार पर मैनेजमेंट के गुरु माने जाने वाले बुध ग्रह 17 दिसम्बर 2020 बृहस्पतिवार को प्रातः 11:36 बजे से मंगल की राशि वृश्चिक से निकल कर बृहस्पति के स्वामित्व की धनु राशि में प्रवेश करेगा। यह अग्नि तत्व प्रधान राशि है इसलिए इस राशि में बुध का गोचर शीघ्रता से अपने परिणाम देने वाला साबित होगा।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बुध के इस राशि परिवर्तन का किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा जो निम्नलिखित हैं
❃मेष- भाग्यकारक, नौकरी और व्यापार में तरक्की, पारिवारिक सुख-शांति।
❃वृषभ- नेत्र रोग, मानसिक पीड़ा, सुख में कमी, आर्थिक स्थिति सामान्य।
❃मिथुन- क्रोध में वृद्धि, शारीरिक सुख, परिवार में सामंजस्य, धन का आगमन।
❃ कर्क- शत्रु में वृद्धि, मानसिक रोगों की आशंका, शारीरिक पीड़ा, पैसों का संकट।
❃सिंह- संतान, शिक्षा में तरक्की, धन का आगमन, बिजनेस में लाभ, मानसिक शांति।
❃कन्या- सुखों में वृद्धि, सम्मान, बिजनेस में तरक्की, नौकरी में प्रमोशन, संतान सुख।
❃तुला- भाई-बहनों से सुख, संपत्ति की प्राप्ति, नया कार्य प्रारंभ करने के योग। धन सुख।
❃वृश्चिक- धन लाभ, मानसिक लाभ, नेत्र पीड़ा, बिजनेस में तरक्की, वैवाहिक सुख।
❃धनु- मानसिक पीड़ा, नेत्र रोग, धन लाभ, बिजनेस में लाभ, नौकरी में प्रमोशन।
❃मकर- खर्च की अधिकता, बौद्धिक कार्यो से लाभ, लेखन में रुचि, नौकरी में प्रमोशन।
❃कुंभ- आय के स्रोत में वृद्धि, व्यापार में तरक्की, निर्णय क्षमता में मजबूती, सुख में वृद्धि।
❃मीन- नवीन कार्य-व्यवसाय प्रारंभ, धन लाभ, संपत्ति की प्राप्ति,दांपत्य सुख।
जिन लोगों के लिए बुध का धनु राशि में गोचर ठीक नहीं है वे निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं-
❁बुधवार के दिन भगवान श्रीगणेशजी को 108 दूर्वा अर्पित करें।
❁बुधवार के दिन गाय को हरे चारे के साथ हरा धनिया खिलाएं।
❁बुधवार के दिन हरे मूंग और हरी सब्जियां खाना वर्जित रहेगा।
Pandit Anjani Kumar Dadhich 
Nakashtra Jyotish Hub
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Wednesday, 16 December 2020

खरमास और सुख समृद्धि कारक उपाय

खरमास और सुख समृद्धि कारक उपाय
प्रिय पाठकों, 
16दिसंम्बर 2020,बुधवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज खरमास और इस  मास में किए जाने वाले सुख समृद्धि कारक उपायों के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिंदू धर्म में जिस तरह श्राद्ध और चातुर्मास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते है। उसी तरह खरमास में भी कोई भी शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। सूर्य राशि परिवर्तन करते हुए जब वह धनु में आते हैं तब खरमास लगता है। जब सूर्य धनु से निकलकर मकर में जाते हैं तब खरमास का अंत होता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यह मास आध्यात्मिक रूप से विशेष महत्व रखता है। इस मास में जप-तप व दान करने का फल जन्मों जन्मों तक मिलता है। शास्त्रों में खरमास में किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में भी बताया गया है। इन उपायों के करने से ऐशवर्य की प्राप्ति होती है और धन संबंधित समस्या का अंत होता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार खरमास में निम्नलिखित महत्वपूर्ण उपाय करने चाहिए जो सुख समृद्धि लाए -
✾खरमास में हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए और घी का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही 11 परिक्रमा करें और ओम नम: भगवते वासुदेवाय नम: का जप करें। ऐसा करने से तुलसी माता प्रसन्न होती है और यश व ऐशवर्य की प्राप्ति होती है।
✾ खरमास में लक्ष्मी स्त्रोत या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस स्त्रोत्र का पाठ बहुत उत्तम माना गया है। इस स्तोत्र के मात्र पढ़ने-सुनने से धन-धान्य की कमी नहीं होती और लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नियमित रूप से इसका पाठ करने से वैभव और सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम भाव बना रहता है। इसके पाठ से शत्रुओं का भी विनाश होता है और हर क्षेत्र में कामयाबी मिलती है।
✾खरमास में केवल माता लक्ष्मी की पूजा न करें बल्कि उनके साथ भगवान विष्णु की पूजा भी करें। विष्णु भगवान को तुलसी दल अर्पित कर विष्णु सहस्त्रनाम या पुरुष सुक्त का पाठ करना चाहिए। खरमास में केवल भगवान विष्णु या केवल लक्ष्मीजी की पूजा लाभकारी नहीं मानी जाती। जितना दोनों की साथ में पूजा करना शुभ फलदायी होती है। क्योंकि इनकी युगल छवि को लक्ष्मी नारायण कहा जाता है। इन दोनों की संयुक्त रूप मे नियमित इनकी पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और धन संबंधित समस्याओं का अंत होता है।
✾खरमास के महीने में पड़ने वाली एकादशी को व्रत करना चाहिए और भगवान विष्णु का तुलसी दल डालकर भोग लगाना चाहिए। खरमास की एकादशी को व्रतराज की उपाधि प्राप्त है। इस मास में पड़ने वाली एकादशी से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इसलिए शास्त्रों में खरमास में पड़ने वाली एकादशी का विशेष महत्व बताया है। इस व्रत के करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
✾जो लोग कर्ज की समस्या से परेशान हैं या फिर धन नहीं टिकता तो वह खरमास के दौरान हर रोज सुबह पीपल के वृक्ष को जल दें और पूजा पाठ करें। वहीं सायंकाल के समय दीपक जलाकर अपनी समस्या से अवगत कराएं। ऐसा करने से न सिर्फ कर्ज और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी बल्कि जीवन की सभी समस्याएं भी धीरे-धीरे खत्म होने लगेंगी।
इसके साथ ही दान-पुण्य करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। खरमास में दान व हवन करना अधिक पुण्यदायी माना गया है।
Pandit Anjani Kumar Dadhich 
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Tuesday, 15 December 2020

