कार्तिक पूर्णिमा
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कार्तिक माह को श्रीहरि विष्णु और भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। हिंदू धर्म के सभी बड़े त्योहार इस महीने में आते हैं। इसे परम पावन और पुण्यदायी महीना माना जाता है।इसी महीने का अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। इस साल 30 नवंबर, सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। पंडित अंजनी कुमार दाधीच कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।कार्तिक पूर्णिमा के खास दिन पर जप, तप और दान का विशेष महत्व बताया जाता है।कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदियों और कुण्डों आदि में स्नान करना चाहिए। अगर संभव ना हो तो घर पर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। फिर भगवान लक्ष्मी नारायण की आराधना करें और उनके समक्ष घी या सरसों के तेल का दीपक जलाकर विधिपूर्वक पूजा करें।साथ ही आप घर पर हवन कर सकते हैं और इसके बाद भगवान सत्यनारायण की कथा कहनी या सुननी चाहिए। अब उन्हें खीर का भोग लगाकर प्रसाद बांटें। शाम के समय लक्ष्मी नारायण जी की आरती करने के बाद तुलसी जी की आरती करें और साथ ही दीपदान भी करें। घर की चौखट पर दीपक जलाएं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी ब्राह्मण, गरीब या जरूरतमंद को भोजन करवाएं।
कार्तिक पूर्णिमा पर उपछाया चंद्र ग्रहण
कार्तिक पूर्णिमा का स्नान है और कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। हालांकि,उपछाया चंद्र ग्रहण होने की वजह से इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा।कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा।जबकि 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा।यह चंद्रग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में पड़ने वाला है। यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में दिखाई दे सकता है।
पूर्णिमा के कुछ अचूक उपाय -
पूर्णिमा के कुछ अचूक उपाय निचे वर्णित किया जा रहा है जिनका उपयोग कर आप अपने जीवन को सुखी और धन धान्य से परिपूर्ण कर सकते हैं।
❁दाम्पत्य जीवन के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को पति पत्नी में कोई भी चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें ( दोनों एक साथ भी दे सकते है) इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
❁जिस भी व्यक्ति को जीवन में धन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर "ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:"
अथवा
" ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:। " मन्त्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए । इससे धीरे धीरे उसकी आर्थिक समस्याओं का निराकरण होता है ।
❁पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें । अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें। इस उपाय से घर में धन की कोई भी कमी नहीं होती है। इसके पश्चात प्रत्येक पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकाल कर माता के सम्मुख रखकर उन पर पुन: हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखे। आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी ।
❁हर पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए।इत्र की शीशी खोलकर माता के वस्त्र पर वह इत्र छिड़क दें। उस अगरबत्ती के पैकेट से भी कुछ अगरबत्ती निकल कर जला दें फिर धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी से अपने घर में स्थाई रूप से निवास करने की प्रार्थना करें ।
❁हर जातक को अपने घर के मंदिर में प्रेम, शुभता और धन लाभ के लिए श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख आदि माता लक्ष्मी की प्रिय इन दिव्य वस्तुओं को अवश्य ही स्थान देना चाहिए । इनको साबुत अक्षत के ऊपर स्थापित करना चाहिए और हर पूर्णिमा को इन चावलों को जिनको आसान के रूप में स्थान दिया गया है उन्हें अवश्य ही बदल कर नए चावल रख देना चाहिए।पुराने चावलों को किसी वृक्ष के नीचे अथवा बहते हुए पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए ।
❁ पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा के ऊपर त्राटक करें अर्थात चन्द्रमा को लगातार देखें इससे नेत्रों की ज्योति तेज होती है एवं पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की रौशनी में सुई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्र ज्योति बढती है।
❁आयुर्वेद के अनुसार पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की चाँदनी सभी मनुष्यों के लिए अत्यंत लाभदायक है। यदि पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा का प्रकाश गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ पुष्ट होता है अत: गर्भवती स्त्रियों को तो विशेष रूप से कुछ देर अवश्य ही चन्द्रमा की चाँदनी में रहना चाहिए ।
वैसे तो सभी पूर्णिमा का महत्व है लेकिन कार्तिक पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा आदि अति विशेष मानी जाती है।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakashtra Jyotish Hub