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Sunday, 15 September 2024

वामन जन्मोत्सव (जयंती)

वामन जन्मोत्सव (जयंती)
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिंदू धर्म में वामन जन्मोत्सव या वामन जयंती का बहुत महत्व है। वामन जन्मोत्सव प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णुजी के वामन अवतार की पूजा की जाती है।
श्रीमद् भागवत गीता के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अभिजीत मुहूर्त में श्रवण नक्षत्र में माता अदिति व कश्यप ऋषि के यहां वामन भगवान का जन्म हुआ था। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 15 सितंबर 2024, रविवार यानी आज के दिन वामन जन्मोत्सव या वामन जयंती मनाई जाएगी।आज के दिन सुकर्मा योग और श्रवण नक्षत्र भी है। इसीलिए आज के दिन का महत्व और भी अधिक हो जाता हैं। भगवान विष्णु ने असुरराज बलि का घमंड तोड़ने और भक्ति की जीत के लिए वामन रूप धारण किया था और उन्होंने तीन पग भूमि मांगकर पूरे ब्रह्मांड को माप दिया था जिससे राजा बलि का अहंकार नष्ट हुआ था।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भगवान विष्णुजी के वामन अवतार की पूजा-आराधना बेहद शुभ फलदायी है। इस दिन व्रत और भगवान के वामन अवतार का पूजन के कार्यों से व्यक्ति के सभी दुख-पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। यह पावन पर्व वामन भगवान की पूजा-आराधना के साथ आध्यात्मिक उन्नति और धर्म की रक्षा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान वामन की पूजा करने से भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं और अपने पिछले जन्म के सभी पापों और कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु उन्हें सभी सांसारिक सुखों और खुशियों का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
भगवान वामन देव की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त अभिजित मुहूर्त रहेगा।
वामन जन्मोत्सव पर भगवान वामन की पुजा करने की विधि निम्नलिखित है -
वामन जन्मोत्सव या जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर शुद्ध स्नान के बाद भगवान विष्णु के अवतार भगवान वामनदेव की पूजा का संकल्प लेना चाहिए।
घर के मंदिर में भगवान विष्णुजी के वामन स्वरूप की प्रतिमा या भगवान विष्णु की प्रतिमा को एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें।
भगवान वामन को पंचामृत से स्नान कराने के बाद उन्हें रोली, मौली, तुलसी, पीले फूल, नैवेद्य के साथ मख्खन और मिश्री का भोग अर्पित करें। 
पूजा के बाद विष्णु सहस्त्रनाम, वामन स्त्रोत और ओम् भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
भगवान विष्णु के अवतार वामन देव की कथा श्रवण करना चाहिए। कथा श्रवण के बाद वामनदेव की आरती करने के साथ पूजा को समाप्त करें।
इस दिन व्रत करने वालों को दान-पुण्य भी करना चाहिए।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच [पुरोहित कर्म (यज्ञ-हवन - पुजा-अनुष्ठान) विशेषज्ञ, वैदिक ज्योतिषी, अंक ज्योतिषी एवं वास्तुविद ]
Nakshatra Jyotish Sansthaan
नक्षत्र ज्योतिष संस्थान
panditanjanikumardadhich@gmail.com
सम्पर्क सूत्र - 06377054504

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