फिरोजा रत्न

🌼फिरोजा रत्न और इसकी उपयोगिता🌼 
प्रिय पाठकों,                  
15 दिसंबर 2020,मंगलवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज फिरोजा रत्न और इसकी उपयोगिता के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अगर रत्नों की बात करें तो नीलम, पन्ना, मूंगा, रूबी, पुखराज जैसे कई रत्न हैं जो प्रसिद्ध भी हैं लेकिन साथ ही काफी महंगे भी हैं पर इनका असर काफी बेहतरीन होता है।इनके अलावा भी कई ऐसे रत्न हैं जिन्हें भले ही उपरत्न या सस्ते रत्न कहा जाता है लेकिन इनका असर काफी तेज होता है।आज इन्हीं में से एक रत्न फिरोजा रत्न के बारे में आपको यहां बताने जा रहा हूँ जिसे प्रेम संबंधों को सही बनाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इसे रोगों को काटने वाला भी बताया गया है।फिरोजा रत्न को अंग्रेजी में टरक्वाइश नाम से भी पुकारते हैं। यह गहरे नीले रंग का रत्न होता है। इस रत्न को पहनने के लिए ज्यादा सोचने-समझने की जरूरत नहीं होती है। फिरोजा रत्न बृहस्पति ग्रह का उपरत्न होता है इसलिए इसे धारण करने से ज्ञान प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। फिरोजा रत्न कई शेड्स जैसे एप्पल ग्रीन, ग्रीनिश ग्रे, ग्रीनिश ब्लू में उपलब्ध होता है लेकिन सबसे अच्छा रंग आसमानी नीला ही माना जाता है।
असली फिरोजा रत्न की पहचान है कि आग में जलाते समय असली फिरोजा न तो अपना रंग और ना ही काला धुंआ छोड़ता है। यह प्राकृतिक रत्न उज्ज्वल है और इसकी चमक गिलास की तरह दिखती है। इसके अलावा असली फिरोजा रत्न में चिकनी सतह नहीं होती है।
फिरोजा रत्न किन किन लोगों को धारण करना लाभदायक है यह जानकारी निम्नलिखित है -
❁फिरोजा रत्न ऐसे लोगों को भी फिरोजा रत्न से बना ब्रेसलेट पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में गुरु एवं शनि ग्रह के प्रभाव से जीवनपर विपरीत असर पड़ता है। ❁इसके अलावा जिन लोगों को हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, गुर्दे एवं आँखों से संबंधित बीमारियां हो या फिर होने की आशंका हो तो डॉक्टरी इलाज के अलावा इस रत्न का या इससे बने ब्रेसलेट पहनने से भी इन रोगों को ठीक किया जा सकता हैं।
❁फिरोजा रत्न धनु और मीन राशि (चंद्र राशि) वालों को जरूर पहनना चाहिए।
❁जिन्हें रक्तचाप (उच्च या कम) जैसी कोई भी दिक्कत रहती हो और उसका इलाज सफल नहीं हो रहा है, उन्हें भी ज्योतिष सलाह लेने के बाद फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए। 
❁फिरोजा रत्न बुरी नजर से भी व्यक्ति की रक्षा करता है।फिरोजा रत्न से बने ब्रेसलेट को धारण करने से भूत-प्रेत, जादू टोना जैसी बुरी शक्तियों से हमेशा रक्षा होती है। 
❁फिरोजा रत्न से बने ब्रेसलेट को धारण करने वाले को समाज में मान-सम्मान मिलने के साथ पैसों की समस्या भी दूर होने लगती है।
❁फिरोजा रत्न से बने ब्रेसलेट को शुभ मुहूर्त में पहनने से पति-पत्नी या फिर प्रेमी-प्रेमिका के बीच में मधुर संबंध बना रहता है। इसे दोनों को ही धारण करना चाहिए।
❁फिरोजा रत्न से जड़ित ब्रेसलेट को भेट करने से सगे-संबंधी या मित्रों के साथ टूटे हुए रिश्तों की दूरियां खत्म हो जाती है। 
❁फिरोजा रत्न पहनने वाले व्यक्ति का आत्मविश्वास अत्यधिक बढ़ने लगता हैं और उसके विचारों में सकारात्मकता में भी वृद्धि होने लगती है। 
❁अगर कोई विद्यार्थी फिरोजा रत्न धारण कर लेता हैं तो उसकी बौद्धिक क्षमता का विकास एवं स्मरणशक्ति तेजी से बढ़ने लगती है।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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विवाह में देरी के कारण और निवारण

