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Wednesday, 5 February 2025

रामचरितमानस की चौपाई का जाप तो बनेंगे बिगड़े काम

रामचरितमानस की चौपाई का जाप तो बनेंगे बिगड़े काम
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस महाकाव्य की हर एक चौपाई अपने आप में एक सिद्ध मंत्र है अतः हमे भी इनका जाप कर अपने कार्यो को सिद्ध करना चाहिए।
कई बार लोग किसी काम को पूरी मेहनत और लगन से करते हैं लेकिन वो काम बनते-बनते बिगड़़ जाता है अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है तो सिर्फ एक चौपाई के जाप से आपका काम बन सकते हैं। यह चौपाई सुंदर काण्ड में दी गई है। 
चौपाई
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ 
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥
भावार्थ - किसी भी काम की करने से पहले प्रभु श्रीराम का स्मरण करने से सफलता मिलेगी। जो भी ऐसा करता है उसके लिए विष भी अमृत हो जाता है, शत्रु मित्र बन जाता है, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार ऐसा माना जाता है कि रामचरितमानस की इस चौपाई का पाठ करने से कई फ़ायदे होते हैं जो कि निम्नलिखित है 
इस चौपाई का जाप करने से व्यक्ति का कठिन से कठिन काम में सफलता मिलती है और साथ ही यात्रा प्रवास भी सुरक्षित होता है।
इस चौपाई का जाप करने से श्रीराम और हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है और समस्याओं का भी निदान हो जाता है।
इस चौपाई के बारे में कुछ जानकारी है जो निम्नलिखित है -
इस चौपाई का पाठ करने के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन सबसे अच्छा होता है।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद, अपने इष्ट का ध्यान करके चौपाई का पाठ 108 बार करना चाहिए।
जिस स्थान की यात्रा करनी हो, वहां पहुंचते ही उक्त चौपाई को सात बार बोलें।
कहा जाता है कि रामचरितमानस की चौपाइयां इतनी प्रभावशाली हैं कि इसके पाठ मात्र से धन की कामना रखने वाले को धन की प्राप्ति होती है।
मान्यता के अनुसार जब लंका में सीता माता का पता लगाने के लिए हनुमान जी गए थे तब उनके मन में संदेह था कि वो अपने काम में सफल होंगे या नहीं। तब उन्होंने प्रभु श्री राम का ध्यान किया और लंका में प्रवेश किया साथ ही अपने कार्य में सफल भी हुए इसलिए माना जाता है कि अगर आपको भी मन में किसी काम को लेकर अनजाना डर समाए तो इस चौपाई का पाठ करने और श्रीराम के स्मरण मात्र से काम सफल होते हैं।
अतः अगर आप भी किसी भी काम को करने से पहले या इंटरव्यू आदि से पहले भगवान श्रीराम और हनुमान जी को याद कर इस चौपाई को बोलने हर काम बन जाएगा।
रामचरितमानस की रचना तुलसीदास ने महार्षि वाल्मिकी की रामायण को आधार बनाकर की है। सुंदरकांड रामचरितमानस का ही पंचम सोपान है। इसमें हनुमान जी के गुणों और यश के बारे में बताया गया है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच 
Pandit Anjani Kumar Dadhich 
नक्षत्र ज्योतिष संस्थान 
Nakshatra Jyotish Sansthaan 
panditanjanikumardadhich@gmail.com 
Contact number - 6377054504 9772380963

Monday, 30 December 2024

सोमवती पोष अमावस्या

सोमवती अमावस्या
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज सोमवती अमावस्या के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।

पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार हिन्दू धर्म में अमावस्या का अपना महत्व है और जो सोमवार के दिन अमावस्या की तिथि पड़ती है उसके कारण उस अमावस्या को सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है।
इस बार पौष की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर 2024 के दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार नारद पुराण में पोष मास की अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का बहुत महत्व है। धर्म शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है। अश्वत्थ पीपल वृक्ष को कहते है।सोमवार का दिन भगवान शिव का माना जाता है। इस दिन विवाहित स्त्री अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं साथ ही इस दिन पितृ दोष व काल सर्प दोष के निवारण के लिए पूजा की जाती है। इस दिन व्यक्ति अपने मृतक रिश्तेदारों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र नदी में डुबकी लगाकर प्रार्थना करते हैं और उनके नाम का दान करते हैं।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन निम्नलिखित उपाय कर सकते है- 
❁ सोमवती अमावस्‍या का व्रत विवाहित स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन मौन व्रत करने का विधान है। ऐसा करने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के पेड़ की दूध, जल, पुष्प, अक्षत और चंदन से पूजा करती हैं। इसके बाद 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा कर अपने पति की लम्बी उम्र प्रार्थना करती हैं।
❁ सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य हर रूप से सुखी और समृद्ध होता है।वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त भी होता है। इस दिन पवित्र नदियों के जल में स्नान और तर्पण करने पर पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन किया गया दान खासकर पितृकर्म के निमित्त किया गया दान-धर्म विशेष फल प्रदान करता है।
❁ सोमवती अमावस्या के दिन शिवलिंग पर कच्चे दूध और दही से अभिषेक करे और चौमुखा दीपक जलाकर ओम् नमः शिवाय की 108 बार माला जाप करने से सारे बिगड़े काम बनते हैं और गरीबी दूर होती है।
❁ सोमवती अमावस्या को स्नान और ध्यान के बाद तुलसी की 108 परिक्रमा की जाए तो इससे दरिद्रता दूर होती है।
❁ सोमवती अमावस्या के दिन आप भगवान गणेश को भी सुपारी चढ़ाएं तथा अमावस्या की रात को गणेश प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर रखे और ओम् गं गणपतये नमः मंत्र की कम से कम 11 बार माला फेरे इससे आपको धन लाभ होगा। 
❁ अमावस्या की रात को आप किसी कुएं में एक चम्मच दूध और एक रुपए का सिक्का डाल दें। इससे आपको धन लाभ होने लगेगा। 
❁ सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
❁ विष योग मतलब यह है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि और चंद्रमा की युति विष योग का निर्माण करती है।जिन लोगों की कुंडली में विष योग है वे सभी सोमवती अमावस्या के दिन बहुत उपाय कर सकते हैं जिससे उनको लाभ मिलता है। 
❁ सोमवती अमावस्या के दिन अच्छे कर्म और दान धर्म करके जातक अपने बाधित जीवन को गति प्रदान कर सकते है। 
❁ सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे रात के समय जाकर एक नारियल ले और वह अपने ऊपर से सीधा वार के 7 बार उसे पीपल के नीचे ही तोड़ दें। वह नारियल दो टुकड़े हुए हुए वहीं पर छोड़ कर आए उसे आप नहीं खाएं। इससे आप पर किये कराया और टोने टोटके का प्रभाव खत्म होगा। 
❁ जो एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये या 10 रूपये के सिक्के होते हैं वह सिक्के अपने सर के ऊपर से वार कर गायों के लिए को दान करने चाहिए। आपकी सारी बाधाएं दूर होगी। 
❁ सोमवती अमावस्या के दिन किसी भुखे और गरीब व्यक्ति को खाना खिलाने से पितरो को शांति और तृप्ति मिलती है।   
❁ सोमवती अमावस्ता पर पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और शाम को वहां तेल का दीपक लगाकर पीपल के नीचे बैठकर पितृ सूक्त का पाठ करने से पितर प्रसन्न होते हैं और दरिद्रता का नाश होता है।
❁ सोमवती अमावस्या पर सूर्यास्त के बाद सरोवर या नदी में आटे से बने दीपक प्रवाहित करें। अमावस्या पर पितर गण धरती पर आते हैं और सूर्यास्त पर अपने लोक लौटते हैं। अतः जब पितृ अपने लोक में लौटते समय उनके रास्ते में अंधेरा न हो इस वजह से ही पितरों के लिए दीप जलाना चाहिए।
❁ सोमवती अमावस्या पर हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं का विनाश होता है।
❁ सोमवती अमावस्या के दिन रात को घर के ईशान कोण यानी उत्तर और पूर्व दिशा के बीच में दीपक जलाने से पितरों और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा मिलती है जिससे धन की समस्या हल होती है।
❁ सोमवती अमावस्या की शाम को लाल रंग के धागे के इस्तेमाल से केसर डालकर घी का दीपक जलाना चाहिए और इसके बाद श्रीसूक्त का पाठ करने से लक्ष्मी जी घर में वास करती हैं।
लेखक परिचय - Pandit Anjani Kumar Dadhich
पंडित अंजनी कुमार दाधीच
Nakshatra jyotish Hub
नक्षत्र ज्योतिष हब
📧panditanjanikumardadhich@gmail.com
फोन नंबर - 9414863294, 6377054504

