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Friday, 19 June 2020

राशि ज्ञान

बेसिक ज्योतिष: राशियों का ज्ञान

प्रिय पाठकों, 
10 जनवरी 2021,रविवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज ज्योतिषीय राशियों के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ज्योतिष में राशियों की महता सर्व विदित है। राशियों के ज्ञान के बिना ज्योतिष का ज्ञान अधूरा है। राशियों को भलीभाँति समझकर ही ज्योतिष को सम्पूर्णता में जाना जा सकता है। अब इस राशियों से सम्बंधित ज्ञान को सरलता से जान लेना चाहिए। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार साठ विकला की एक कला, साठ कला का एक अंश, तीस अंशों की एक राशि बनती है। ये राशियाँ बारह होती है जो एक भचक्र का निर्माण करती है। बारह राशियों के नाम निम्नलिखित हैं (1) मेष (2) वृष (3)मिथुन (4)कर्क (5)सिंह (6)कन्या (7)तुला (8)वृश्चिक (9)धनु (10)मकर (11)कुम्भ और (12)मीन। 

पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सताइस नक्षत्रों में प्रत्येक के चार चरण होतें हैं जिनका योग एक सो आठ चरण होता है। इनसे ही बारह राशियाँ बनती है अर्थात नौ चरण की एक राशि होती है। इसी प्रकार सवा दो नक्षत्र की एक-एक राशि बनती है जिनकी अश्विनी नक्षत्र से गणना प्रारंभ करके देखते हैं। 
राशि  - नक्षत्र चरण 
मेष  - अश्विनी 4चरण, भरणी4चरण,                                     कृतिका का 1चरण। 
वृष -कृतिका 3 चरण, रोहिणी4 चरण,                                मृगशिरा 2चरण। 
मिथुन - मृगशिरा 2 चरण, आद्रा 4 चरण,                                 पुनर्वसु 3 चरण। 
कर्क- पुनर्वसु 1 चरण, पुष्य 4 चरण,                                       अश्लेखा 4चरण। 
सिंह -मघा 4 चरण, पूर्वा फाल्गुनी4                                      चरण, उत्तरा फाल्गुनी 1 चरण।
कन्या- उ. फा.3 चरण, हस्त4चरण,                                        चित्रा 2 चरण। 
तुला-चित्रा 2 चरण, स्वाति 4 चरण,                                        विशाखा 3 चरण।
वृश्चिक - विशाखा 1चरण,अनुराधा 4 चरण, ज्येष्ठा 4                     चरण। 
धनु - मूल 4 चरण, पुर्वाषाढा 4 चरण, उतराषाढा 1                 चरण। 
मकर - उत्तराषाढा 3चरण, श्रवण 4चरण, धनिष्ठा 2                                                                      चरण। 
कुम्भ - धनिष्ठा 2 चरण, शतभिषा 4 चरण, पूर्व भाद्रपद                                                               3 चरण। 
मीन - पू.भा 1चरण, उत्तर भाद्रपद 4 चरण, रेवती 4                                                                   चरण। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ज्योतिष के पूरोधा विद्वानों ने प्रत्येक नक्षत्र के चरण अनुसार अक्षरो की परिकल्पना कर एक शतपद चक्र का निर्माण किया और प्रत्येक अक्षर के साथ पांच स्वरो(अ,इ,उ, ए, ओ) के योग से नक्षत्र चरणों में अक्षरों का न्यास किया गया। 
शतपद चक्र को ही "अबकहडा़ चक्र" कहते हैं। 
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Nakshatra jyotish Hub
नक्षत्र ज्योतिष हब
📧panditanjanikumardadhich@gmail.com

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