विवाह में देरी के कारण और निवारण

मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज विवाह में देरी के कारण और निवारण के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार लड़का लड़की के शादी योग्य होने के बाद भी अगर उनका विवाह नहीं हो पा रहा हो तो इसका कारण कुंडली दोष भी हो सकते हैं। कुंडली में कई ऐसे ग्रह होते हैं जो शादी ब्याह के मामलों में बाधा उत्पन्न करते हैं। 
कई बार बहुत प्रयासों के बावजूद विवाह का योग नहीं बन पाता है। ऐसे में व्यक्ति की निराशा बढ़ती है। दरअसल कन्या की कुंडली में विवाह कारक बृहस्पति होता है और पुरुष की कुंडली में विवाह का विचार शुक्र से किया जाता है। यदि दोनों ग्रह शुभ हों और उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ती हो तो विवाह का योग जल्दी बनता है। वैसे विवाह में देरी के लिए बहुत से अन्य ग्रह भी कारक होते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार विवाह में देरी होने के कारण कई कारण और योग अथवा दोष होते है जो निम्नलिखित हैं -
❁जब कुंडली में सप्तम भाव की दशा या फिर अन्तर्दशा, सातवें भाव में स्थित ग्रहों की दशा या अन्तर्दशा या सातवें भाव को देखने वाले ग्रहों की दशा या अन्तर्दशा हो या छठे घर से संबंधित कोई दशा या अन्तर्दशा चल रही हो तो विवाह में विलम्ब होता है। 
❁ज्योतिषीय आधार पर कुंडली में छठा तथा दसवां घर विवाह में रूकावटें उत्पन्न करता है। 
❁मंगल, राहू तथा केतु यदि सातवें घर में हो तो भी शादी देरी से होती है। शनि, मंगल, शनि राहू, मंगल राहू, या शनि सूर्य या सूर्य मंगल, सूर्य राहू, एकसाथ सातवें घर या आठवें घर में हो तो भी विवाह में अड़चन आती है। 
❁मांगलिक होना भी विवाह में देरी का कारण है।सप्तम भाव विवाह का कारक भाव होता है इस पर शुभ ग्रहों तथा गुरु शुक्र की दृष्टि हो तो शादी जल्दी होती है। 
❁गुरु सातवें घर में हो तो शादी 25 की उम्र तक हो जाती है। लेकिन अगर गुरु पर सूर्य या मंगल का प्रभाव हो तो शादी में एक साल या डेढ़ साल का विलम्ब हो सकता है और यदि राहू या शनि का प्रभाव हो तो 2 से 3 साल तक का विलम्ब हो जाता है।
❁सप्तम में बुध और शुक्र दोनो के होने पर विवाह की बातें चलती रहते है परन्तु विवाह आधी उम्र में होता है।
❁चौथा या लगन भाव मंगल (बाल्यावस्था) से युक्त हो तो सप्तम में शनि हो तो कन्या की रुचि शादी में नही होती है।
सप्तम में शनि शादी देर से करवाते हैं।
❁चन्द्रमा से सप्तम में गुरु शादी देर से करवाता है। यही बात चन्द्रमा की राशि कर्क से भी माना जाता है।
❁सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो,कोई शुभ ग्रह योगकारक नही हो तो पुरुष विवाह में देरी होती है।
❁सूर्य मंगल बुध लगन या राशिपति को देखता हो और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो आध्यात्मिकता अधिक होने से विवाह में देरी होती है।
❁लग्न में सप्तम में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक नही हों और परिवार भाव में चन्द्रमा कमजोर हो तो विवाह नही होता है। अगर हो भी जावे तो संतान नही होती है।
❁महिला की कुन्डली में सप्तमेश या सप्तम शनि से पीडित हो तो विवाह देर से होता है।
❁राहु की दशा में शादी हो या राहु सप्तम को पीडित कर रहा हो तो शादी होकर टूट जाती है। यह सब दिमागी भ्रम के कारण होता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार विवाह में आ रही अड़चन को दूर करने के उपाय निम्नलिखित हैं -
✾जिन जातकों के विवाह में विलम्ब हो रहा है उन्हें पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। शादी होने में देरी हो रही है तो भगवान शिव की उपासना करें। 5 नारियल लेकर भगवान् शिव की फोटो या भगवान शिव के मूर्ति के आगे रखकर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” , मंत्र की पांच माला का जप करें और सभी नारियल मंदिर में चढ़ा दें।
✾जो भी जातक विवाह योग्य है तथा उनके विवाह में बाधाएं आ रही हैं तो उन्हें गणेश जी की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए और भगवान श्रीगणेश जी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएँ।
✾शीघ्र विवाह के लिए भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की गुरूवार के दिन पूजा करनी चाहिए। 
✾विवाह में बाधाएं उत्पन्न करने वाले ग्रह गुरु, शनि और मंगल के उपाय भी जरूर करें। 
✾शुक्र सप्तम हो और उस पर मंगल, सूर्य का प्रभाव हो तो शादी में दो तीन साल का विलम्ब होता है।इसी तरह शुक्र पर शनि का प्रभाव होने पर एक साल और राहू का प्रभाव होने पर शादी में दो साल का विलम्ब होता है इसके लिए भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करें। मां पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाएं और रोजाना पार्वती मंगल का पाठ करे।इससे विवाह से जुड़ी बाधाएं दूर हो सकती हैं। 
✾कुण्डली में मंगलिक दोष होने पर शादी में बाधा आती है। मंगलिक दोष के कारण आने वाली बाधा को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी को गेहूं के आटे एवं गुड़ से बने लड्डू का भोग लगाएं। हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाएं और रामायण के बालकांड का पाठ करें।
✾प्रत्येक गुरुवार को पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें। गुरुवार को अपने तकिए के नीचे हल्दी की गांठ पीले वस्त्र में लपेट कर रखे।गुरुवार के दिन पल की जड़ में लगातार 13 गुरुवार तक जल चढ़ाने से शादी में आ रही रुकावट दूर हो जाती है।गुरुवार को गाय को दो आटे के पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर गुड तथा चने की गीली दाल के साथ देना चाहिए।गुरूवार को केले के वृक्ष के समक्ष गुरु के 108 नामों के उच्चारण के साथ शुद्ध घी का दीपक तथा जल अर्पित करें।
✾जब घर वाले शादी की बात करने जा रहे हों तो लड़की को खुले बाल रखने चाहिएं और लाल वस्त्र धारण करना चाहिए और मिष्ठान खिलाकर घर वालों को बातचीत के लिए विदा करना चाहिए।
✾मांगलिक लड़के, लड़की को अपने घर के कमरे के दरवाजे का रंग लाल या गुलाबी रखना चाहिए।
✾मांगलिक होने के कारण अगर विवाह में अड़चन आ रही हो तो कन्या प्रत्येक मंगलवार श्री मंगल चंडिका स्त्रोत का पाठ करे
✾अपनी सहेली या रिश्तेदार द्वारा शादी में पहना गया जोड़ा कुछ देर के लिए पहन लें।
✾जब किसी अन्य की शादी से जुड़े समारोह में जाएं और वहां मेहंदी लग रही हो अपने हाथ में थोड़ी सी लगवा लें।
✾विवाह में विलंब का कारण राहू हो तो शनिवार के दिन बहते हुए जल में एक नारियल को प्रवाहित करना चाहिए।
✾रिश्ते की बात चलने पर जब भी लड़का-लड़की को मिलवाया जाए तो उन्हें दक्षिण दिशा में बिठाएँ।
Pandit Anjani Kumar Dadhich 
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Sunday, 13 December 2020