Tuesday, 10 December 2024

कैसा होगा 2025

अंक ज्योतिष अनुसार कैसा रहेगा 2025
प्रिय पाठकों, 
10 दिसंबर 2024, मंगलवार 
मैं पंडित अंजनी कुमार दाधीच आज इस लेख में अंक ज्योतिष के अनुसार आने वाला नव वर्ष 2025 के वार्षिकफल के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दे रहा हूँ।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अंक हमारे जीवन को अलग-अलग रूपों से या अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं। कभी कोई अंक हमें शुभ परिणाम देता है तो कभी कोई अंक हमारे लिए अशुभ परिणाम भी देता है। प्रत्येक वर्ष का अपना एक विशेष अंक होता है वो अंक आपके मूलांक अंक के साथ जैसा संबंध रखता है उसी तरह के परिणाम आपको मिलते हैं। साथ ही साथ वह अंक आपके मूलांक या नामांक के साथ जिस तरह के संबंध रखता है उस तरह का भी प्रभाव भी आप पर पड़ता है। इस साल का अंक आपके लिए आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए किस तरह से प्रभावित करेगा। इन सभी पहलुओं पर अंक शास्त्र के माध्यम से जानकारी दे रहा हूं जोकि निम्नलिखित है -
पंडित अंजनी कुमार दाधीच के अनुसार अगर अंक शास्त्र के हिसाब से आने वाला नया ईस्वी साल 2025 जिसका कुल योग 9 (2+0+2+5=9) हो रहा है। अंक ज्योतिष शास्त्र के अंक 9 का स्वामी मंगल को अंक माना गया है जोकि अपने आप में एक पूर्ण अंक हैं। मंगल ग्रह को उर्जा,साहस और पराक्रम के साथ-साथ क्रोध का कारक माना जाता है। 
साल 2025 के अंको में 2 और 5 अंकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
अंक शास्त्र में मूलांक 2 का स्वामी चंद्रमा और मूलांक 5 का स्वामी बुध ग्रह को माना जाता है।
ऐसी स्थिति में इस नए साल 2025 पर मंगल, चंद्रमा और बुध की युति का सम्मिलित प्रभाव दिखाई देगा। क्योंकि 2025 में अंक 2 सबसे ज्यादा बार आवृत्ति में है जिनके सहयोग से मंगल का अंक बन रहा है। ऐसे में चंद्र मंगल की युति कुछ मामलों में अच्छी तो कुछ मामलों में खराब मानी गई है। क्योंकि ऐसी युति व्यक्ति को भावुक करने वाली मानी गई है। अंक ज्योतिष के अनुसार साल 2025 यह साल नई ऊर्जा, जोश, संतुलित सोच,वाकपटुता देने के साथ भावनात्मक असंतुलन, क्रोध, उपद्रवी तत्वों को बढ़ावा देने वाला हो सकता है। 
इन सबके बीच अनुकूल बात यह है कि बुध का प्रभाव यानि संतुलन देने का काम कर सकता है। इस वर्ष व्यक्ति उन्नादी हो सकते हैं। धर्म कर्म और जाति के नाम पर विवाद हो सकते हैं। अदालत या फिर सरकार के कुछ ऐसे निर्णय हो सकते हैं जिनसे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। भावनात्मक रूप से आहत होकर बहुत सारे लोग सड़कों पर उतरकर उन निर्णयों का विरोध भी कर सकते हैं लेकिन देर सबेर बिना किसी बड़े उपद्रव के लोग संतुलित भी हो जाएंगे। क्योंकि अंक 5 संतुलन देने का काम करेगा।
यह साल युवाओं में आक्रोश की भावना भी दे सकता है। विशेषकर बेरोजगार युवक सड़कों पर उतरने का काम कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में इस वर्ष सरकारें भी युवाओं को ध्यान में रखकर निर्णय लेने का काम कर सकती हैं। इसके अलावा धार्मिक आधार पर भी कुछ निर्णय किए जा सकते हैं। स्त्रियों के हित के लिए भी इस वर्ष कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। सामान्य तौर पर इस साल को हम औसत से कुछ हद तक बेहतर भी कह सकते हैं। छोटे-मोटे विवादों या अव्यवस्था के बाद सब कुछ संतुलित हो जाने की संभावना है।
पंडित अंजनी कुमार दाधीच 
नक्षत्र ज्योतिष संस्थान 
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सम्पर्क सूत्र - 072979 59496, 6377054504