ओपल रत्न और उसका विश्लेषण
प्रिय पाठकों
05 जनवरी 2024, शुक्रवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज इस लेख में ओपल रत्न और उसके ज्योतिषीय विश्लेषण के बारे में कुछ जानकारी दे रहा हूं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह के प्रतिनिधित्नव रत्न के बारे में बताया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को रत्न अपनी राशि और ज्योतिष अनुसार ही रत्न धारण करना चाहिए। दापंत्य जीवन, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण और भोतिक सुख-सुविधाओं के ग्रह है शुक्र और इनका प्रतिनिधि रत्न हीरा है। लेकिन कई बार रत्न के बजाय उसका काम उपरत्न भी कर देते हैं जो रत्न के बजाय कम कीमत के होकर भी रत्न का काम कर देते हैं। हीरे रत्न के उपरत्न का नाम ओपल है।
ओपल एक बहुत शक्तिशाली रत्न है। ओपल रत्न अपने चांद जैसे सफेद रंग के लिए प्रसिद्ध है और यह कई रंगों में पाया जाता है जैसे की काला, नीला, सफ़ेद, पीला, और स्लेटी और कई ओपल पत्थरों की सतह पर इंद्रधनुषी रंग दिखाई देते हैं जो उनकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। इसलिए प्राचीन काल से ही इस रत्न का उपयोग आभूषण और सजावटी सामान बनाने में किया जाता रहा है।
✿✿ओपल रत्न पहनने के लाभ✿✿
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ओपल रत्न पहनने से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं -
✿ ओपल रत्न का स्वामी या संबंध शुक्र ग्रह है जो प्रेम और सौंदर्य का ग्रह माना जाता है। यदि आपकी जन्म कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही है तो आपको इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए ओपल रत्न को अवश्य धारण करना चाहिए।
✿ ओपल रत्न वैदिक ज्योतिष और चिकित्सा ज्योतिष में अपना महत्वपूर्ण महत्व रखता है। यह रत्न धारण करने से विभिन्न लाभों की प्राप्ति होती है।इस रत्न को सफलता और प्रतिष्ठा प्रदान करने की अपनी शक्ति के लिए भी जाना जाता है।
✿ ज्योतिषीय प्रभाव बढ़ाने से लेकर भावनात्मक उपचार, रचनात्मकता उत्तेजना और रिश्ते को मजबूत करने तक, ओपल एक ऐसा रत्न है जो कई फायदे प्रदान करता है। इसकी शक्ति का उपयोग करके व्यक्ति अपना और समाज कल्याण की ओर रुख कर सकता है एवं अपने पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में भी सुधार ला सकता है और व्यक्ति अपने गहरे संबंध का अनुभव कर सकता है।
✿ ओपल रत्न आंतरिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मकता की भावना को बढ़ावा देता है और साथ ही यह व्यक्तियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से शालीनता से निपटने में सक्षम बनाता है।
✿ इन सब के अलावा प्राकृतिक ओपल रत्न इसे पहनने वाले व्यक्ति को जो लाभ प्रदान करता है वह इस प्रकार है -
✿ ओपल रत्न पहनने के ज्योतिषीय लाभ
यह रत्न अपने पहनने वाले के लिए प्रेम, सौंदर्य, रचनात्मकता और विलासिता लाता है। ओपल धारण करके व्यक्ति अपने जीवन में शुक्र के सकारात्मक प्रभाव को मजबूत कर सकते हैं। यह ओपल रत्न प्यार और सौहार्दपूर्ण रिश्तों को आकर्षित करता है और इंसान के जीवन में समृद्धि लाता है।
✿ ओपल पहनने वाले की समझ, सहानुभूति और संचार करने की क्षमता को बढ़ावा देता है।
✿ ओपल पहनने वाले व्यक्ति को यह एक स्वस्थ और पूर्ण संबंध बनाने में भी मदद करता है। यह वफादारी को बढ़ाता है और लंबे समय तक चलने वाली साझेदारी के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है। ओपल संतुलन और सद् भाव का पत्थर है।
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यह रत्न शरीर में ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) को संतुलित करता है जिससे समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलता है। ओपल भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक पहलुओं को संरेखित और संतुलित करता है। जिससे संपूर्णता और संतुलन की भावना आती है। यह पूरे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को सुविधाजनक बनाता है, साथ ही जीवन शक्ति की भावना का पोषण करता है।
✯✯पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ओपल रत्न धारण करने से न केवल ज्योतिषीय लाभ मिलते है बल्कि कई चिकित्सीय लाभ भी है जो निम्नलिखित हैं
✯ ओपल की शक्ति विभिन्न शारीरिक समस्यायों का उपचार कर सकती है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और यकृत और गुर्दे जैसे अंगों की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है।
✯ ओपल पत्थर में भावनाओं को संतुलित करने और भावनात्मक उपचार प्रदान करने की क्षमता भी होती है। ऐसा कहा जाता है कि इसका दिमाग पर शांत प्रभाव पड़ता है जो व्यक्तियों को भावनात्मक अशांति, चिंता और तनाव से उबरने में मदद करता है।
