✧・゚: *✧・゚:*नवरात्रि मंत्र जाप ✧・゚: *✧・゚:*
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वैसे तो नवरात्रि के दिनों में नौ दिनों तक अपने कष्ट निवारण या मनोवांछित वर पाने के लिए दुर्गा सप्तशती,अर्गला स्त्रोत्र, किलक स्त्रोत्र, दुर्गा चालीसा, दुर्गा कवच आदि का पाठ कर सकते हैं या दुर्गा माता के नाम की माला का जाप कर सकते हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बेहद फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसका पाठ करने से माता अति प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से परिवार पर आए बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं। अगर आप नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते तो दुर्गा सप्तशती में मौजूद कुछ विशेष मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।नवरात्रि में करें मां दुर्गा के इन मंत्रों का जाप अवश्य करें जो निम्नलिखित हैं -
यदि मेहनत के बावजूद आपका भाग्य साथ नहीं देता है तो दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदलने के लिए आपको नौ दिनों तक माता के इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
❖ देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्,
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।
मां दुर्गा का ये चमत्कारिक मंत्र आपको हर विपत्ति से दूर रखता है और आपके आसपास एक रक्षाकवच बनाता है। मां शक्ति की आराधना के नौ दिनों तक इसका जाप करने से आपके सारे संकट दूर होते हैं और आपके बुरे दिन भी अच्छे में बदल जाते हैं -
❖ शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे,
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।
मां दुर्गा के इस मंत्र को अत्यंत शक्तिशाली माना गया है। इसका नियमित रूप से जाप करने से महामारी से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को हर तरह के संकट से बचाता है-
❖ ओम् जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।
परिवार को किसी भी तरह की अनहोनी से बचाने के लिए नौ दिनों तक मातारानी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
❖ देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य,
प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।
इन सभी मंत्रों के अलावा दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं -
❖ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
❖ ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
❖ या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
❖ माता दुर्गा के नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' का जाप भी अधिक से अधिक कर सकते हैं।
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakshatra jyotish Hub
📱9414863294
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