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Friday, 24 February 2023

कुंडली और कैरियर

कुंडली और केरियर
कुंडली और कैरियर  
प्रिय पाठकों, 
24फरवरी2023, शुक्रवार 
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज कुंडली और कैरियर के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अपने व्यक्तित्व के अनुकूल या लाभदायक व्यवसाय (व्यापार) और नौकरी का चयन न कर पाते हैं जो अपनी रुचि के विपरीत है या जिसमे हम अपनी योग्यताओं या क्षमताओं का उपयोग पूरी तरह से नहीं कर पाते हैं। इस सम्बन्ध में ज्योतिष अच्छा मार्गदर्शन दे सकता है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार लाभ और उज्ज्वल भविष्य के लिए रोजगार के हजारो व्यवसाय में से किसी एक लाभदायक व्यवसाय का चयन करना वास्तव में अत्यंत कठिन है। परन्तु विभिन्न व्यवसायों या रोजगार को दर्शाने वाले विभिन्न भावों का विश्लेषण निम्नलिखित है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार रोजगर को दर्शाने वाले भाव- कुण्डली के बारह भावों में से द्वितीय भाव धन का होता है। सप्तम भाव रोजगार का है। नवम भाव भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है और ग्यारहवां भाव लाभ का है।जातक किन ग्रहों से संबंधित कार्य करेगा यह तय करना इन चार भावों के द्वारा ही सम्भव है।धन (द्वितीय)भाव व्यक्ति के बैंक बैलेंस को दर्शाता है। दैनिक रोजगार (सप्तम) भाव व्यक्ति की आजीविका से संबंधित है।
भाग्य (नवम) भाव व्यक्ति के भाग्योदय और भाग्योदय और भाग्य सम्बन्धी उतर चढ़ाव को व्यक्त करता है। लाभ (एकादश) भाव क्षेत्र विशेष की तरह संकेत देता है जहाँ से लाभ की आशा की जा सकती है।अब यहाँ समस्या उत्पन्न होती है कि किस भाव के स्वामी विशेष की प्रकृति के अनुसार वास्तु या व्यवसाय का चयन किया जाए। इस समस्या का पहला सूत्र है की जिस भाव का स्वामी सर्वाधिक बली हो अर्थात स्वराशिगत उच्चस्थ या वार्गोत्तमी हो उस ग्रह में संबंधित व्यवसाय वास्तु या नौकरी करने से लाभ होता है। हालांकि ये सब प्रचलित सूत्र है लेकिन मेरी धारणा है कि सूर्य से दशम में जो ग्रह हो उससे संबंधित व्यवसाय करने से लाभ होता है। उदाहरण के लिए सूर्य यदि मकर राशि में हो तो मकर से दसवीं राशि तुला के स्वामी शुक्र से संबंधित व्यवसाय को अपनाने से लाभ की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा आय (लाभ) भाव इन चारों भावों में सबसे महत्वपूर्ण है। सूर्य से दशमेश के अलावा लाभ भाव पर अवश्य दृष्टि डालनी चाहिए। अनुभव में आता है कि जब जातक के जन्मांक के एकादश भाव में पाप ग्रह (शनि,मंगल,राहु) हो तो किसी भी तरह का व्यवसाय क्यों न किया जाए, लाभ की स्थिति काफी विलंब से ही आ पाती है। इन चारों भाव और सूर्य से दशमेश की परस्पर शक्ति के आकलन के बाद किसी एक ग्रह का चयन करना चाहिए। निश्चित ग्रह को पकड़ लेने के पश्चात उस ग्रह से संबंधित व्यवसाय का चयन करना चाहिए| यहां पाठकों को बता दूं कि इस अध्याय में व्यवसाय शब्द का व्यापक अर्थों में प्रयोग किया गया है।
उदाहरण के लिए आप कैसा भी कार्य करें, उसे व्यवसाय ही माना गया है।लोहे के उत्पादों की फैक्टरी का मालिक होना और लोहे की फैक्टरी में एक श्रमिक या प्रबंधक का काम करना दोनों को लोहे का ही व्यवसाय मानकर लिखा गया है।
ग्रह और उनसे संबंधित कैरियर क्या क्या होने चाहिए जो निम्नलिखित हैं -
