गुरु पुष्य योग और इसके उपाय
प्रिय पाठकों,
25 फरववरी 2021,बुधवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज गुरु पुष्य योग और इसके उपायों के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भारतीय ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ब्रह्माण्ड में कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इनमें पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ और मांगलिक माना गया है और पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। यह नक्षत्र इतना शुभ है कि जिस दिन यह नक्षत्र पड़ रहा हो उस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। जब पुष्य नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है तब इसे गुरुपुष्य योग के नाम से जाना जाता है। 25 फरवरी 2021 गुरुवार को गुरु पुष्य योग बन रहा है जो कि इस साल का दूसरा गुरु पुष्य योग है। इस नक्षत्र के अधिष्ठाता देवताओं के गुरु बृहस्पति देव हैं। इस दिन पूजा पाठ के अलावा खरीददारी करना भी बेहद शुभ माना जाता है। गुरुवार और पुष्य नक्षत्र से बनने वाले यह संयोग कई शुभ योग भी अपने साथ लेकर आ रहा है। इस दिन चंद्रमा अपनी ही राशि कर्क में रहने वाले हैं। साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि नामक योग भी बन रहे हैं जिससे इस दिन का महत्व कई गुणा और बढ़ जाता है। इस दिन रवि योग के साथ अमृत योग भी रहेगा। एक दिन में इन सभी दुर्लभ योगों का एक साथ आना आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।गुरुवार को दिन भगवान विष्णु के साथ बृहस्पति देव की भी पूजा की जाती है जिन्हें सुख, वैभव और धन प्रदान करने वाला माना जाता है और इस नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं। इसलिए गुरुपुष्य योग पर शनिदेव और बृहस्पति देव दोनों का प्रभाव रहता है और दोनों के बीच समभाव भी रहता है। शुभ योग के बीच दोनों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह सबसे अच्छा दिन रहेगा। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए और उनके उपाय से अपनी सभी समस्याओं को खत्म करने के लिए खास माना गया है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ज्योतिषशास्त्र में यह बेहद दुर्लभ और श्रेष्ठतम योगों में से एक माना गया है। इस दिन नई वस्तु, जमीन-मकान की खरीददारी, वाहन, स्वर्ण आभूषण आदि खरीदने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन अगर नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी कार्य आसानी से पूरे हो जाते हैं। इस योग में किया गया धन का निवेश या फिर नया काम धंधा हमेशा फायदा देता है। हालांकि इस योग में विवाह संस्कार जैसे कार्य नहीं किए जाते क्योंकि इस योग ब्रह्माजी का शाप भी मिला हुआ है।
गुरुपुष्य योग के मुहूर्त निम्नलिखित है-
❃गुरु पुष्य योग – सुबह 06 बजकर 50 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 01 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
❁सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग – सुबह 06 बजकर 50 मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 01 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
❁रवि योग – दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से प्रारंभ होगा और अगली सुबह 06 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
❁अमृत काल – सुबह 06 बजकर 53 मिनट से प्रारंभ होगा और 08 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार गुरु पुष्य योग के दिन निम्नलिखित उपाय कर धन धान्य ऐश्वर्य यश, और कीर्ति को प्राप्त किया जा सकता है -
❁गुरु पुष्य योग के दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए और धन संबंधित समस्या को खत्म करने के लिए लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। पूजा में ‘ओम श्रीं ह्रीं दारिद्रय विनाशिन्ये धनधान्य समृद्धि देहि देहि नम:’ मंत्र का कमलगट्टे की माला के साथ 108 बार जप करें। इस शुभ योग में इस लक्ष्मी मंत्र जप करने से धन प्राप्ति का योग बनने लगते हैं।
❁गुरु पुष्य योग के दिन घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
❁इस शुभ योग में दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें और इस शंख से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पानी एवं दुध मिलाकर अभिषेक एवं पूजा करे तथा लक्ष्मीनारायण स्तोत्र का पाठ करने से आर्थिक स्थिति में प्रगति होती है।
❁गुरु पुष्य योग वाले दिन धन-धान्य में वृद्धि के लिए अपने घर के पुजाघर में श्रीयंत्र की स्थापना कर लक्ष्मी स्त्रोत और कनकधारा स्तोत्र का भी पाठ करना चाहिए। यह पाठ कल्याणकारी माना गया है। इन स्तोत्र के मात्र पढ़ने और सुनने से धन-धान्य की कमी नहीं होती और आपके आसपास एक सकारात्मक ऊर्जा का चक्र बन जाता है। नियमित इनका पाठ करने से वैभव व ऐशवर्य की प्राप्ति होती है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेमभाव बन रहता है। इनका पाठ करने से शत्रुओं से भी मुक्ति मिलती है।इससे ना केवल शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है बल्कि माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है और ऐशवर्य में भी वृद्धि होती है।
❁माँ लक्ष्मी श्री सूक्त के पाठ से भी अति प्रसन्न होती है। जो जातक पुष्य नक्षत्र के दिन श्री सूक्त एवं श्री महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करते है करते है माँ लक्ष्मी की उस घर परिवार पर पीढ़ियों तक कृपा बनी रहती है और वह जातक इस जन्म में तो ऐश्वर्य का भोग करता ही है इस पुण्य के कारण अगले कई जन्मो तक भी उस धन की कोई भी कमी नहीं रहती है।
❁कार्यस्थल जैसे दुकान या व्यापार क्षेत्र में पारद लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करने से धन व ऐशवर्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से कारोबार में तेजी आती है और आर्थिक संकट दूर होता है। नौकरी प्राप्त करने के लिए या फिर नौकरी में तरक्की के लिए गुरु पुष्य योग में पारद लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।
❁गुरु पुष्य योग के दिन व्यापारिक क्षेत्र या दुकान में एकाक्षी नारियल की स्थापना कर उसकी पूजा कर सकते हैं। एकाक्षी नारियल को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। इस नारियल की विधि पूर्वक पूजा करने के बाद धन के स्थान पर रखने से घर या व्यापार में कभी पैसे की कमी नहीं रहती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
❁गुरु पुष्य योग के दिन आप मां लक्ष्मी के चमत्कारिक कनकधारा स्तोत्र और लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं। कनकधारा स्तोत्र के रचियता आदि शंकराचार्य हैं। उन्होंने इस स्तोत्र का पाठ करने से धन की वर्षा करवा दी थी। नियमित इस दोनों का पाठ करने से वैभव व ऐशवर्य की प्राप्ति होती है और शत्रुओं से भी मुक्ति मिलती है।
❁गुरु पुष्य योग के दिन सियार सिंगी, हत्थाजोडी और बिल्ली की जर आदि को मां लक्ष्मी का रुप मानकर विधीवत पुजन अर्चन करना चाहिए।
❁गुरु पुष्य योग के दिन पांच गोमती चक्र, पांच धनकोड़ी, पांच साबूत हल्दी गांठ, पांच साबूत नमक की डली, थोड़ा हरे मुंग, थोड़े साबूत धनियां एक लाल कपड़े में लेकर उसकी पोटली तैयार कर मां लक्ष्मी की मूर्ति के समक्ष रखकर विधीवत पुजन कर उस पोटली को तिजोरी या गल्ले में रखे। जिससे अक्ष्क्षुण लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
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