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Tuesday, 23 February 2021

बुध प्रदोष व्रत के बारे में

बुध प्रदोष व्रत के बारे में

प्रिय पाठकों, 
23 फरववरी 2021,मंगलवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज बुध प्रदोष व्रत के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए किया जाने वाला व्रत है। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष का यह व्रत हर माह के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख, शांति और खुशहाली हमेशा बनी रहती हैं।  इस बार प्रदोष के व्रत तारीख 24 फरवरी बुधवार को रखा जाएगा। माना जाता है कि बुधवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत व्यक्ति को बुध ग्रह की शुभता प्रदान करता है।
किसी भी बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष कहते हैं। वैसे प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। पर यह दोष व्रत बुधवार के दिन आए तो बुध-प्रदोष का शुभ संयोग बन जाता है।
बुध प्रदोष व्रत विशेषकर अपनी संतानों की खुशहाली, सर्वत्र रक्षा और उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है।  बुधवार भगवान श्रीगणेशजी का भी दिन है। इसलिए इस दिन जो व्यक्ति व्रत रखकर शिव-गणेश की पूजा करता है। उसकी संतानें हमेशा खुशहाल रहती हैं। भगवान शिव उनकी रक्षा करते हैं और श्रीगणेश उन्हें अच्छी बुद्धि प्रदान करते हैं। जिन लोगों की संतानें गलत रास्ते पर चल पड़ी हैं या जिनकी संतानों को कोई गंभीर रोग है तो उन्हें बुध प्रदोष व्रत करके शिव-गणेश की पूजा अवश्य करना चाहिए।बुध प्रदोष का व्रत करके जीवन में धन की वृद्धि की जा सकती है और सभी रोग, शोक, कलह, क्लेश हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। बुध प्रदोष व्रत करके भगवान गणेश की विशेष कृपा से हर कार्य का विघ्न भी दूर होता है। 
किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व शुरू होकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बुध प्रदोष व्रत के लाभ निम्नलिखित हैं-
❁बुध प्रदोष व्रत खासतौर पर संतान की कुशाग्र बुद्धि और उनकी रक्षा के लिए किया जाता है।
❁जो बच्चे मंदबुद्धि हैं या जिनका मन पढ़ाई में नहीं लगताहै या जो बच्चे अच्छे अंक नहीं ला पाते है तो उनके माता-पिता दोनों को यह व्रत करना चाहिए।
❁जिन दंपती के बच्चे गलत संगत में पड़ गए हैं और उनका कहना नहीं मानते हैं। नशे के आदी हो गए हैं तो उन्हें भी बुध-प्रदोष व्रत करना चाहिए।
❁जिन दंपती के बच्चों को कोई गंभीर रोग है या बार-बार बीमार पड़ते हैं उन्हें बुध प्रदोष जरूर करना चाहिए।
❁बच्चों की जन्मकुंडली के लग्न स्थान में यदि पापी ग्रह बैठे हों तो वे अक्सर बीमार रहते हैं तो ऐसे बच्चों के माता-पिता को यह व्रत करना चाहिए।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार बुध प्रदोष के दिन घर के कष्टों को दूर करने का निम्नलिखित उपाय करे-
शाम के समय प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल में कच्चा दूध मिलाकर अभिषेक करें और तिल के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं और ओम् नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके अलावा बुध प्रदोष के दिन ही घर में लाल रंग के भगवान गणेश की पूर्व दिशा में स्थापना कर बुध प्रदोष के दिन से लेकर लगातार 27 दिनों तक उन्हें रोजाना लाल गुड़हल के 11 फूल और हरी दूर्वा की पत्तियां अर्पित कर "ओम् वकतुण्डाय हुम्" मंत्र की एक माला का जाप लाल चंदन की माला से करें और इस दौरान रोज प्रभु से घर के संकट दूर करने के लिए प्रार्थना करें। जाप पूर्ण होने के बाद जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाएं। 
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
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📧panditanjanikumardadhich@gmail.com
फोन नंबर - 9414863294

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