✷ सूर्य- फायनेंसर, गोल्डस्मिथ, बीज, विक्रेता, चमड़े की वस्तुओं का निर्माता और विक्रेता, एंटीवायोटिक मेडिसिन मैन्युफैक्चर, स्कूल, कालेज, प्रबंधक, मैनेजमेंट, फार्मेसिस्ट, अस्पताल कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, उत्पादन प्रबंधक आर्किटेक्ट इन्वेस्टमेंट आदि।
✷चन्द्र- लाइब्रेरियन, रिसेप्शनिस्ट लेखक, गारमेंट, डिजाइनर, चप्पल, जूता, डिजाइनर, कांसेप्ट फिल्म ड्रेस डिजाइनर, ट्यूटर, सलाहकार, सूचना अधिकारी, जिंगल राइटर, मनोवैज्ञानिक, फोरेंसिक वैज्ञानिक, पटकथा लेखक, गीतकार, ट्रैवल एजेंट, कैरियर काउंसलर, आयात-निर्यात कर्ता, ट्रांसपोर्ट, कंपनी आनर, प्रकाशन, काव्य सृजन, लघु पत्रिका का संपादन/प्रकाशन, सिल्वर स्मिथ साल्ट मर्चेंट आदि।
 मंगल- सेना अधिकारी, प्रापर्टी डीलर, डिटेक्टिव सर्जन, मेडिकल शॉप, पुलिस अधिकारी अग्निशमन आफिसर प्रोफेशनल स्पोर्ट्स प्लेयर, हेल्थ वर्कर, सिक्योरिटी सर्विस, चोर बुरा धमकाकर हफ्ता वसूली करने वाला, भूगर्भ विशेषज्ञ, सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट मैन्युफैक्चरर और विक्रेता, भूमाफिया, हथियार विक्रेता आदि।
✷ बुध- सी.ए. लेख-विश्लेषक, क्लर्क, फीचर, संपादक, प्रकाशक, हाबी क्लास टीचर, प्रोफेशनल वक्ता, इंवेस्टमेंट प्रबंधक, कैश प्रबंधक, रीटेल शॉप, जनरल स्टोर, एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव, लेखक, स्किन केयर विशेषज्ञ, टीवी समाचार वक्ता, जालसाज, छोटे गबन करने वाला, बुक बाइंडर, प्रूफ रीडर, कंपोजर, बैंक कर्मी, गणितज्ञ किराने का दुकानदार, मेलों का आयोजक आदि।
✷ बृहस्पति(गुरु)- सरकारी साहित्य संस्थाओं के अधिकारी, ग्वाला, वेब पेज डिजाइनर, संगठन, प्रबंधक आर्किटेक्ट, फ्रीलांस मैनेजमेंट कंसलटेंट, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, राजनीतिज्ञ, व्यवसायी, संपादक, कालेज प्रोफेसर, वकील, मंदिर संचालक, ज्योतिषी, इकोनामि फोरकास्टर, शोधकर्ता धार्मिक कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, होटल प्रबंधक, प्रोजेक्ट मैनेजर, न्यायाधीश, सरकारी सेवाकर्मी, राजदूत, प्रकाशक, दीवानी मुकदमों के अधिवक्ता आदि।
✷ शुक्र- मीडिया प्लानर, सर्जन, इंटीरियर डेकोरेटर, फोटोग्राफर, ज्योतिषी, मैरिज ब्यूरो संचालक, टीवी एंकर, ब्यूटीशियन, टीवी और फिल्म अभिनेता। अभिनेत्री, फैशन डिजाइनर, ज्वैलरी डिजाइनर, संगीतज्ञ, माडल, गायक, केश सज्जा, मेकअप विशेषज्ञ, आयुर्वेद डाक्टर, मैन्युफैक्चरर आफ मेडिसिन, वेश्या, नट, सौन्दर्य प्रसाधन विक्रेता आभूषण प्रबंधक, मिठाई निर्माता/विक्रेता आदि।
✷ शनि- उत्पादन प्रबंधक, हार्डवेयर इंजीनियर, टेक्नीशियन, वैज्ञानिक शोधकर्ता, विदेशी भाषा अनुवादक, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, प्राइवेट डिटेक्टिव, अंग्रेजी भाषा अध्यापक, फ्लोर मिल आनर, लेबोरेट्री टेक्नीशियन, कबाडी एंटिक आर्टिकल बुलेक्टर और सेलर, स्टील फैक्ट्री मालिक/श्रमिक आदि।
✷ राहु- वेंचट कैपिटलिस्ट, फिजियो थेरेपिस्ट, शेयर ब्रोकर, राजनीतिज्ञ, होटल कर्मी, घोटाला करने वाले आपोपार्ट्स विक्रेता, शराब के ठेकेदार, नशीले पदार्थों, हड्डियों का ठेकेदार आदि।
✷ केतु- मंदिरों से संबंधित कार्य करने वाला, झंडों का निर्माता और विक्रेता रस्सी जैसी लम्बी वस्तुओं का निर्माता और विक्रेता आदि।
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Nakshatra jyotish Hub
नक्षत्र ज्योतिष हब
📧panditanjanikumardadhich@gmail.com
फोन नंबर - 9414863294

Thursday, 23 February 2023

होलाष्टक

होलाष्टक
प्रिय पाठकों, 
23फरवरी2023, गुरुवार 
