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Sunday, 14 February 2021

बसंत पंचमी और उसके उपाय

बसंत पंचमी और उसके उपाय
प्रिय पाठकों, 
14 फरववरी 2021,रविवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज बसंत पंचमी और उसके उपायों के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिंदू धर्म में बसंत पंचमी पर्व का विशेष महत्व है। बसंत पंचमी के दिन को ज्ञान की देवी माता सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रुप में माना जाता है और माँ सरस्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना कर उनसे विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मांगा जाता है।
इस साल बसंत पंचमी 16 फरवरी दिन मंगलवार को रेवती नक्षत्र में मनाई जाएगी। बसंत पंचमी को शुभ कार्य, शादी-विवाह और सभी मांगलिक कार्यो के स्वयं सिद्ध या अबुझ महुर्त माना जाता है। इस बार बसंत पंचमी रेवती नक्षत्र में मनाई जा रही है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार पंचांग की कालगणना के आधार पर 16 फरवरी 2021 को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी जो कि अगले दिन यानी 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पंचमी तिथि 16 फरवरी को पूरे दिन रहेगी। इस दिन 11.30 से 12.30 के बीच माँ सरस्वती के पुजन का अच्छा मुहूर्त है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बसंत पंचमी पूजा विधि निम्नलिखित हैं- 
❃ इस दिन लोगों को सुबह सवेरे स्नान करके पीले वस्त्र पहनकर माँ सरस्वती की अराधना करना भी उत्तम रहता है। अतः सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्यो से निवृत्ति के पश्चात स्नान करके पीले वस्त्र धारण करे और माँ सरस्वती की पुजा के लिए माँ सरस्वती की मूर्ति का पंचामृत(दूध,दही,घी,शक्कर,शहद आदि) से अभिषेक करे। 
❃ इसके पश्चात माँ सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन,अक्षत पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। 
❃ इन के बाद माँ सरस्वती की पूजा के पश्चात वाद्य यंत्र और किताबों की पुजा भी करें। 
❃ माँ सरस्वती की वंदना अथवा पाठ करें। 
 इस दिन विद्यार्थीयों को माँ सरस्वती के लिए व्रत भी रखना चाहिए।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बंसत पंचमी के निम्नलिखित उपायों का उपयोग कर जीवन में आने वाले कष्ट और अज्ञान रूपी अंधकार को दूर किया जा सकता है-
❁ अगर किसी विद्यार्थी का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो उन्हें बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती के "ओम् ऐं ह्रीं क्लीं महा सरस्वत्यै नम:”अथवा "ओम् सरस्वत्यै नम:" मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य ही करना चाहिए।
इससे बुद्दि का विकास होता है, ज्ञान, यश की प्राप्ति होती है। 
❁ यदि कोई व्यक्ति संगीत के क्षेत्र में सफल होना चाहता है तो उसे माँ सरस्वती का ध्यान करके ‘ह्रीं वाग्देव्यै ह्रीं ह्रीं’ मंत्र का जाप करना चाहिए और बसंत पंचमी के दिन कटु वाणी से मुक्ति हेतु एवं वाणी में मधुरता लाने के लिए देवी सरस्वती पर चढ़ी शहद को नित्य प्रात: सबसे पहले थोड़ा से अवश्य चखना चाहिए साथ ही उसे प्रसाद के रूप में वितरित करें। 
❁बसंत पंचमी के दिन किसी भी असाध्य कार्य पूरा करने हेतु देवी सरस्वती पर मोर पंख चढ़ा कर उस मोरपंख को तिजोरी में छुपाकर रखना चाहिए।
बंसत पंचमी के दिन से नित्य प्रातः विद्यार्थियों को अपने मस्तक पर केसर अथवा पीले चंदन का त‌िलक करना चाहिए इससे ज्ञान और धन में वृद्धि होती है।
❁ बसंत पंचमी में आप अपने व्यापारिक साझेदार या पार्टनर को कलम,फूलों का गुलदस्ता,खूबसूरत फोटो फ्रेम जिसमें आप दोनों का हँसता-मुस्कुराता फोटो लगा हो उपहार में देना चाहिए जिससे आप दोनों की साझेदारी और भी प्रगाढ़ होगी। 
❁ अगर किसी भी न्यायिक मामलों, पति-पत्नी संबंधी विवादों या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से झुंड रहा है तो उसके समाधान हेतु दुर्गा सप्तशती में वर्णित ‘अर्गला स्तोत्र’ और ‘कीलक स्तोत्र’ का पाठ करना चाहिए और किसी भी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को श्वेत वस्त्र का दान करने से लाभ होगा।
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
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नक्षत्र ज्योतिष हब
📧panditanjanikumardadhich@gmail.com
फोन नंबर - 9414863294

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