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Tuesday, 1 September 2020

भाग्यांक एवं उसका महत्व

🌻भाग्यांक एवं उसका महत्व🌻
 पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंक ज्योतिष में जितना महत्व मूलांक को दिया जाता है उतना ही महत्व भाग्यांक का है जिसे जीवन पथ संख्या भी कहते हैं। भाग्यांक वयक्ति के जीवन पथ को सही और गलत दिशा में मोड़ने में सक्षम है। भाग्यांक के द्वारा जीवन में अवसरों, चुनोतियों और सबक की एक विस्तृत रुपरेखा का अनुमान लगाया जा सकता हैं। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंक ज्योतिष द्वारा भविष्यफल जानने के लिए भाग्यांक को एक महत्वपूर्ण अंक माना जाता है। भाग्यांक जातक की जन्म तिथि, जन्म माह तथा जन्म वर्ष का योग(जोड़) होता है।
📖कैसे जानें अपना भाग्यांक 📖
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भाग्यांक जानने के लिए अपनी जन्मतिथि को अंको में लिखकर सभी अंको को जोड़ने पर एक इकाई अंक प्राप्त किया जा सकता है- जैसे यदि किसी व्यक्ति की जन्मतिथि 8 जनवरी 1999 (08-01-1999) है तो भाग्यांक निम्न पद्धति द्वारा निकाला जाएगा 8+1+1+9+9+9= 46=4+6=10=1+0=1 तो इसका मतलब हैैै कि उस व्यक्ति का भाग्यांक 1 है।
 🌹भाग्यांक 1 वाले की विशेषताएं🌹
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जिस व्यक्ति या जातक का भाग्यांक 1 होता है उसका स्वामी ग्रह सूर्य है। सूर्य को ज्योतिष में आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य जीवन शक्ति है। भाग्यांक 1 होने पर आपके जीवन पर सूर्य में पाये जाने वाले गुणो का संचार एवं प्रभाव पाया जाता है। ऐसा व्यक्ति परिश्रमी,आत्मनिर्भर, अहंकारी, जिद्दी, घंमडी महत्वाकांक्षी, उत्साही, कला-प्रेमी, अति आकर्षक व सुन्दर, कार्य कुशल तथा अग्रसोची होता है।शीघ्र निर्णय लेने में समर्थ होता हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप-अपने परिवार के कर्ता-धर्ता होंगे तथा सभी जिम्मेदारियां आपको ही निभानी पड़ेगी। आपको जीवन में कभी-कभी बहुत लाभ भी हो सकता है तथा अचानक हानि होने की भी सम्भावना रहती है। धन की बचत करने में आप सफल रहेंगे। आपको अनेक प्रकार से धन कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। भाग्यांक 1 वाले व्यक्तियों को एक बात अवश्य ध्यान रखनी चाहिए कि कोई भी कार्य प्रेम-पूर्वक करें। आदेशात्मक प्रवृत्ति से किया गया कार्य बिगड़ सकता है। यदि आप व्यवसाय करना चाहते है तो साझेदारी कदापि न करें अन्यथा बाद में पछताना पड़ सकता है। भाग्यांक 1 वाला व्यक्ति हर जगह मुखिया बनना पसंद करता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भाग्यांक 1 के प्रभावित जातकों के लिए भाग्यांक के प्रभाव से भाग्योदय उन्नीस वर्ष की अवस्था से प्रारंभ होकर अट्ठाइसवें वर्ष की अवस्था पर उच्चता मिलती है तथा सैंतीस वर्ष की अवस्था पर पूर्ण भाग्योदय होता है। 
🌼मूलांक और भाग्यांक 1 वाले व्यक्ति🌼
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जिन लोगों का मूलांक और भाग्यांक 1 हो तो व्यक्ति का मूलांक और भाग्यांक का मालिक सूर्य होगा जो राजा माना जाता है। इस सामंजस्य के कारण व्यक्ति सफल, स्वाभिमानी, अहंकारी,एवं जिद्दी बनाता है। पैसे कमाने के लिए आतुर  बनाता है जिसके कारण परिवार एवं समाज से दूरी बना लेते हैं। 
✍उपाय✍ 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इसको ठीक करने के लिए अपने नामांक को 5 अंक पर ले आए जिससे आपके मूलांक और भाग्यांक में संतुलन बन पाएगा क्योंकि बुध ग्रह संतुलन का कार्य करता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अगर आपका मुलांक या भाग्यांक 1 आता है तो आपको गाड़ी नम्बर का कुल योग 1, 2, 4 या 7 रखना चाहिये। 
6 या 8 नम्बर वाला वाहन ना रखें तो बेहतर होगा। 
Pandit Anjani Kumar Dadhich
Nakshatra jyotish Hub

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