google24482cba33272f17.html Pandit Anjani Kumar Dadhich : September 2020

Wednesday, 16 September 2020

अधिकमास

🌻अधिक मास या पुरुषोंतम मास🌻
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार श्राद्ध खत्म होने के बाद 18 सितंबरसे अधिकमास शुरू होंगा जो 16 अक्टूबर तक रहेगा। नवरात्रि 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अधिक मास को पुरुषोंतम मास भी कहा जाता है। यह मास पुजा पाठ यज्ञ-अनुष्ठान एवं दान पुण्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अधिकमास के दौरान सर्वार्थसिद्धि योग 9 दिन, द्विपुष्कर योग 2 दिन, अमृतसिद्धि योग एक दिन और दो दिन पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ईसा कलैण्डर वर्ष की गणना सूर्य राशि के अनुसार की जाती है। इसके एक वर्ष में 365 दिन और करीब 6 घंटे का होते है। जबकि विक्रमी संवत जिसके आधार पर पंचाग का निर्माण होता है। उसकी गणना चंद्र राशि की गणना आधारित है। इस के एक वर्ष में 354 दिन होता है। दोनों सालों के बीच करीब 11 दिनों का अंतर होता है। ये अंतर हर तीन साल में करीब एक माह के बराबर हो जाता है। इसी अंतर को दूर करने के लिए तीन साल में एक चंद्र मास अतिरिक्त आता है।अतिरिक्त संख्या में दिन होने के कारण से अधिकमास का नाम दिया गया।
🌼पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अधिक मास में जो कार्य करने चाहिए वो निम्नलिखित है- 
❁अध‍िक मास में इस पूरे माह में व्रत, तीर्थ स्नान, श्रीमद भगवत गीता,रामायण, रामचरितमानस शिव पुराण तथा दुर्गा सप्तशती आदि ग्रंथों का अध्ययन नियमित रूप से करना चाहिए। 
❁शांतियज्ञ, एवं गायत्री यज्ञ आदि किए जा सकते हैं।
जो कार्य पहले शुरु किये जा चुके हैं उन्हें जारी रखा जा सकता है। 
❁मंत्रो की साधना तथा सिद्धी करना भी  लाभदायक होता है। 
❁पशु पक्षियों के लिए अन्न का दान करे। गरीब और बेसहारा लोगों को सहायता और दान देना चाहिए। 
❁"ओम् भगवते वासुदेवाय नम:" मंत्र का प्रतिदिन जाप करना भी हितकारी होता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिंदू धर्म में अध‍िक मास के दौरान सभी पवित्र कर्म वर्जित माने गए हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अतिरिक्त दिनो की संख्या होने के कारण यह मास मलिन होता है। इसलिए इस मास के दौरान हिंदू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और सामान्य धार्मिक संस्कार जैसे गृहप्रवेश, नई बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदी आदि आमतौर पर नहीं किए जाते हैं। 
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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Tuesday, 8 September 2020

मंगल ग्रह का वक्री होना

🌻मंगल ग्रह का वक्री होना🌻
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ऊर्जा और पराक्रम के कारक माने जाने वाले मंगल ग्रह 10 सितम्बर 2020 से वक्री होने जा रहे है जो 14 नंवबर 2020 तक रहेंगे। मंगल के वक्री होने से नकारात्मक प्रभाव और विचारों को देता है। वक्री अवस्था में मंगल यदि अशुभ अवस्था में स्थित हो तो देश में सांप्रदायिक दंगे, हिंसात्मक गतिविधियाँ और आतंकवादी घटनाएँ भी दे सकता है। इसके विपरीत यदि ये शुभ प्रभाव में हो तो खेल के क्षेत्र में सफलता, युद्ध में विजय तथा देश को अन्य देशों से आगे ले जाने में अपना प्रभाव देता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इस समय मेष, कर्क, तुला और वृश्चिक राशि वाले लोगों को सावधान रहना होगा। इन 4 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आ सकती है। कामकाज में विवाद और तनाव बढ़ सकता है। चोट या दुर्घटना की भी आशंका है। गुस्से के कारण बने बनाए काम भी बिगड़ सकते हैं। वहीं, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोग इस ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचे रहेंगे।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मंगल ग्रह अश्विन नक्षत्र के गोचर में प्रवेश करेंगे जिसके स्वामी केतु ग्रह है जो अंगारक योग का निर्माण होगा जो खराब हालात की ओर इशारा कर रहे हैं। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए उपाय निम्नलिखित है-
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए तथा हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार लाल चंदन या पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार लाल कपड़ों का तथा मसूर की दाल का दान करें। 
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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Tuesday, 1 September 2020

