सूर्य जनित ग्रहण योग
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार जन्म कुंडली के किसी भी भाव में सूर्य के साथ राहु बैठे हों तो ग्रहण योग बनाते हैं। ग्रहण योग होने से जीवन की शुभता पर ग्रहण लग जाता है। ग्रहण योग से व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित होती है। इस योग के कारण जीवन में स्थिरता नहीं होती। उसे न चाहते हुए भी नौकरी और व्यवसाय में बार-बार बदलाव करते रहना पड़ता है।ग्रहण योग होने से सबसे अधिक प्रभावित जातक की आंखें होती हैं और पिता के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। पिता से प्राप्त होने वाले सुख एवं सहयोग में कमी आती है।पंडित अंजनी कुमार के अनुसार अगर सूर्य के ग्रहण योग हो तो व्यक्ति किसी विषय पर गंभीरता से विचार किये बिना कार्य बैठते हैं जिसका इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे लोग भी विषयों को अधिक समय तक याद नहीं रख पाते हैं। ऐसे लोग पैतृक स्थान से दूर जाकर कैरियर बनाते हैं।पंडित अंजनी कुमार के अनुसार यह ग्रहण योग दोष कुंडली में 2,6,8 या 12वें भाव में बन रहा हो तो पितृदोष भी बनाता है।ऐसे जातक को अपने जीवन के तमाम क्षेत्रों में अवरोध का सामना करना पड़ता है। मुसीबतों के पीछा न छोड़ने की वजह से जातक का अपने ऊपर से से भी आत्मविश्वास उठ जाता है।सूर्य जनित ग्रहण योग के उपाय निम्नलिखित हैं जिनको करने से ग्रहण योग के दोषों का निवारण या उन्हें कम किया जा सकता है -❁ सूर्य जनित ग्रहण योग की शांति के लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। प्रतिदिन भगवान सूर्य को "ओम् घृणि सूर्यायः नम:"मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दे साथ ही आदित्यहृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। इससे ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है।❁ कुंडली में यदि सूर्य ग्रहण या पितृदोष का प्रभाव हो तो जातक को गेहूं, गुड़ व तांबे का दान जरूर करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान ये चीजें दान जरूर करनी चाहिए।❁ जिसकी कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष हो उसे गुड़ खाने से परहेज करना चाहिए।❁ पितृदोष और ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए बहते जल में छह नारियल अपने सिर पर से वार कर बहा दें।❁ ऐसे जातकों को अपनी मां की सेवा करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही मां के हाथ से दूध और चावल लेकर उसे दान करें।❁ जिनपर सूर्य ग्रहण हो अथवा पितृदोष हो उसे कभी भी किसी से मुफ्त में कोई चीज नहीं लेनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति को खुद नेत्रहीन लोगों की मदद करनी चाहिए।❁ ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए बहते हुए जल में जौ को दूध या गौ मूत्र से धोकर बहा दें।❁जिन जातकों पर ऐसा दोष हो उसे प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए साथ ही उसे हमेशा सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।❁पीपल का पेड़ लगाएं अथवा पीपल के पेड़ की सेवा करें। पानी दें और उसकी देखरेख करें।❁जब भी सूर्य ग्रहण लगे उस समय तिल, नींबू, पका केला बहते पानी में बहा दें।❁परिवार के सभी सदस्यों के हाथ से सिक्के लें और उसे एकत्र कर किसी भी मंदिर में दान कर आएं। इससे परिवार पर आपके ग्रहण के प्रभाव का असर नहीं होगा। ❁ एकादशी और रविवार का व्रत रखें और नमक का सेवन न करें।लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhichपंडित अंजनी कुमार दाधीचNakshatra jyotish Hubनक्षत्र ज्योतिष हब📧panditanjanikumardadhich@gmail.comफोन नंबर - 9414863294
सूर्य जनित ग्रहण योग
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार जन्म कुंडली के किसी भी भाव में सूर्य के साथ राहु बैठे हों तो ग्रहण योग बनाते हैं। ग्रहण योग होने से जीवन की शुभता पर ग्रहण लग जाता है। ग्रहण योग से व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित होती है। इस योग के कारण जीवन में स्थिरता नहीं होती। उसे न चाहते हुए भी नौकरी और व्यवसाय में बार-बार बदलाव करते रहना पड़ता है।ग्रहण योग होने से सबसे अधिक प्रभावित जातक की आंखें होती हैं और पिता के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। पिता से प्राप्त होने वाले सुख एवं सहयोग में कमी आती है।पंडित अंजनी कुमार के अनुसार अगर सूर्य के ग्रहण योग हो तो व्यक्ति किसी विषय पर गंभीरता से विचार किये बिना कार्य बैठते हैं जिसका इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे लोग भी विषयों को अधिक समय तक याद नहीं रख पाते हैं। ऐसे लोग पैतृक स्थान से दूर जाकर कैरियर बनाते हैं।
पंडित अंजनी कुमार के अनुसार यह ग्रहण योग दोष कुंडली में 2,6,8 या 12वें भाव में बन रहा हो तो पितृदोष भी बनाता है।ऐसे जातक को अपने जीवन के तमाम क्षेत्रों में अवरोध का सामना करना पड़ता है। मुसीबतों के पीछा न छोड़ने की वजह से जातक का अपने ऊपर से से भी आत्मविश्वास उठ जाता है।
सूर्य जनित ग्रहण योग के उपाय निम्नलिखित हैं जिनको करने से ग्रहण योग के दोषों का निवारण या उन्हें कम किया जा सकता है -
❁ सूर्य जनित ग्रहण योग की शांति के लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। प्रतिदिन भगवान सूर्य को "ओम् घृणि सूर्यायः नम:"मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दे साथ ही आदित्यहृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। इससे ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है।
❁ कुंडली में यदि सूर्य ग्रहण या पितृदोष का प्रभाव हो तो जातक को गेहूं, गुड़ व तांबे का दान जरूर करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान ये चीजें दान जरूर करनी चाहिए।
❁ जिसकी कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष हो उसे गुड़ खाने से परहेज करना चाहिए।
❁ पितृदोष और ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए बहते जल में छह नारियल अपने सिर पर से वार कर बहा दें।
❁ ऐसे जातकों को अपनी मां की सेवा करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही मां के हाथ से दूध और चावल लेकर उसे दान करें।
❁ जिनपर सूर्य ग्रहण हो अथवा पितृदोष हो उसे कभी भी किसी से मुफ्त में कोई चीज नहीं लेनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति को खुद नेत्रहीन लोगों की मदद करनी चाहिए।
❁ ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए बहते हुए जल में जौ को दूध या गौ मूत्र से धोकर बहा दें।
❁जिन जातकों पर ऐसा दोष हो उसे प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए साथ ही उसे हमेशा सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
❁पीपल का पेड़ लगाएं अथवा पीपल के पेड़ की सेवा करें। पानी दें और उसकी देखरेख करें।
❁जब भी सूर्य ग्रहण लगे उस समय तिल, नींबू, पका केला बहते पानी में बहा दें।
❁परिवार के सभी सदस्यों के हाथ से सिक्के लें और उसे एकत्र कर किसी भी मंदिर में दान कर आएं। इससे परिवार पर आपके ग्रहण के प्रभाव का असर नहीं होगा।
❁ एकादशी और रविवार का व्रत रखें और नमक का सेवन न करें।
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
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फोन नंबर - 9414863294
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