google24482cba33272f17.html Pandit Anjani Kumar Dadhich : गुप्त नवरात्रि

Wednesday, 2 February 2022

गुप्त नवरात्रि

माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए चमत्कारी मन्त्र 

प्रिय पाठकों, 
2 फरवरी 2022, बुधवार
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज गुप्त नवरात्रि और चमत्कारी मंत्र जाप के बारे में यहाँ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार
नवरात्रि यानि नौ दिन मां दुर्गा की पूजा और अराधना के दिन होते हैं। नवरात्रि के दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं। एक साल में चार बार नवरात्रि मनाए जाते हैं। दो बार गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र एक शारदीय नवरात्रि। साल में दो बार आने वाले नवरात्रि में से एक माघ माह में आने वाले गुप्त नवरात्रि हैं।
भारतीय वैदिक पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी 2022 बुधवार से प्रारंभ हो रहे हैं। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिंदीके व्याकरण साहित्य में गुप्त शब्द का अर्थ छिपा हुआ होता है। इस नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि हेतु साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र एवं मंत्र साधनाओं का महत्व होता है और तंत्र और मंत्र साधना को गुप्त रूप से ही किया जाता है। इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इसमें विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है। साधकों को इसका ज्ञान होने के कारण या इसके छिपे हुए होने के कारण इसको गुप्त नवरात्र कहते हैं। गुप्‍त नवरात्रि में विशेष पूजा से कई प्रकार के दुखों से मुक्‍ति पाई जा सकती है। गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए उपासना करते हैं। यह नवरात्रि मोक्ष की कामने से भी की जाती है। इस दौरान 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार माता दुर्गा की कृपा प्राप्ति का का सबसे सरल उपाय दुर्गा सप्तशती का पाठ है। नवरात्र में माँ के कलश स्थापना के साथ शतचंडी, नवचंडी, दुर्गा सप्तशती, देवी अथर्वशीर्ष आदि का पाठ किया जाता है। दुर्गा सप्तशती महर्षि वेदव्यास रचित मार्कण्डेय पुराण के सावर्णि मन्वतर के देवी महात्म्य के सात सौ श्लोक का एक भाग है। 
दुर्गा सप्तशती में कुछ ऐसे परम शक्तिशाली और दुर्लभ स्तोत्र एवं मंत्र हैं, जिनके विधिवत पारायण से मनुष्य की समस्त इच्छित मनोकामना की अवश्य ही पूर्ति होती है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार साधक को अपनी आवश्यकता के अनुसार माँ के दिव्य मन्त्र का चयन करके नित्य उसकी 5 माला या कम से कम एक माला का जाप तो अवश्य करना ही चाहिए ।
जीवन में सर्वकल्याण एवं शुभ फलो की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली मन्त्र:-
सर्व मंगलं मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥  
जीवन में किसी भी तरह की बाधा से मुक्ति एवं सुख समृद्धि एवं योग्य संतान की प्राप्ति के लिए :-
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥
जीवन में सर्वबाधा की शांति के लिए :-
सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्।। 
आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए चमत्कारिक मन्त्र इस दिव्य मंत्र को देवी दुर्गा ने स्वयं देवताओं को दिया है:-
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌। 
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥ 
माँ के चरणो में स्थान पाने के लिए मोक्ष प्राप्ति के लिए:-
त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या।
विश्वस्य बीजं परमासि माया।।
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत्।
त्वं वैप्रसन्ना भुवि मुक्त हेतु:।। 
जीवन में शक्ति एवं सम्पन्नता प्राप्ति के लिए :-सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोह्यस्तु ते।। 
सभी प्रकार के संकटो से रक्षा का मंत्र:-
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि: स्वनेन च।। 
समस्त रोगो के नाश के लिए चमत्कारी मंत्र:- 
रोगान शेषान पहंसि तुष्टा रूष्टा तु कामान सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हाश्रयतां प्रयान्ति।। 
समस्त दु:ख और दरिद्रता के नाश के लिए:-
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:।
स्वस्थै स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।।
द्रारिद्र दु:ख भयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकारणाय सदाह्यह्यद्र्रचिता।। 
जीवन में सभी तरह के सुख सौभाग्य, ऐश्वर्य, आरोग्य, धन संपदा एवं शत्रु भय मुक्ति-मोक्ष के लिए - 
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः।
शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥ 
किसी भी तरह के भय के नाश के लिए दुर्गा मंत्र :- 
सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।
भयेभ्यास्त्रहिनो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते।। 
स्वप्न में अपने कार्यों के फलो को जानने के लिए मन्त्र :-
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थ साधिके।
मम सिद्घिमसिद्घिं वा स्वप्ने सर्व प्रदर्शय।। 
लेखक - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Nakshatra jyotish Hub
नक्षत्र ज्योतिष हब
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