सोमवती अमावस्या

सोमवती अमावस्या
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज सोमवती अमावस्या के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि 14 द‍िसंबर 2020 सोमवार के दिन पड़ रही है। सोमवार के दिन अमावस्या की तिथि पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है इसके साथ ही इसे दर्श अमावस्या भी कहते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान आदि करने का विधान है। सोमवार का दिन भगवान शिव का माना जाता है। इस दिन विवाहित स्त्री अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं साथ ही इस दिन पितृ दोष व काल सर्प दोष के निवारण के लिए पूजा की जाती है। इस दिन व्यक्ति अपने मृतक रिश्तेदारों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र नदी में डुबकी लगाकर प्रार्थना करते हैं और उनके नाम का दान करते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस बार सोमवती अमावस्या पर पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है। वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे। इसी दिन सूर्य ग्रहण भी है परन्तु यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी कारण ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन निम्नलिखित उपाय कर सकते है- 
❁सोमवती अमावस्‍या का व्रत विवाहित स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन मौन व्रत करने का विधान है। ऐसा करने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के पेड़ की दूध, जल, पुष्प, अक्षत और चंदन से पूजा करती हैं। इसके बाद 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा कर अपने पति की लम्बी उम्र प्रार्थना करती हैं।
❁सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य हर रूप से सुखी और समृद्ध होता है।वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त भी होता है। इस दिन पवित्र नदियों के जल में स्नान और तर्पण करने पर पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन किया गया दान खासकर पितृकर्म के निमित्त किया गया दान-धर्म विशेष फल प्रदान करता है।
❁सोमवती अमावस्या के दिन शिवलिंग पर कच्चे दूध और दही से अभिषेक करने से सारे बिगड़े काम बनते हैं और गरीबी दूर होती है।
❁सोमवती अमावस्या को स्नान और ध्यान के बाद तुलसी की 108 परिक्रमा की जाए तो इससे दरिद्रता दूर होती है।
❁सोमवती अमावस्या के दिन आप भगवान गणेश को भी सुपारी चढ़ाएं तथा अमावस्या की रात को गणेश प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर रखे और ओम् गं गणपतये नमः मंत्र की कम से कम 11 बार माला फेरे इससे आपको धन लाभ होगा। 
❁अमावस्या की रात को आप किसी कुएं में एक चम्मच दूध और एक रुपए का सिक्का डाल दें। इससे आपको धन लाभ होने लगेगा। 
❁सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
❁विष योग मतलब यह है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि और चंद्रमा की युति विष योग का निर्माण करती है।जिन लोगों की कुंडली में विष योग है वे सभी सोमवती अमावस्या के दिन बहुत उपाय कर सकते हैं जिससे उनको लाभ मिलता है। 
❁सोमवती अमावस्या के दिन अच्छे कर्म और दान धर्म करके जातक अपने बाधित जीवन को गति प्रदान कर सकते है। 
❁सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे रात के समय जाकर एक नारियल ले और वह अपने ऊपर से सीधा वार के 7 बार उसे पीपल के नीचे ही तोड़ दें। वह नारियल दो टुकड़े हुए हुए वहीं पर छोड़ कर आए उसे आप नहीं खाएं। इससे आप पर किये कराया और टोने टोटके का प्रभाव खत्म होगा। 
❁ जो एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये या 10 रूपये के सिक्के होते हैं वह सिक्के अपने सर के ऊपर से वार कर गायों के लिए को दान करने चाहिए। आपकी सारी बाधाएं दूर होगी। 
❁ सोमवती अमावस्या के दिन किसी भुखे और गरीब व्यक्ति को खाना खिलाने से पितरो को शांति और तृप्ति मिलती है।   
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Friday, 11 December 2020

सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण

मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज सूर्य ग्रहण के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
                        चित्र : सूर्य ग्रहण
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दिन सोमवार को 14 दिसंबर 2020 को भारतीय समय के अनुसार शाम 7 बज-कर 03 मिनट से मध्य रात्रि 12 बज-कर 23 मिनट तक रहेगा। पन्द्रह दिनों के अंतराल पर लगने वाला ये दूसरा ग्रहण है। इससे पहले 30 नवंबर को पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगा था। 
यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। इस पूर्ण सूर्य ग्रहण में सोमवती अमावस्या के साथ पांच ग्रह सूर्य,चंद्र, बुध, शुक्र और केतु ग्रह वृश्चिक राशि में रहेंगे। 

सूर्य ग्रहण कहाँ कहाँ दिखाई देगा

पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यह सूर्य ग्रहण  दक्षिण अटलांटिक महासागर,अर्जेंटीना, दक्षिण प्रशांत महासागर और चिली में पूर्ण रुप से दिखाई देगा।इसके अतिरिक्त यह ग्रहण कुछ अन्य जगहों पर आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में भी देखा जाएगा जिनमें पेरू, ब्राजील, उरुग्वे और पराग्वे के कुछ क्षेत्र शामिल हैं। परन्तु यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी कारण ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण का जनजीवन पर प्रभाव

पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं। जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं। ग्रहण के दौरान सूतक काल लग जाता है। इस समय शोर मचाना, खाना-पीना और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ग्रहण चाहे कोई भी हो उसका सूतक काल हमेशा महत्वपूर्ण माना जाता है। सूतक काल ग्रहण लगने से पूर्व की अवधि होती है और सूतक काल ग्रहण के समाप्त होने के बाद पूर्ण होता है। इस ग्रहणकाल के दौरान मांगलिक कार्यों पर भी रोक नहीं लगेगी। सूतक काल मान्य ना होने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होगी।
चाहे यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर ना आए लेकिन इसका प्रभाव राशियों पर पूर्ण रूप से पड़ेगा। 14 दिसंबर को लगने वाला ये सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लग रहा है। इस ग्रहण काल के दौरान इस राशि वालों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। ग्रहण के प्रभाव से इनके मान-सम्मान में कमी आ सकती है और इन लोगों को मानसिक पीड़ा भी उठानी पड़ सकती है। वृश्चिक राशि वालों को इस दौरान सूर्य की आराधना करनी चाहिए। 
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें अथवा शिव चालीसा का पाठ करे। ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें। सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें। तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं। 
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Thursday, 10 December 2020

प्रेम विवाह असफल क्यों?

प्रेम विवाह असफल क्यों? 

मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज कुंडली के अनुसार प्रेम विवाह के असफल होने के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आज के समय में ज्यादातर लोग अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनते है और उस जीवन साथी से प्रेम विवाह भी करते है। लेकिन ऐसा होता है कि प्रेम विवाह(लव मैरिज)करने के बाद से दोनों के विचारों में परिवर्तन हो जाता है।जिसके चलते दोनों में छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगते हैं। अंत में बात तलाक तक पहुंच जाती है। ज्योतिष के अनुसार प्रेम विवाह के योग का निर्माण जातक की कुंडली में बन जाता हैं जिसकी वजह से तथा ग्रहों की दशा के अनुसार प्रेम विवाह के योग बनते हैं। लेकिन यह जरुरी नहीं कि सभी प्रेम विवाह सफल हों। आजकल के समय में अनेकों उदाहरण ऐसे मिल जाते हैं जिसमें लड़का और लड़की प्रेम विवाह तो कर लेते हैं मगर शादी के कुछ समय बाद ही उनमें अनबन होना शुरू हो जाती है। कुछ ग्रहों के कारण ही व्यक्ति प्रेम करता है और इन्हीं ग्रहों के प्रभाव से दिल भी टूटता हैं और प्रेम विवाह असफल भी होता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अगर किसी का प्रेम विवाह सफल नहीं होता है तो उसकी कुंडली में शुक्र,गुरु बुध और राहु आदि ग्रहों के कमजोर होने की भारी आशंका होती है।इनमें कमजोर शुक्र के कारण व्यक्ति की कामुक और प्रेम भावना कमजोर हो जाती है। वहीं गुरु के पीड़ित या कमजोर होने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में खुशियां ओझल हो जाती हैं। कमजोर बुध हो तो व्यक्ति को विवाह में फरेब मिलने की संभावना रहती हैं। जबकि कमजोर राहु वैवाहिक जीवन में कल्पना और भ्रम की स्थिति पैदा करता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इनके अलावा प्रेम विवाह को असफल होने के लिए जो कारण उतरदायी है वो निम्नलिखित हैं -
❁शुक्र व मंगल की स्थिति व प्रभाव प्रेम संबंधों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। यदि किसी जातक की कुण्डली में सभी अनुकूल स्थितियाँ होते हुई भी, शुक्र की स्थिति प्रतिकूल हो तो प्रेम संबंध टूटकर दिल टूटने की घटना होती है।
❁पंचम भाव अथवा शुक्र पापक्रान्त हों अर्थात पाप ग्रहों के मध्य में हों तो प्रेम विवाह होने में बाधा आती है। ❁जन्म कुंडली में पंचमेश अथवा प्रेम विवाह कारक ग्रह शुक्र लग्न से छठे,आठवें, बारहवें हों तो प्रेम विवाह नहीं हो पाता अथवा विवाह के पश्चात परेशानियां आती हैं। 
❁पंचमेश और सप्तमेश यदि लग्न और चन्द्र से छठे, आठवें या बारहवें भाव में बैठ जायें और शुभ ग्रहों से किसी भी तरह का दृष्टि युति सम्बंध नहीं बनाते हों तो प्रेमियों को अपने लव लाइफ का बलिदान करना पड़ता है। 
❁सप्तम भाव या सप्तमेश का पाप पीड़ित होना, पापयोग में होना प्रेम विवाह की सफलता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। पंचमेश व सप्तमेश दोनों की स्थिति इस प्रकार हो कि उनका सप्तम-पंचम से कोई संबंध न हो तो प्रेम की असफलता दृष्टिगत होती है।
❁एकादश भाव पापी ग्रहों के प्रभाव में होता है तब प्रेमियों का मिलन नहीं होता है। 
❁यदि लड़के की कुंडली का शुक्र लड़की की कुंडली में राहू के साथ स्थित हो जाये तो लड़के के काम विकृति के कारण विवाह विच्छेद के योग बन सकते हैं। 
❁लड़के की कुंडली का राहू यदि लड़की की कुंडली में शुक्र के साथ स्थित हो तो विवाह विच्छेद या दीर्घकालीन विवाद और विषाद के योग बनेंगे। 
❁शुक्र का सूर्य के नक्षत्र में होना और उस पर चन्द्रमा का प्रभाव होने की स्थिति में प्रेम संबंध होने के उपरांत या परिस्थितिवश विवाह हो जाने पर भी सफलता नहीं मिलती। शुक्र का सूर्य-चन्द्रमा के मध्य में होना असफल प्रेम का कारण है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार प्रेम विवाह को मजबूत करने के उपाय निम्नलिखित हैं-
❃शुक्र ग्रह की पूजा करें अथवा शुक्र ग्रह की शांति के उपाय करें।
❃कुंडली में पंचम भाव और पंचमेश को मजबूत करने के लिए पंचमेश का रत्न धारण करें अथवा पंचमेश की पुजा करे। 
❃पन्ना या पुखराज धारण करें। 
❃रोजाना सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं
❃शुक्रवार को छोटी कन्याओं का आशीर्वाद लें।
❃सुबह गायत्री मंत्र का जप करें। 
❃शुक्रवार और पूर्णिमा का व्रत रखें 
❃सुखद दाम्पत्य के लिए ब्ल्यू टोपाज पहनें।
❃चन्द्रमणि प्रेम प्रसंग में सफलता प्रदान करती है ।
❃कुंडली में सप्तम भाव और सप्तमेश को मजबूत करने के लिए सप्तमेश की पूजा करें।
❃गुरु की शांति के उपाय करनें।
❃बुध ग्रह की शांति के उपाय करें।
❃राहु की शांति के उपाय करें।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आपको अपने प्रेम संबंध का परिणाम सफल विवाह होगा या नहीं यह आप ज्योतिष का आश्रय लेकर काफी हद तक भविष्य के संभावित परिणामों के बारे में जान सकते है।इस हेतु प्रेमी-प्रेमिका को अपनी जन्मपत्रिका के ग्रहों की स्थिति किसी योग्य ज्योतिषी से अवश्य पूछ लेनी चाहिए। प्रेम ईश्वर का वरदान है। प्रेम अवश्य करे लेकिन सोच-समझकर और कुंडली दिखाकर।

