चुनाव में जीत के लिए ज्योतिषीय और वास्तु उपाय
प्रिय पाठकों,
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज इस लेख में चुनाव में जीत के लिए ज्योतिषीय और वास्तु उपाय के बारे में जानकारी दे रहा हूं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हमारे देश भारत में हमेशा कोई न कोई चुनाव की लहर चलती रहती है। एक पद के लिए एक हजार प्रत्याशी। सभी का अपना-अपना दावा कि अबकी बार चुनाव मैं ही जीत रहा हूं कृपया मेरा सपोर्ट करना। चुनाव में जीत का परिणाम तो निकलेगा ही मगर किसी एक का ही। लेकिन दावा सभी का होता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव के अन्दर प्रत्याशी बनने और चुनाव को जीतने मे बहुत जद्दोजहद करनी पड़ती है। प्रत्येक प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए हर प्रकार के तरीके अपनाता है लेकिन सब कुछ होने के बाद भी जब व्यक्ति चुनाव हार जाता है तो उसकी जनता ही नही अपनी खुद की आत्मा भी धिक्कारती है कि अमुक कारण का निवारण अगर हो जाता तो चुनाव जीता जा सकता था। चुनाव का जीतना और राज करना दोनो ही अलग- अलग बातें है एक साधारण और कम पढा लिखा आदमी भी चुनाव जीत सकता है और वही पर बहुत पढा व्यक्ति भी किसी नेता की चपरासी के अलावा कुछ नही कर सकता है। यह सब आदमी के बस की बात नहीं है यह सब होता है सितारों का खेल होता है। अगर सितारे उसके पक्ष में हों तो सभी कुछ हो सकता है और अगर सितारे उसके खिलाफ है तो बना बनाया काम भी बरबाद होते देर नहीं लगती है।
✿✿ हर प्रकार के चुनाव में राहु ग्रह की महत्वपूर्ण भूमिका - पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बिना राहु की सहायता के चुनाव नही जीता जा सकता है। सभी प्रकार के चुनाव में राहु महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हुआ सभी को धारण भी करता है और बरबाद भी करता है इसलिये राहु को विराट रूप मे देखा जाता है। राजनीतिक क्षेत्र में प्रत्येक प्रत्याशी को जनता के मन मस्तिष्क में एक विशेष प्रकार का प्रभाव प्रदर्शित करना होता है। जिस प्रत्याशी का राहु बहुत ही प्रबल होता है उसी का प्रभाव जनता के मन मस्तिष्क में छप जाता है।
✿ किसी भी प्रत्याशी के जीतने में उसकी बोलने के तरीके या लहजा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राहु बुध के साथ मिलकर बोलने की क्षमता देता है।
✿ किसी भी प्रत्याशी के जीतने में उसकी बोलने के तरीके या लहजा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राहु बुध के साथ मिलकर बोलने की क्षमता देता है।
✿ राहु मंगल के साथ मिलकर अपनी विशेष शक्ति से जनता के अन्दर नाम कमाने की हैसियत देता है ।
✿ राहु सूर्य के साथ मिलकर राजकीय कानूनी और राजकीय क्षेत्र के बारे मे बड़ा ज्ञान देता है।
✿ वही राहु गुरु के साथ मिलकर उल्टी हवा को प्रवाहित करने के लिये भी देखा जाता है। राहु शनि के साथ मिलकर मजदूर संगठनो का मुखिया बना कर सामने लाता है।
✿ राहु शुक्र के साथ मिलकर लोगों के अन्दर चमक दमक से प्रसारित होने अपने को समाज मे दिखाने और अपने द्वारा मनोरंजक बातों के प्रति सामने रखने से माना जा सकता है।
चुनाव जीतने के लिए निम्नलिखित बातों पर अवश्य ध्यान रखना चाहिए -