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज होलाष्टक और विभिन्न उपायों के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक होली के त्योहार से पहले के 8 दिनो को शुभ नहीं माना जाता है। इन आठ दिनों को होलाष्टक के नाम से जाना जाता है। होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के बाद होलाष्टक  समाप्त हो जाता है।
                 पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष में इस बार एकादशी तिथि दो होने के कारण इस वर्ष होलाष्टक आठ दिन का नहीं होकर नौ दिनों तक चलने वाला है। इस बार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि 27 फरवरी 2023 को प्रात: 12.59 मिनट से शुरू हो रही है और वहीं 7 मार्च 2023 को फाल्गुन की पूर्णिमा पर इसकी समाप्ति है। 
                पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य को करना वर्जित माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक की अवधि में ग्रहों का स्वभाव उग्र हो जाता है जिस कारण से इनके दुष्प्रभाव का खतरा बढ़ जाता है। पौराणिक कथा  के अनुसार भगवान शिव की तपस्या भंग करने के परिणाम स्वरूप भोलेनाथ ने कामदेव को फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को भस्म कर दिया था। इसी कारण से यह दिन शुभ नहीं माने जाते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार होलाष्टक के दौरान निम्नलिखित कार्यो को नहीं करना चाहिए - 
✷ होलाष्टक में शादी-विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्यों के अलावा मुंडन और नामकरण जैसे संस्कार नहीं करने चाहिए।
✷ होलाष्टक में भवन निर्माण, वाहन, प्लॉट या किसी प्रॉपर्टी को खरीदना या बेचना वर्जित है।
✷ होलाष्टक में शुभ कार्यों की शुरुआत बिल्कुल न करना चाहिए जैसे- अगर आप किसी नई दुकान का शुभारंभ करने वाले हैं तो होलाष्टक से पहले या बाद में करना चाहिए।
✷ होलाष्टक में सोने या चांदी के आभूषण खरीदने से बचना चाहिए। होलाष्टक से पहले या बाद में इन्हें (सोने या चांदी के आभूषण) खरीद सकते हैं।
✷ होलाष्टक के दौरान किसी मकान या प्लॉट की रजिस्ट्री भी नहीं करना चाहिए। इस तरह के कार्य भी इस दौरान (होलाष्टक) वर्जित रहते हैं। मकान बनवाने का काम अगर आप होलाष्टक से पहले से करते आ रहे हैं तो इसे जारी रहने देंना चाहिए। लेकिन इसकी शुरुआत होलाष्टक से नहीं करनी चाहिए।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार होलाष्टक के दौरान निम्नलिखित उपाय करने चाहिए -
❁होलाष्टक के दौरान मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा ईश्वर की भक्ति और वैदिक अनुष्ठान करने चाहिए। ताकि उसे अपने सभी कष्टों से मुक्ति मिल सके। 
❁होलाष्टक के दौरान यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे रोग से पीड़ित है जिसका उपचार करवाने के बाद भी उसे लाभ नहीं मिल पा रहा है तो ऐसे रोगी व्यक्ति को भगवान शिव का पूजन करना चाहिए और इसके अलावा ब्राह्मण द्वारा महामृत्युंजय मंत्र के अनुष्ठान के साथ घर में गुगल से हवन करना चाहिए। 
❁लक्ष्मी प्राप्ति व ऋण मुक्ति हेतु होलाष्टक के दौरान श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करते हुए कमल गट्टे,साबूदाने की खीर से हवन करने चाहिए। 
❁अपार धन-संपदा के लिए होलाष्टक के दौरान गुड़,कनेर के पुष्प, हल्दी की गांठ व पीली सरसों से हवन करना चाहिए। 
❁सौभाग्य की प्राप्ति के लिए होलाष्टक के दौरान चावल,घी, केसर से हवन करना चाहिए। 