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Wednesday, 9 December 2020

अंगारक योग

अंगारक योग

मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज कुंडली में अंगारक योग दोष बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वैदिक ज्योतिष के शास्त्रों में बताया गया कि अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल और राहु एक साथ किसी घर में बैठकर युति कर रहे हों अथवा मंगल व राहू के बीच दृष्टि संबंध बन रहा हो तो ऐसी जन्मकुंडली में अंगारक योग निर्मित होता है। 
जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में अंगारक दोष पाया जाता है तो उस व्यक्ति का स्वभाव हिंसक पशु जैसा हो जाता है। अंगारक दोष वाले व्यक्तियों के अपने बंधुओं, मित्रों व रिश्तेदारों के साथ कटु संबंध स्थापित होते हैं। वैदिक ज्योतिष के फलित खंड अनुसार अंगारक दोष वाले व्यक्ति शुभाशुभ दशा-अंतर्दशा आने पर अपराधी बन जाते हैं व उसे अपने असामाजिक कार्यों के चलते लंबे समय तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ता है। कुंडली में किस भाव में अंगारक दोष बनता है उसके अनुसार ही फल प्राप्त होते हैं। ऐसे व्यक्तियों के जीवन में कई उतार चढ़ाव आते हैं। जमीन जायदाद से जुड़ी परेशानियां व धन संबंधित परेशानियां बनी रहती हैं। माता के सुख में कमी आती है या संतान प्राप्ति में परेशानियां आती है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार राहू व मंगल की युति अथवा दृष्टि संबंध को लाल किताब में "पागल हाथी" अथवा "खूंखार शेर" कहकर संबोधित किया गया है। लाल किताब ज्योतिष अनुसार अगर यह योग किसी की कुंडली में होता है तो वो व्यक्ति अपनी मेहनत से नाम व पैसा कमाता है। ऐसे लोगों के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। यह योग अच्छा और बुरा दोनों तरह का फल देने वाला है। वास्तविकता में वैदिक ज्योतिष व लाल किताब में अंगारक दोष की व्याख्या यह है कि व्यक्ति की क्रूर मानसिकता को परिभाषित करना। 
अंगारक दोष का अशुभ फल तब प्राप्त होता है जब कुंडली में मंगल व राहु दोनों ही अशुभ होते हैं। कुंडली में मंगल व राहु में से किसी के शुभ होने की स्थिति में जातक को अशुभ फल प्राप्त नहीं होते। कुंडली में मंगल व राहु दोनों के शुभ होने पर शुभ फलकारी अंगारक योग बनाता है। यह योग शुभ व अशुभ दोनो रूप से फल देता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कुंडली में अंगारक की स्थिति होने पर इसकी शांति आवश्यक है अन्यथा लंबे समय तक परेशानियां बनी रहती है। कुंडली में अशुभ मंगल तथा अशुभ राहु अथवा केतु के संयोग से बनने वाला अंगारक योग सबसे अधिक अशुभ फलदायी होता है जबकि इन दोनों ग्रहों में से किसी एक के शुभ हो जाने की स्थिति में यह योग उतना अधिक अशुभ फलदायी नहीं रह जाता।
किसी जातक को अंगारक योग के साथ जोड़े जाने वाले अशुभ फल तभी प्राप्त होते हैं जब कुंडली में अंगारक योग बनाने वाले मंगल तथा राहु अथवा केतु दोनों ही अशुभ हों तथा कुंडली में मंगल तथा राहु केतु में से किसी के शुभ होने की स्थिति में जातक को अधिक अशुभ फल प्राप्त नहीं होते और कुडली में मंगल तथा राहु केतु दोनों के शुभ होने की स्थिति में इन ग्रहों का संबंध अशुभ फल देने वाला अंगारक योग न बना कर शुभ फल देने वाला अंगारक योग बनाता है। उदाहरण के लिए किसी कुंडली के तीसरे घर में अशुभ मंगल का अशुभ राहु अथवा अशुभ केतु के साथ संबंध हो जाने की स्थिति में ऐसी कुंडली में निश्चय ही अशुभ फल प्रदान करने वाले अंगारक योग का निर्माण हो जाता है जिसके चलते इस योग के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक अधिक आक्रामक तथा हिंसक होते हैं तथा कुंडली में कुछ अन्य विशेष प्रकार के अशुभ प्रभाव होने पर ऐसे जातक भयंकर अपराधी जैसे कि पेशेवर हत्यारे तथा आतंकवादी आदि बन सकते हैं। दूसरी ओर किसी कुंडली के तीसरे घर में शुभ मंगल का शुभ राहु अथवा शुभ केतु के साथ संबंध हो जाने से कुंडली में बनने वाला अंगारक योग शुभ फलदायी होगा जिसके प्रभाव में आने वाले जातक उच्च पुलिस अधिकारी, सेना अधिकारी, कुशल योद्धा आदि बन सकते हैं जो अपनी आक्रमकता तथा पराक्रम का प्रयोग केवल मानवता की रक्षा करने के लिए और अपराधियों को दंडित करने के लिए करते हैं।
अंगारक योग हमेशा अशुभ फलदायी न होकर शुभ फलदायी होता है जिसके शुभ प्रभाव में आने वाले जातक अपने साहस पराक्रम तथा युद्ध नीति के चलते संसार भर में ख्याति प्राप्त कर सकते हैं तथा ऐसे जातक अपने साहस और पराक्रम का प्रयोग केवल नैतिक कार्यों के लिए ही करते हैं। इसलिए विभिन्न कुंडलियों में बनने वाला अंगारक योग जातकों को भिन्न भिन्न प्रकार के शुभ अशुभ फल प्रदान कर सकता है तथा इन फलों का निर्धारण मुख्य रूप से कुंडली में मंगल, राहु तथा केतु के स्वभाव, बल तथा स्थिति के आधार पर किया जाता है।
 जन्मकुंडली के द्वादश भाव में आंगरक योग का फल निम्नलिखित हैं -
❁पहले भाव में अंगारक योग होने से पेट रोग, शरीर पर चोट,अस्थिर मानसिकता, क्रूरता होती है। 
❁दूसरे भाव में अंगारक योग होने से धन में उतार-चढ़ाव व व्यक्ति का घर-बार बरबाद हो जाता है।
❁तीसरे भाव में अंगारक योग होने से भाइयों से कटु संबंध बनते हैं परंतु व्यक्ति धोखेबाजी से सफल हो जाता है। 
❁चौथे भाव में अंगारक योग होने से माता को दुख व भूमि संबंधित विवाद होते हैं।
❁पांचवें भाव में अंगारक योग होने से संतानहीनता व जुए-सट्टे से लाभ होता है।
 ❁छठे भाव में अंगारक योग होने से ऋण लेकर उन्नति होती है। व्यक्ति खूनी या शल्य-चिकित्सक भी बन सकता है। 
❁सातवें भाव में अंगारक योग होने से दुखी विवाहित जीवन, नाजायज संबंध, विधवा या विधुर होना परंतु सांझेदारी से लाभ भी मिलता है। 
❁आठवें भाव में अंगारक योग होने से पैतृक सम्पत्ति मिलती है परंतु सड़क दुर्घटना के प्रबल योग बनते हैं।
 ❁नवें भाव में अंगारक योग होने से व्यक्ति भाग्यहीन, वहमी, रूढ़ीवादी व तंत्रमंत्र में लिप्त होते हैं।
 ❁दसवें भाव में अंगारक योग होने से व्यक्ति अति कर्मठ, मेहनतकश, स्पोर्टसमेन व अत्यधिक सफल होते हैं।
 ❁ग्यारवें भाव में अंगारक योग होने से प्रॉपर्टी से लाभ मिलता है। व्यक्ति चोर, कपटी धोखेबाज होते हैं। 
❁बारहवें भाव में अंगारक योग होने से इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट व रिश्वतख़ोरी से लाभ। ऐसे व्यक्ति बलात्कार जैसे अपराधों में भी लिप्त होते हैं।  
अंगारक योग दोष की अशुभता को दूर करने हेतु कुछ उपाय निम्नलिखित हैं -
✾उज्जैन के अंगारेश्वर मंदिर में जाकर भात पूजा कराएं। 
✾मंगलचंडिका में माध्यम से मंगल-राहु अंगारक योग की शांति होती है।
✾मोती या ओपल धारण करना चाहिए।
✾चाँदी का कड़ा या चैन धारण करना चाहिए।
✾"ओम् अंग अंगारकाय नमः" मन्त्र का नियमित जाप करें। 
✾मंगलवार के दिन व्रत करें साथ ही मंगल ग्रह के बीज मन्त्र का जाप करें।
✾भगवान शिव के पुत्र कुमार कार्तिकेय की आराधना करें और मोर को दाना खिलाना चाहिए। 
✾प्रतिदिन अंगारक स्त्रोत का पाठ लाभदायक रहता है।
✾हनुमान जी की आराधना करने से ये दोनों ग्रह पीड़ामुक्त होते हैं। अतः प्रत्येक दिन हनुमानमान चालीसा का पाठ करें। 
✾प्रत्येक मंगलवार को गाय को गुड़ खिलाएं।
✾भगवान शिव का गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करे। 