✿✿ राहुकाल में चुनावी सभा न करें - पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार राहुकाल में सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इस काल में चुनावी सभा नहीं करें। राहुकाल में की गई चुनावी आमसभा विफल होती है। मतदाता के मन में भ्रांतियां फैलेंगी और प्रत्याशी एवं पार्टी के प्रति नकारात्मक विचार बढ़ेंगे, आमसभा में भी बाधाएं आएंगी, विवादों की स्थितियां बनेंगी। राहुकाल में चुनावी फॉर्म भी नहीं भरना चाहिए। इस काल में फॉर्म भरने से प्रतिद्वंद्वी आप पर भारी पड़ेगा एवं पराजय का सामना करना पड़ता है। राहुकाल का समय प्रतिदिन अलग-अलग होता है।
✿✿ वार अनुसार राहुकाल का समय निम्नानुसार है-
वार समय
सोमवार : प्रात: 7.30 बजे से 9.00 बजे तक।
मंगलवार : दोपहर 3.00 बजे से 4.30 बजे तक।
बुधवार : दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक।
गुरुवार : दोपहर 1.30 बजे से 3.00 बजे तक।
शुक्रवार : प्रात: 10.30 बजे से 12.00 बजे तक।
शनिवार : प्रात: 9.30 बजे से 10.30 बजे तक।
रविवार : दोपहर 4.30 बजे से 6.00 बजे तक।
✿✿ नक्षत्रों का चयन - पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अनादि काल से राजा, महाराजा युद्ध के लिए जाते समय सर्वप्रथम विजय नक्षत्रों का चयन करते थे जिससे शत्रु पर विजय प्राप्त होती थी। इन विजयी नक्षत्रों में ही राजा अपने शत्रु राजा पर आक्रमण पर राज्य अपने अधिकार में लेता था। इन नक्षत्रों में चुनाव का फॉर्म भरना प्रतिद्वंद्वी को स्तंभित करने वाला, मतदाता को आकर्षित करने वाला होकर पद प्राप्ति में सहायक होकर विजय दिलाता है।
अत: प्रत्याशी को अपना चुनावी फॉर्म निम्न वर्णित विजयी नक्षत्रों में ही भरना चाहिए-
रोहिणी, मृगशीर्ष, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, स्वाति, धनिष्ठा, शतभिषा, रेवती
✿✿ चुनाव परिणाम में शुभ पशु-पक्षी – पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार निम्नानुसार वर्णित पशु या पक्षियों को मुख्य निवास स्थान अथवा प्रमुख चुनाव कार्यालय में रखने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होकर चुनाव परिणाम पक्ष में होता है- सफेद घोड़ा, मुर्गा, सफेद बैल, कबूतर, लाल गाय, सफेद गाय, हिरण, मच्छर, पतंगा, नेवला, गोकुल गाय, हाथी, मछली, चिड़िया, मोर, मधुमक्खी, काली चींटी, चकोर और भौंरा।
✿✿ भाषण की दिशा - पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार किसी भी उम्मीदवार को चाहिए कि चुनाव के दौरान होने वाली सभाओं में वह अपना मुंह उत्तर या पूर्व दिशा में रखकर सभा को सम्बोधित करें। जनता को संबोधित करते समय उम्मीदवार का मुंह उत्तर दिशा में जब ही रहेगा जब मंच सभा के स्थान की दक्षिण दिशा की ओर होगा इसी प्रकार पूर्व दिशा की ओर मुंह तब ही रहेगा जब मंच सभा के स्थान की पश्चिम दिशा की ओर बनेगा। इस प्रकार के वास्तुनुकूल मंच पर खड़े होकर चुनावी सभा को सम्बोधित करने से सभा सफल एवं प्रभावी होती है।
✿✿ प्रत्याशी की ध्वजा (झंडा) - पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ध्वजा या झंडे का एक विशिष्ट महत्व होता है। वर्तमान में एक पक्ष का प्रतीक ध्वजा का लहराना चुनाव में विजयकारक होता है। प्रत्याशी के निवास स्थान एवं चुनाव के मुख्य कार्यालय में लगाई गई ध्वजा का स्थान सुनिश्चित होता है। इस ध्वजा को वेध कर दिया जाए या ध्वजा विपरीत दिशा में लगा दी जाए तो उससे ध्वजा वेध होकर प्रतिद्वंद्वी की ध्वजा फहरा जाती है एवं प्रत्याशी को पराजय का सामना करना होता है। ध्वजा के सामने किसी भी प्रकार का पेड़ या खंभा नहीं होना चाहिए। ध्वजा लहराते समय किसी वस्तु आदि से बाधित होकर अटकना नहीं चाहिए। दिशा अनुसार ध्वजा लगाने का परिणाम —
पूर्व : कशमकश के साथ विजय।
आग्नेय : विवाद के साथ पराजय।
दक्षिण : अधिक परिश्रम, विजय में बाधादायक।