❁कन्या के विवाह के लिए होलाष्टक के दौरान कात्यायनी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
❁होलाष्टक के दौरान अगर बच्चों का पढाई में मन नहीं लग रहा है तो गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए और गणेश जी को मोदक का भोग लगाए व दूर्वा से हवन करना चाहिए। 
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
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Sunday, 12 February 2023

महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि
प्रिय पाठकों, 
12 फरवरी 2023, रविवार 
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज महाशिवरात्रि के बारे में जानकारी यहाँ दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भारत में सनातन धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से महाशिवरात्रि एक है। भारत में ज्यादातर लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए जाना जाता हैं। हिन्दू धार्मिक पंचांग के मुताबिक महाशिवरात्रि का त्योंहार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि का त्योहार शनिवार 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार वैदिक मान्यता हैं कि इस दिन (महाशिवरात्रि के दिन) भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।  पौराणिक कथाओं में ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का धरती पर प्रकाट्य हुआ था साथ ही यह मान्‍यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान महादेव पृथ्‍वी पर मौजूद प्रत्‍येक शिवलिंग में मौजूद होते हैं। इसी कारण महाशिवरात्रि ‍के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा-आराधना करना सारे कष्‍ट दूर कर देता है और अपार सुख-समृद्धि देता है।भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए महाशिवरात्रि साल का सबसे उत्तम दिन होता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भारतीय शास्त्रों में महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में करने का विधान है। इस साल 2023 में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी को रात 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 19 फरवरी को 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। साधक रात्रि के समय में महादेव और माता पार्वती की भक्ति भाव से पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा, दिन के समय में भी पूजा उपासना कर सकते हैं। वहीं महाशिवरात्रि का व्रत उपवास 18 फरवरी को भी कर सकते हैं।
इस दिन (महाशिवरात्रि के दिन) ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान शिव जी का स्मरण कर दिन की शुरुआत करें और इसके पश्चात नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें और अब आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें। इसके बाद सफेद कपड़े धारण कर सबसे पहले भगवान सूर्य को जल का अर्घ्य देंवे। इसके बाद भगवान शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध,दही और पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक पूजा के दौरान ओम् नमः शिवाय मंत्र और शिव चालीसा का जाप करने के बाद अंत में आरती अर्चना कर भगवान शिव और माता पार्वती से कामना करें। दिनभर उपवास रखें। निशिता काल में पूजा आरती के पश्चात फलाहार करें। अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
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