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Friday, 29 July 2022

वक्री बृहस्पति का विश्व और भारत पर प्रभाव

वक्री गुरु(देव गुरु बृहस्पति) का देश दुनिया पर पड़ने वाला प्रभाव
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार देवगुरु बृहस्पति के वक्री होने का यह समय देश दुनिया के लिए चुनौती पूर्ण रहेगा। विश्व के नेताओं की बुद्धि विपरीत होगी। जनता में आक्रोश बढ़ेगा। महंगाई पहले कि अपेक्षा बढ़ेगी।10 सितंबर से 2 अक्टूबर तक शनि, गुरु के साथ बुध ग्रह भी वक्री रहेगा।और शुक्र भी साथ होकर निचभंग राजयोग का निर्माण करेगा। कुछ देशों में सत्ता परिवर्तन होगा।जिन देशों में युद्ध चल रहा है वहां और परेशानी बढ़ेगी। कुछ दुसरे देशों के बीच भी युद्ध के आसार बनेंगे।
✿ भारत की कुंडली में देव गुरु बृहस्पति का वक्री प्रभाव
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार 
भारत देश की कुंडली वृष लग्न की है अतः देव गुरु बृहस्पति लाभ भाव में वक्री हो रहे है जो कि अष्टमेश भी है जिसके निम्नलिखित प्रभाव है-  
☞कुछ पुरानी चीजो की तरफ देश का ध्यान आकर्षित होगा। 
☞लाभ में पहले की अपेक्षा कमी आएगी। 
नए कार्य की प्रगति देश के लिए धीमी हो जाएगी और पुराने मामले बाहर आना शुरू हो जाएंगे। 
☞ गुरु बली अवस्था में शनि के नक्षत्र में है जिसकी वजह से पुराने मामलो मे तेज़ी आएगी और न्याय भी होता दिख रहा है।
☞ पूरे विश्व में हलचल रहेगी। 
☞ धर्म का विरोध बढ़ेगा। 
☞ धर्म और सांप्रदायिक घटनाएं बढ़ेगी। आतंकवादी घटनाएं होगी लेकिन सरकार और सेना भी इसका पूरी तरह सामना करेगी।यह गोचर फायदा और नुकसान दोनों लेकर आएगा। लेकिन गुरु शुभ ग्रह है तो इनकी शुभता भी देखने को मिलेगी।
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Nakshatra jyotish Hub
नक्षत्र ज्योतिष हब
Panditanjanikumardadhich@gmail.com
Phone No-6377054504,9414863294

वक्री गुरु (बृहस्पति)ग्रह के प्रभाव और उपाय

वक्री गुरु (बृहस्पति)ग्रह के प्रभाव और उपाय 
प्रिय पाठकों, 
29 जूलाई 2022, शुक्रवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज वक्री गुरु (बृहस्पति)ग्रह के प्रभाव और उपाय के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
भारतीय वैदिक ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति ग्रह को देव गुरु के नाम से जाना जाता है जो सुख-समृद्धि और सौभाग्य का ग्रह माना जाता है। गुरु(बृहस्पति) को अपना चक्र पूरा करने में लगभग 13 महीने का समय लगता है। शनि ग्रह के बाद में बृहस्पति ऐसा दूसरा ग्रह है जिसकी गोचर की अवधि सबसे लंबी होती है और गुरु साल में कम से कम एक बार को वक्री जरूर होते हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वर्तमान समय में गुरु ग्रह अपनी स्वराशि मीन में ही स्थित हैं और इसी राशि में 29 जुलाई 2022 शुक्रवार के दिन दोपहर 01:33 बजे को वक्री होने वाले हैं। और 24 नवंबर 2022 दिन गुरुवार को 04:36 बजे इसी राशि में मार्गी हो जाएगा।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार गुरु की इस वक्री चाल से कुछ राशियों पर शुभ और कुछ राशियों पर अशुभ प्रभाव पड़ने वाला है।
वक्री गुरु या बृहस्पति के प्रभाव 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार लोग ग्रहों का वक्री होने का नाम सुनते ही भयभीत हो जाते हैं कि अब उनके साथ जीवन में कुछ ना कुछ बुरा ही होता रहेगा लेकिन यह बात पूरी तरह से सत्य नहीं होती है। वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि जन्म कुंडली में कोई ग्रह अच्छी या मजबूत स्थिति में बैठा है और वह वक्री हो रहा है तो ऐसे जातकों को लाभ मिलता है। 
वहीं इसके विपरीत यदि कुंडली में कोई भी शुभ ग्रह अन्य पापी ग्रहों के साथ मौजूद हो और उसके बाद वक्री हो तो उससे व्यक्ति को बुरे प्रभाव मिलने लगते हैं।
वक्री गुरु की तो जिन जातकों की कुंडली में वक्री गुरु मौजूद होता है और गुरु पहले से मजबूत अवस्था में होता है ऐसे जातक दूरदर्शी होते हैं, और लोगों को एक साथ लेकर चलने वाले होते हैं। इन्हें भविष्य के बारे में पहले से ही आभास हो जाता है और उन्हें पता होता है कि कौन सा व्यक्ति इन्हें लाभ देगा और कौन इन्हें धोखा दे सकता है।हालांकि जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ अवस्था में या पापी ग्रहों से पीड़ित बैठा हो और फिर वक्री हो रहा हो ऐसे व्यक्तियों को नकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं। उन व्यक्तियों को नकारत्मक परिणाम बचने के कुछ उपाय करने चाहिए जो निम्नलिखित है-
✷ रोजाना पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें। 
✷ घर में पीले रंग के फूलों वाले पौधा लगाएं। 
✷विष्णु भगवान की पूजा करें और ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को दान करें। 
✷अगर मुमकिन हो सके तो गुरुवार का व्रत अवश्य करें। 
✷गुरुवार के दिन पूजा में भगवान विष्णु को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएं। 
✷भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हे हल्दी और पीले चंदन और केसर का तिलक लगाएं।
✷ इसके अलावा बृहस्पति से संबंधित वस्तुओं का दान भी वक्री गुरु के अशुभ प्रभाव को दूर करने में सहायक साबित होता है।
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
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Thursday, 28 July 2022