नैऋत्य : पद, प्रतिष्ठा, शत्रु, दमन एवं विजयश्री।
पश्चिम : अधिक परिश्रम के साथ मतदान कम।
वायव्य : विपरीत मतदान के साथ पराजय।
उत्तर : अर्थहानि।
ईशान्य : आकस्मिक विजय।
ध्वजा निवास स्थान या मुख्य कार्यालय के नैऋत्य दिशा में ही लगाना चाहिए। इस दिशा की ध्वजा विजय, पद, प्रतिष्ठा देने वाली एवं शत्रु का दमन करने वाली होती है इसलिए ध्वजा नैऋत्य दिशा में ही लगाना चाहिए।
✿✿ घर से क्या खाकर निकलें – पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव फॉर्म भरने जाते समय एवं चुनाव प्रचार हेतु घर से निकलते समय क्या खाकर निकलें जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो एवं मतदाता व मतदान प्रत्याशी के पक्ष में हो। वार अनुसार वस्तुओं का निर्धारण कर रहे हैं कि कौन से वार में प्रत्याशी को क्या खाकर निकलना चाहिए।
रविवार : पान। सोमवार : दूध, चावल। मंगलवार : गुड़।
बुधवार : खड़ा धनिया। गुरुवार : जीरा।शुक्रवार : दही।
चुनाव में जीत हासिल करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए -
✷ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मां अपराजिता का पूजन-अर्चन करते हुए मां अपराजिता के स्तोत्र का पाठ और अनुष्ठान करवाना चाहिए।
✷ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हत्थाजोड़ी एक जंगली वनस्पति होता है जिसे काफी दुर्लभ माना जाता है। किन्तु असंभव नहीं है। तो इस हत्थाजोड़ी प्राप्त करें जो पूरे विधि-विधान से ग्रहणकाल में सिद्ध किया हुआ हो। यदि आपके नाम से सिद्ध करके मिल जाय तो और उत्तम होगा। इसे प्राप्त करके चाँदी की डब्बी या लाल वस्त्र में करके पीला सिंदूर, कपूर और बिना टूटे चावल के कुछ दाने के साथ रखें। तत्पश्चात नवार्ण मंत्र का 21 बार उच्चारण करते हुए सामान्य पूजन करके तिजोरी अथवा अपने पर्स में रखें। पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार जनसंपर्क से लेकर पर्चा दाखिला तक इसे अपने जेब में ही रखें, किन्तु शुद्धता का ध्यान रखें। हथाजोड़ी आपका वोट बैंक ऐसे बढ़ाता जाएगा जैसे दीप से दीप जलाया जाता है। कुछ समय में ही बेतहासा जनसंपर्क चकित करने योग्य होगा।
✷ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव में विजय प्राप्ति हेतु बगलामुखी कवच और त्रिशक्ति कवच प्राप्त करके गले में धारण करें। इसके धारण से विरोधियों को नर्वस करने में सुविधा मिलेगी। माहौल भी मजबूत बनेगा। ग्रहों को कंट्रोल करना भी इनका काम है ताकि चुनाव आप का ही निकले। आप चाहें तो स्वयं व्यक्तिगत रूप से अथवा अपने किसी प्रतिनिधि को भेजकर नलखेड़ा (मध्यप्रदेश) स्थित विश्व के सर्वाधिक प्राचीनतम माँ बगलामुखी मंदिर में अपनी विजय हेतु अनुष्ठान करवा सकते हैं।
✷ पंडित के अनुसार यदि अपने मकान के पूरब उत्तर दिशा में सम्पूर्ण वास्तु दोष नाशक यन्त्र की स्थापना कर दें तो आपको वास्तु स्थिति का भी सपोर्ट मिले। छोटा-मोटा दोष भी चुनाव के समय में बाधक न बने बल्कि आपको सामाजिक सपोर्ट दिलवाते हुए निश्चित ही भारी विजय प्रदान करे।
आमतोर कई भी राजनेता चुनाव लड़ते समय अपनी जन्म कुंडली या हस्तरेखा के आधार पर ही निर्णय लेते हें किन्तु वे वास्तु के महत्त्व या प्रभाव को अनदेखा कर देते है। वे अक्सर पूजा पाठ(कर्मकांड) तथा मन्त्र-यंत्र-तंत्र का प्रयोग करना भी नहीं भूलते है। मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में सर झुकाना भी नहीं भूलते विजय प्राप्ति हेतु बड़े बड़े हवन-यज्ञ या अनुष्ठान करवाते है।इन सभी उपायों का पूर्ण लाभ तभी संभव हैं जब चुनाव लड़ने वाले राजनेता का मकान और ऑफिस वास्तु सम्मत न बना होना और स्थानों की वास्तु अनुकूलता नहीं होना उसकी विजय की संभावना में बाधा देती है।
