गृह की नींव
प्रिय पाठकों,
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज गृह की नींव और उससे संबंधित वास्तु टिप्स के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार किसी घर की सबसे अहम चीज होती है उस घर की नींव। नींव न केवल घर की मजबूती के लिए बल्कि घर की सुख-शांति और विकास के लिए भी जरूरी होती है। ज्योतिष में घर में खुशियों की शुरुआत नींव से मानी जाती है। ज्योतिष विज्ञान भी कहता है यदि घर कि नींव बेहतर होगी तो घर में अपने आप खुशियों का वास होगा। इसलिए घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए नींव से ही शुरुआत करनी चाहिए। नींव खुदवाने से पहले हमेशा भूमि पूजन करनी चाहिए। इसके बाद नींव की खुदाई से पहले दिशा और कोण का ध्यान देना जरूरी है।
भारतीय मुहूर्त शास्त्र में इसके लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें देखकर आप स्वयं भी यह पता लगा सकते हैं किघर की नींव किस दिशा में खोदना प्रारंभ करना चाहिए। सबसे पहली बात तो यह किनींव हमेशा कोणों में ही खोदी जाती है, दिशाओं में नहीं यानि घर की नींव ईशान, आग्नेय, नैऋत्य या वायव्य कोण में ही खोदी जाती है, पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, उत्तर दिशा में नहीं।
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार गृह निर्माण का कार्य प्रारंभ करने से पूर्व सूर्य के गोचर के अनुसार यह तय करना चाहिए कि घर की किस दिशा में नींव खोदना चाहिए।
गृह निर्माण प्रारंभ करने वाले दिन सूर्य सिंह, कन्या या तुला राशि में हो तो आग्नेय कोण (साऊथ- ईस्ट क्षेत्र) में नींव खोदना चाहिए।
गृह निर्माण प्रारंभ करने वाले दिन सूर्य वृश्चिक,धनु या मकर राशि में हो तो ईशान कोण (नार्थ ईस्ट जोन) में नींव खोदना चाहिए।
गृह निर्माण प्रारंभ करने वाले दिन सूर्य कुंभ, मीन या मेष राशि में हो तो वायव्य कोण (नार्थ वेस्ट जोन) में नींव खोदना चाहिए।
गृह निर्माण प्रारंभ करने वाले दिन सूर्य वृषभ,मिथुन या कर्क राशि में हो तो नैऋत्य कोण (साऊथ-वेस्ट जोन) में नींव खोदना चाहिए।
नींव की भराई जब भी कराएं वह नींव की खुदाई के विपरीत होना चाहिए। यानी सबसे पहले जहां नींव खोदी गई वहां से भराई न करें बल्कि सबसे अंत वाले से भराई शुरू करनी चाहिए।
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