हरियाली अमावस्या के उपाय

हरियाली अमावस्या एवं उसके उपायप्रिय पाठकों, 
28 जूलाई 2022, गुरुवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज हरियाली अमावस्या एवं उसके उपाय के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिन्दू संवत्सर वर्ष के श्रावण मास में आने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है  भारतीय पंचांग के अनुसार इस बार 28 जुलाई 2022 गुरुवार को हरियाली अमावस्या का पर्व है। आज दिन निम्नलिखित उपायों को करने से इच्छित लाभ मिलता है-
✷ ग्रह दोष शांति करने के लिए - हरियाली अमावस्या के दिन सुबह या शाम को पीपल की पुजा कुमकुम, चावल मौली आदि से करने के बाद पीपल की जड़ में दूध और जल अर्पित करें। इसके बाद मालपुआ के साथ पांच अलग-अलग तरह की मिठाई भी रखे और फिर धूप-दीप से आरती करके परिक्रमा करें और पीपल के वृक्षारोपण करने से ग्रह दोष शांत होते हैं और साथ ही ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है और भाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन तुलसी, वट, अशोक आदि के पौधे जरूर लगाना चाहिए।
✷ कालसर्प दोष को दूर करने के लिए उपाय - पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन कालसर्प दोष को दूर करने के लिए सुबह स्नान व ध्यान करने के बाद भगवान शिव की पूजा और उनका पंचामृत से अभिषेक करने के बाद चांदी के बने हुए नाग-नागिन की पूजा करें और फिर उनको (चांदी के बने हुए नाग-नागिन को)सफेद फूलों के साथ बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से कालसर्प दोष दूर होता है और शिवजी का आशीर्वाद मिलता है।
✷ पितृ शांति के लिए उपाय- हरियाली अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए नहाने के जल में पवित्र नदियों का जल मिलाकर स्नान करें और फिर पितृ शांति यज्ञ और तर्पण विधिवत रुप से करने के बाद पितृ सूक्त पाठ, गरुड़ पुराण, पितृ गायत्री पाठ, पितृ देव चालीसा आदि का पाठ करें इसके बाद गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं और दान दक्षिणा दें। ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती है तथा पितृदोष की शांति भी होती है।
✷ धन धान्य सुख समृद्धि के लिए- हरियाली अमावस्या के दिन शाम को माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए घर के ईशान कोण में लाल रंग के धागे से बनी हुई बत्ती का प्रयोग करते हुए गाय के घी का दीपक जलाएं  साथ ही यह ध्यान रखे कि बत्ती रूई की न हो। दीपक में थोड़ी सी केसर भी जरूर डाले इसके बाद कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने के बाद उस दीपक को रात के समय में पांच लाल फूलों के साथ बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन लाभ के योग बनते हैं। 
✷ सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए - हरियाली अमावस्या की रात में पूजा घर की थाली में ओम् बनाकर उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें और फिर विधिपूर्वक यंत्र की पूजा-अर्चना करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है और साथ ही इस दिन चीटियों को सूखे आटे में चीनी मिलाकर खिलाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और भाग्य में वृद्धि होती है।
✷ बेरोजगार युवाओं के लिए- हरियाली अमावस्या को 1 साफ नींबू को घर के मंदिर में रख दें और फिर रात में अपने ऊपर से सात बार वार लें और फिर 4 बराबर भाग में काटकर चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में फेंक दें। ऐसा करने से आपको तरक्की के कई अवसर प्राप्त होंगे और मेहनत का भी पूरा फल मिलेगा।
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