Pandit Anjani Kumar Dadhich
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हनुमानजी की साधना एवं उपाय

 हनुमानजी की साधना एवं उपाय
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवी-देवताओं में से एक हैं। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस के अनुसार माता सीता द्वारा पवनपुत्र हनुमानजी को अमरता का वरदान दिया गया है। इसी वरदान के प्रभाव से इन्हें भी अष्टचिरंजीवी में शामिल किया जाता है। कलयुग में हनुमानजी भक्तों की सभी मनोकामनाएं तुरंत ही पूर्ण करते हैं।
श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी की कृपा प्राप्त होते ही भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। कोई रोग हो तो वह भी नष्ट हो जाता है। इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो पवनपुत्र की पूजा से वह भी दूर हो जाता है। हनुमानजी की पूजा में पवित्र का पूरा ध्यान रखना चाहिए। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को विधिवत रुप से किया जाए तो बहुत जल्दी सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं।इन्हीं उपायों का निम्नलिखित वर्णन किया जा रहा है -
यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का उक्त उपाय अपनाना चाहिए। 
सप्ताह के प्रति मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए। इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें एवं नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें।
जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं। इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें। इस प्रकार यह उपाय करते रहें। कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
ध्यान रखें उपाय करने वाला भक्त किसी भी प्रकार के अधार्मिक कार्य न करें। अन्यथा इस उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाएगा। उचित लाभ प्राप्त नहीं हो सकेगा। साथ ही अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति ईमानदार रहें।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के अन्य उपायों को भी वर्णित किया जा रहा है
❁नारियल के उपाय
✾किसी भी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ नारियल लेकर जाएं। मंदिर में नारियल को अपने सिर पर सात बार वार लें। इसके बाद यह नारियल हनुमानजी के सामने फोड़ दें। इस उपाय से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
✾शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में 1 नारियल पर स्वस्तिक बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
❁हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़वाएं
हनुमानजी को सिंदूर और तेल अर्पित करें। जिस प्रकार विवाहित स्त्रियां अपने पति या स्वामी की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं ठीक उसी प्रकार हनुमानजी भी अपने स्वामी श्रीराम के लिए पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते हैं। जो भी व्यक्ति शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।अपनी श्रद्धा के अनुसार किसी हनुमान मंदिर में बजरंग बली की प्रतिमा पर चोला चढ़वाएं। ऐसा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।
❁चौमुखा दीपक का उपाय
हनुमानजी के सामने शनिवार की रात को चौमुखा दीपक लगाएं। यह एक बहुत ही छोटा लेकिन चमत्कारी उपाय है। ऐसा नियमित रूप से करने पर आपके घर-परिवार की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
❁पीपल का उपाय
किसी पीपल पेड़ को जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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