चुनाव में स्थायी रूप से विजय,यश एवं प्रतिष्ठा प्राप्त करने हेतु इन बातों का रखें ध्यान —
✷ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव लड़ने वाले के मकान की उत्तर दिशा तथा उत्तरी इशान कोण को वास्तु सम्मत होना चाहिए। यदि इन दिशाओं में कोई कोना बढ़ा होगा तो यश एवं प्रसिद्धि दिलाता है।
✷ चुनाव लड़ने वाले के मकान की उत्तर दिशा तथा उत्तरी इशान कोण में वाटर टेंक, किसी प्रकार का बड़ा गढ्ढा मददगार होता हें।
✷ चुनाव लड़ने वाले के मकान की उत्तर दिशा तथा उत्तरी ईशान कोण की दिशा किसी भी रूप में दबी हुई या कटी हुई नहीं होनी चाहिए। इस दोष के कारन उचित यश और प्रसिद्धि नहीं मिल पाती है।
✷ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव लड़ने वाले के मकान की उत्तर दिशा तथा उत्तरी इशान कोण यदि ऊँचा हें तो वह भी नुकसान,अपयश का कारण बन सकता है जिसके कारण चुनाव में विजय संभव नहीं होती है।
✷ चुनाव लड़ने वाले के मकान की उत्तर दिशा तथा पूर्व दिशा की तरफ यदि इशान कोण निचा हो एवं दक्षिण,आग्नेय ,पश्चिम और वायव्य कोण ऊँचे हो तो उनके परिवार में आनंद ,ऐश्वर्य की वृद्धि होगी और वहां निवास करने वालों को विजय,ख्याति और प्रशंसा मिलती रहेगी।
✷ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव लड़ने वाले के मकान की उत्तर दिशा तथा उत्तरी इशान में यदि उस मकान में रहने वालों को अपने ड्राइंग रुम के अन्दर की तरफ जाने वाले दरवाजे के सामने की दीवार पर,मध्य में अपना फोटो (चित्र) जरुर लगाना चाहिए।संभव हो तो उस फोटो के ऊपर एक लाल रंग का जीरो वाट का बल्ब अवश्य लगवाएं। वो बल्ब हमेशा 24 घंटे जलते रहना चाहिए।इसके प्रभाव से वहां निवास करने वालों के मान-सम्मान,यश,और प्रसिद्धि बढ़ाने में मदद मिलेगी।
✷✷ चुनाव लड़ने वाले को अपने आवास(मकान) के साथ साथ अपने कार्यालय या ऑफिस में निम्नलिखित वास्तु नियमों या वास्तु सूत्रों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
✷पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव लड़ने वाले के मकान तथा ऑफिस के साथ साथ उस पार्टी के मुख्य या केन्द्रीय कार्यालय का भी वास्तु सम्मत होना अत्यावश्यक है।
✷चाहे जो भी पार्टी हो यदि उनके मुख्य केन्द्रीय कार्यालय या ऑफिस वास्तु सूत्र अनुसार बने हुए हें तो उनकी सत्ता में भागीदारी या विजय होने की संभावना में वृद्धि होगी।
✷ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के घर या ऑफिस का पूर्वी, पूर्व ईशान या उत्तर ईशान कोना कटा हुआ या घटा हुआ नहीं होना चाहिए। इस दिशा में किसी भी तरह का दोष होना अथवा नेऋत्य से ऊँचा होना भी अनुचित परिणाम देता है।
✷ कार्यालय वाले स्थान की पूर्व दिशा जितनी अधिक खुली हुई होगी परिणाम उतने ही उत्तम प्राप्त होने की सम्भावना रहती है।
✷ जिस उम्मीदवार के घर का उत्तर, पूर्व दिशा और ईशान कोण घर की अन्य दिशाओं और कोणों से नीची होती होती है उनके सफल होने की संभावना अधिक रहती है।
क्योंकि वास्तु विज्ञान के अनुसार ऐसा वास्तु हमेशा वृद्धि होगी, ऐश्वर्य आनंद की प्राप्ति, विजय, प्रशंसा और ख्याति में सहायक रहती है। इस प्रकार से वास्तु सम्मत उपरोक्त सुझाव उस उम्मीदवार या पार्टी की सरकार बनने की संभावना में वास्तु सहायक अथवा मददगार साबित हो सकता है।
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