google24482cba33272f17.html Pandit Anjani Kumar Dadhich : हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र

Sunday, 5 March 2023

हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र

हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र 

प्रिय पाठकों, 
5 मार्च 2023, रविवार 
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र का वर्णन बृहज्ज्योतिषार्णव में किया गया है। महर्षि बाल्मीकि के अनुसार सर्वप्रथम श्री रामचंद्रजी ने श्री हनुमान सहस्त्रनाम स्तोत्र से हनुमान जी की स्तुति की थी। हनुमान जी को अपना इष्ट देव मानने वालो को हनुमत्सहस्त्रनाम का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए। 
इस सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ जो मनुष्य करता है उसके समस्त दु:ख नष्ट हो जाते हैं तथा उसकी ऋद्धि एवं सिद्धि चिरकाल तक स्थिर रहती है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ का लाभ निम्नलिखित है -
✿  पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र का प्रतिदिन डेढ़ मास तक तीनों समय पाठ करने से सभी उच्च पदवी के लोग साधक के अधीन हो जाते हैं। 
✿ पीपल के जड़ पर बैठ कर हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से शत्रुजन्य भय नष्ट होता है तथा समस्त सिद्धियों की प्राप्ति होती है । 
✿ इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार के रोग (ज्वर, अपस्मार, मिर्गी, हिस्टीरिया आदि) नष्ट हो जाते हैं तथा सुख, सम्पत्ति आदि प्राप्त होते हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की कृपा से साधक को स्वर्ग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
✿ जो कोई भी व्यक्ति इस स्तोत्र का नित्य पाठ करता है और सुनता अथवा सुनाता है वह पवन पुत्र हनुमान जी की कृपा से सभी मनोवांछित फल को प्राप्त करता है। 
✿ इस स्तोत्र के प्रयोग से बंध्या (बांझ) स्त्री को पुत्र की प्राप्ति होती है ।

हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ की विधि 

पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हनुमत्सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ की विधि निम्नलिखित है- 
हर एक मंगलवार एवं शनिवार को ब्रह्म मुहुर्त में स्नान कर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने पूर्व दिशा में मुख करके आसन बिछाकर बैठकर हनुमानजी के सम्मुख तेल की दीप तथा धूप निवेदित करने के बाद दाहिने हाथ में जल लेकर विनियोग “ओम् अस्य श्री हनुमत्सहस्त्रनाम ..” से आरम्भ कर “ जपे विनियोग ” तक पढ़कर भूमि पर जल छोड़ देना चाहिए।
जिस कार्य के लिये हनुमान सहस्त्रनाम का पाठ किया जाये उसे विनियोग में “ मम सर्वोपद्रव शान्त्यर्थ ” की जगह बोलना के बाद न्यास तथा ध्यान कर के पाठ आरम्भ करना चाहिए।
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Nakshatra jyotish Hub
नक्षत्र ज्योतिष हब
📧panditanjanikumardadhich@gmail.com
फोन नंबर - 9414863294

No comments:

Post a Comment