पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिंदू धर्म में नवरात्रि के इस त्योहार का बेहद ही खास महत्व होता है।शारदीय नवरात्रि का पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि (नौ दिन) तक मनाया जाता है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री) की पूजा की जाती है।इस वर्ष नवरात्रि का त्योहार 7 अक्टूबर 2021 से शुरू होगा और नवरात्रि पर्व का समापन 15 अक्टूबर 2021 को होगा। इस बार माता जगदम्बा (दुर्गा)डोली में सवार होकर आएगी। जिसका प्रभाव यह होगा कि इस दौरान भारत के पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध स्थापित होंगे और प्राकृतिक आपदा की आशंका कम होगी।
देवी भगवद पुराण के अनुसार यदि नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार के दिन से शुरू होती है तो माँ दुर्गा डोली में सवार होकर आती हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार कलश(घट)स्थापना महुर्त निम्नलिखित है
नवरात्र पर्व पर कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना का विशेष महत्व है। घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन कन्या राशि में चर्तुग्रही योग का शुभ संयोग बन रहा है। घट स्थापना मुहूर्त 7 अक्टूबर 2021 को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के बीच है। जो लोग इस शुभ योग में कलश स्थापना न कर पाएं, वे दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक लाभ का चौघड़िया में और 1 बजकर 42 मिनट से शाम 3 बजकर 9 मिनट तक अमृत के चौघड़िया में कलश-पूजन कर सकते हैं।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakshatra jyotish Hub
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