परिवर्तनी एकादशी व्रत
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सनातन धर्म संस्कृति में एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। हर महीने दो एकादशी (एक कृष्ण पक्ष में दूसरी शुक्ल पक्ष में) व्रत आते है। 14 सितंबर 2024, शनिवार को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। परिवर्तिनी एकादशी को जलझूलनी एकादशी या पार्श्व एकादशी भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से करवट लेते हैं।
परिवर्तनी एकादशी व्रत का फल-
परिवर्तिनी एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा से आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। धन-धान्य में वृद्धि होती है और जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन शाम को तुलसी के पौधे का पुजन करते समय ओम् नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से दुग्धाभिषेक करे उसके बाद षोडशोपचार पूजन विधि से पूजन कर विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र या गीता के निम्नलिखित श्लोको का पाठ करना चाहिए।
गीताजीके नित्य-पठनीय पाँच श्लोक
वसुदेव सुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ।
देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।
अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतनामीश्वरोऽपि सन् ।
प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय सम्भवाम्यात्ममायया।।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।
जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः ।
त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन।।
वीतरागभयक्रोधा मन्मया मामुपाश्रिताः।
बहवो ज्ञानतपसा पूता मद्भावमागताः।।
वसुदेव सुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ।
देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।
कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।
लेखक परिचय- Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच [पुरोहित कर्म (यज्ञ-हवन - पुजा-अनुष्ठान) विशेषज्ञ, वैदिक ज्योतिषी, अंक ज्योतिषी एवं वास्तुविद ]
Nakshatra Jyotish Sansthaan
नक्षत्र ज्योतिष संस्थान
panditanjanikumardadhich@gmail.com
सम्पर्क सूत्र - 063770 54504
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