✯ यह प्राकृतिक रत्न आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा फायदेमंद माना जाता है। यह आंखों के तनाव से राहत देता है और दृष्टि को बढ़ावा भी देता है। इसके अतिरिक्त, ऐसा माना जाता है कि यह हार्मोनल संतुलन के नियमन में सहायता करता है और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करता है।
कुल मिलाकर यह रत्न अपने पहनने वाले की संपूर्ण जीवन शक्ति में सुधार करेगा।
✷✷ओपल रत्न पहनने से होने वाले दुष्प्रभाव✷✷
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार यदि ओपल रत्न को किसी ज्योतिषी या रत्न सलाहकार से बिना सलाह लिए धारण करा जाए तो आपको इसके नकारात्मक प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है जो निम्नलिखित है -
✷ ओपल आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है आप लगातार बीमार पड़ सकते है और आपका शरीर पीला पड़ सकता है व आप शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते है।
✷ आपके प्रेम संबंध, या विवाहित जीवन पर भी इसका बुरा प्रभाव देखा जा सकता है और आप पति-पत्नी में गलतफहमी व लड़ाईयाँ हो सकती है।
✷ ओपल के बुरे प्रभाव से आपकी आय पर भी असर हो सकता है और आपको अपने व्यवसाय के क्षेत्र में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है या आपके बचाये हुए पैसे आपको एक बार में कहीं खर्च करने पड़े।
✷ ओपल की शक्ति आपकी समझ पर भी पर्दा डाल सकती है और आपके फैसले लेने की समझदारी कम हो सकती है जिस से आपके हर फैसले पर असर हो सकता है।
✿✿ओपल रत्न किन लोगो पहनना चाहिए ✿✿
✿ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ओपल रत्न उन लोगों को पहनना चाहिए जिन लोगो का जन्म तुला और वृषभ राशि में हुआ है उन्हें भी ओपल रत्न पहनने की सलाह है।
✿ इसके अलावा, मकर, कुंभ, मिथुन और कन्या राशि वाले भी इस रत्न को पहन सकते हैं हालांकि उन्हें इसे पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है की ये रत्न आपकी कुंडली के अनुसार आपके अनुकूल है या नहीं यदि आपके अनुकूल नहीं है तो इसके नकारातमक प्रभाव आपको परेशान कर सकते है।
✿ ओपल रत्न कलाकारो, लेखकों और रचनात्मक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को पहनना चाहिए क्योंकि यह किसी व्यक्ति में रचनात्मकता कौशल को बढ़ाता है। ओपल पहनकर, व्यक्ति अपनी रचनात्मक क्षमता का दोहन कर सकता है, अपनी कल्पना का विस्तार कर सकता है और नवीन विचारों को सामने ला सकता है। यह प्रेरणा, कलात्मक अभिव्यक्ति और किसी के विचारों और भावनाओं को प्रभावी ढंग से संप्रेषित करने की क्षमता को प्रोत्साहित करता है।
✿ यदि आपकी जन्म कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही है तो आपको इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए ओपल रत्न को अवश्य धारण करना चाहिए।
✯✯ पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ओपल पहनने के विधि निम्नलिखित हैं -
✯ कोई भी व्यक्ति ओपल रत्न को पेंडेंट या अंगूठी के रूप में पहन सकता है। आपके ओपल रत्न का वजन आपके शरीर के वजन को 10 से विभाजित करने का परिणाम होना चाहिए उदाहरण के लिए - यदि उपयोगकर्ता के शरीर का वजन 70 किलोग्राम है, तो उसे कम से कम 5 से 7 कैरेट का ओपल रत्न पहनना चाहिए।
✯ यदि आप ओपल रत्न को सोने या सफेद सोने, प्लैटिनम, चांदी या पंचधातु में स्थापित कर सकते है।
✯ ओपल स्टोन पहनने का सबसे अच्छा दिन और समय शुक्ल पक्ष के शुक्रवार की सुबह है। इस रत्न को दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहना जाता है।
✯ ओपल स्टोन या किसी अन्य रत्न को पहनने से पहले आपको अधिकतम लाभ के लिए अपने रत्न को शुद्ध और ऊर्जावान बनाना होगा इसलिए अपने रत्न को शुद्ध करने के लिए एक धातु का कटोरा लें और उसमें अपना रत्न रखें और एक-एक करके निम्न चरण का पालन करे
✯ एक कटोरे में अपने रत्न को रखकर रत्न पर गंगा जल, तुलसी के पत्ते, देशी गाय का कच्चा दूध, थोड़ा शहद और अंत में घी डालें फिर "ओम शुं शुक्राय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करना शुरू करें। जब आप आखिरी बार इस मंत्र का जाप करने के पश्चात आप ओपल रत्न निकालें और गंगा जल से धोकर शुद्ध कपड़े से इसे साफ़ करने के बाद ओपल रत्न को पहन लें।
✷✷नोट - पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ध्यान रखने योग्य बात यह है कि मोती, पुखराज और माणिक्य जैसे रत्नों के साथ ओपल रत्न को नहीं पहनना चाहिए।
✷✷ओपल को कभी सगाई की अंगूठी के रूप में भी धारण नहीं करना चाहिए।
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