भाग्यांक एवं उसका महत्व

🌻भाग्यांक एवं उसका महत्व🌻
 पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंक ज्योतिष में जितना महत्व मूलांक को दिया जाता है उतना ही महत्व भाग्यांक का है जिसे जीवन पथ संख्या भी कहते हैं। भाग्यांक वयक्ति के जीवन पथ को सही और गलत दिशा में मोड़ने में सक्षम है। भाग्यांक के द्वारा जीवन में अवसरों, चुनोतियों और सबक की एक विस्तृत रुपरेखा का अनुमान लगाया जा सकता हैं। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंक ज्योतिष द्वारा भविष्यफल जानने के लिए भाग्यांक को एक महत्वपूर्ण अंक माना जाता है। भाग्यांक जातक की जन्म तिथि, जन्म माह तथा जन्म वर्ष का योग(जोड़) होता है।
📖कैसे जानें अपना भाग्यांक 📖
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भाग्यांक जानने के लिए अपनी जन्मतिथि को अंको में लिखकर सभी अंको को जोड़ने पर एक इकाई अंक प्राप्त किया जा सकता है- जैसे यदि किसी व्यक्ति की जन्मतिथि 8 जनवरी 1999 (08-01-1999) है तो भाग्यांक निम्न पद्धति द्वारा निकाला जाएगा 8+1+1+9+9+9= 46=4+6=10=1+0=1 तो इसका मतलब हैैै कि उस व्यक्ति का भाग्यांक 1 है।
 🌹भाग्यांक 1 वाले की विशेषताएं🌹
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जिस व्यक्ति या जातक का भाग्यांक 1 होता है उसका स्वामी ग्रह सूर्य है। सूर्य को ज्योतिष में आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य जीवन शक्ति है। भाग्यांक 1 होने पर आपके जीवन पर सूर्य में पाये जाने वाले गुणो का संचार एवं प्रभाव पाया जाता है। ऐसा व्यक्ति परिश्रमी,आत्मनिर्भर, अहंकारी, जिद्दी, घंमडी महत्वाकांक्षी, उत्साही, कला-प्रेमी, अति आकर्षक व सुन्दर, कार्य कुशल तथा अग्रसोची होता है।शीघ्र निर्णय लेने में समर्थ होता हैं। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार आप-अपने परिवार के कर्ता-धर्ता होंगे तथा सभी जिम्मेदारियां आपको ही निभानी पड़ेगी। आपको जीवन में कभी-कभी बहुत लाभ भी हो सकता है तथा अचानक हानि होने की भी सम्भावना रहती है। धन की बचत करने में आप सफल रहेंगे। आपको अनेक प्रकार से धन कमाने के अवसर प्राप्त होंगे। भाग्यांक 1 वाले व्यक्तियों को एक बात अवश्य ध्यान रखनी चाहिए कि कोई भी कार्य प्रेम-पूर्वक करें। आदेशात्मक प्रवृत्ति से किया गया कार्य बिगड़ सकता है। यदि आप व्यवसाय करना चाहते है तो साझेदारी कदापि न करें अन्यथा बाद में पछताना पड़ सकता है। भाग्यांक 1 वाला व्यक्ति हर जगह मुखिया बनना पसंद करता है। पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार भाग्यांक 1 के प्रभावित जातकों के लिए भाग्यांक के प्रभाव से भाग्योदय उन्नीस वर्ष की अवस्था से प्रारंभ होकर अट्ठाइसवें वर्ष की अवस्था पर उच्चता मिलती है तथा सैंतीस वर्ष की अवस्था पर पूर्ण भाग्योदय होता है। 
🌼मूलांक और भाग्यांक 1 वाले व्यक्ति🌼
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार जिन लोगों का मूलांक और भाग्यांक 1 हो तो व्यक्ति का मूलांक और भाग्यांक का मालिक सूर्य होगा जो राजा माना जाता है। इस सामंजस्य के कारण व्यक्ति सफल, स्वाभिमानी, अहंकारी,एवं जिद्दी बनाता है। पैसे कमाने के लिए आतुर  बनाता है जिसके कारण परिवार एवं समाज से दूरी बना लेते हैं। 
✍उपाय✍ 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार इसको ठीक करने के लिए अपने नामांक को 5 अंक पर ले आए जिससे आपके मूलांक और भाग्यांक में संतुलन बन पाएगा क्योंकि बुध ग्रह संतुलन का कार्य करता है। 
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अगर आपका मुलांक या भाग्यांक 1 आता है तो आपको गाड़ी नम्बर का कुल योग 1, 2, 4 या 7 रखना चाहिये। 
6 या 8 नम्बर वाला वाहन ना रखें तो बेहतर होगा। 
Pandit Anjani Kumar Dadhich
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