होलाष्टक
प्रिय पाठकों,
23फरवरी2023, गुरुवार
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक होली के त्योहार से पहले के 8 दिनो को शुभ नहीं माना जाता है। इन आठ दिनों को होलाष्टक के नाम से जाना जाता है। होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के बाद होलाष्टक समाप्त हो जाता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष में इस बार एकादशी तिथि दो होने के कारण इस वर्ष होलाष्टक आठ दिन का नहीं होकर नौ दिनों तक चलने वाला है। इस बार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि 27 फरवरी 2023 को प्रात: 12.59 मिनट से शुरू हो रही है और वहीं 7 मार्च 2023 को फाल्गुन की पूर्णिमा पर इसकी समाप्ति है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य को करना वर्जित माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक की अवधि में ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है जिस कारण से इनके दुष्प्रभाव का खतरा बढ़ जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव की तपस्या भंग करने के परिणाम स्वरूप भोलेनाथ ने कामदेव को फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को भस्म कर दिया था। इसी कारण से यह दिन शुभ नहीं माने जाते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार होलाष्टक के दौरान निम्नलिखित कार्यो को नहीं करना चाहिए -
✷ होलाष्टक में शादी-विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्यों के अलावा मुंडन और नामकरण जैसे संस्कार नहीं करने चाहिए।
✷ होलाष्टक में भवन निर्माण, वाहन, प्लॉट या किसी प्रॉपर्टी को खरीदना या बेचना वर्जित है।
✷ होलाष्टक में शुभ कार्यों की शुरुआत बिल्कुल न करना चाहिए जैसे- अगर आप किसी नई दुकान का शुभारंभ करने वाले हैं तो होलाष्टक से पहले या बाद में करना चाहिए।
✷ होलाष्टक में सोने या चांदी के आभूषण खरीदने से बचना चाहिए। होलाष्टक से पहले या बाद में इन्हें (सोने या चांदी के आभूषण) खरीद सकते हैं।
✷ होलाष्टक के दौरान किसी मकान या प्लॉट की रजिस्ट्री भी नहीं करना चाहिए। इस तरह के कार्य भी इस दौरान (होलाष्टक) वर्जित रहते हैं। मकान बनवाने का काम अगर आप होलाष्टक से पहले से करते आ रहे हैं तो इसे जारी रहने देंना चाहिए। लेकिन इसकी शुरुआत होलाष्टक से नहीं करनी चाहिए।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार होलाष्टक के दौरान निम्नलिखित उपाय करने चाहिए -
❁होलाष्टक के दौरान मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा ईश्वर की भक्ति और वैदिक अनुष्ठान करने चाहिए। ताकि उसे अपने सभी कष्टों से मुक्ति मिल सके।
❁होलाष्टक के दौरान यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे रोग से पीड़ित है जिसका उपचार करवाने के बाद भी उसे लाभ नहीं मिल पा रहा है तो ऐसे रोगी व्यक्ति को भगवान शिव का पूजन करना चाहिए और इसके अलावा ब्राह्मण द्वारा महामृत्युंजय मंत्र के अनुष्ठान के साथ घर में गुगल से हवन करना चाहिए।
❁लक्ष्मी प्राप्ति व ऋण मुक्ति हेतु होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करते हुए कमल गट्टे,साबूदाने की खीर से हवन करने चाहिए।
❁अपार धन-संपदा के लिए होलाष्टक के दौरान गुड़,कनेर के पुष्प, हल्दी की गांठ व पीली सरसों से हवन करना चाहिए।
❁सौभाग्य की प्राप्ति के लिए होलाष्टक के दौरान चावल,घी, केसर से हवन करना चाहिए।
❁कन्या के विवाह के लिए होलाष्टक के दौरान कात्यायनी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
❁होलाष्टक के दौरान अगर बच्चों का पढाई में मन नहीं लग रहा है तो गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए और गणेश जी को मोदक का भोग लगाए व दूर्वा से हवन करना चाहिए।
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